भाई को खास अंदाज में राखी बाधने की तैयारी, भाइयों की कलाई पर सजेगी गोबर से बनी राखी
अनूपपुर। रक्षाबंधन का पर्व जितना पावन है, उसी तरह भाइयों की कलाई पर बांधने वाली राखी भी उतना ही विशेष महत्व रखती है। बहन भी इस खास पर्व पर भाई की कलाई में रक्षा सूत्र भी कुछ खास बांधना चाहती हैं। ऐसे में उनकी इस इच्छा को गोबर से बनी पवित्र राखी पूरा कर रही है। फैंसी राखियों के इस युग में इको फ्रेंडली राखी की मांग इन दोनों अनूपपुर जिले में बनी हुई है। गोबर से बनी राखी अनूपपुर जिले के गंगा स्व-सहायता समूह अंजनी द्वारा तैयार की गई हैं। इस राखी की मांग भी हर जगह बनी हुई है। 
अजीविका मिशन की दीदियों के द्वारा तैयार राखी के साथ ही एक विशेष प्रकार का उपहार रक्षाबंधन के अवसर पर आजीविका मिशन अनूपपुर द्वारा तैयार किया गया है जिसकी बिक्री कलेक्ट्रेट परिसर में अजीविका स्टाल के माध्यम से की जा रही है। स्व-सहायता समूह के उत्पादों को आमजन तक पहुंचाने और समूह की रचनात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पहली बार इस तरह का प्रयास किया गया है। इस गिफ्ट पैक की विशेषता यह है कि इसमें शामिल सभी उत्पाद स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गए हैं, इसमें गोबर से तैयार की गई राखियों के साथ-साथ भाईयों की आरती उतारने के लिए गोबर से बनी गणेश प्रतिमा, दीपक, अगरबत्ती, कुमकुम, अक्षत व स्व सहायता समूहों के द्वारा तैयार किए गए कोदो के बिस्किट्स तथा कोदो (मिलेट) और कोदो विशेष रूप से शामिल हैं।
छिंदवाड़ा के सौसर से लिया प्रशिक्षण
गोबर से बनी राखी बनाने का यह काम गंगा स्व सहायता समूह अंजनी की इंद्रवती राठौर और समूह के सदस्य शालिनी राठौर द्वारा की जा रही है। छिंदवाड़ा के सौसर से गोबर से बनी राखी व अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लिया गया। प्रशिक्षण के उपरांत गोबर से बने यह सभी उत्पाद खुद तैयार किया जा रहे हैं और इन्हें बाजार के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में प्रज्ञा मंडल गौशाला जैतहरी द्वारा मुख्य रूप से मार्गदर्शन दिया गया है। आजीविका मिशन समूह की इन महिलाओं के रचनात्मक कार्य को आगे बढ़ने का काम कर रही है।