रहस्य बनकर न रह जाए कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र से चोरी हुए नवजात मासूम के दस्तेयाब होने की कहानी नर्सों की बहस के बाद खुला राज, पर्दा तो पुलिस को मामले से उठाना पडे़गा

रहस्य बनकर न रह जाए कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र से चोरी हुए नवजात मासूम के दस्तेयाब होने की कहानी
नर्सों की बहस के बाद खुला राज, पर्दा तो पुलिस को मामले से उठाना पडे़गा
ग्राम उरतान की रहने वाली श्रीमती सेमवती केवट पति रमेष केवट को में प्रसव पीड़ा होन पर परिजनो द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा में उपचार हेतु भर्ती कराया गया। जहां 7 सितम्बर की सुबह तकरीबन 6 बजे उसने स्वस्थ षिषु को जन्म दिया। लेकिन 48 घंटे बाद जब केवट दम्पत्ति अपने घर पहुंचते है तब माॅ कि गोद में षिषु न होने पर परिवारजन और मोहल्ले पड़ोस के लोगों ने षिषु के सम्बंध में पूछां तब उसके मृत हो जाने की बात उन्हें बताई गई। 4 दिन बाद जब षिषु के कथित मृत होने की खबर प्रसव कराने वाली नर्स संगीता शर्मा को लगी तो उसे विष्वास नही हुआ और उसने स्वास्थ केन्द्र में चर्चा की तो यह बात ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर तक पहुंच गई। फिर मामले में षिषु के अस्पताल से लापता होने का नया मोड़ आ गया। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई इसके बाद पुलिस ने अपने तरीके से खोज बीन शुरू ही की थी कि नर्सो की बहस से जो राज खुला उसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया है उधर पुलिस अपनी कार्यवाही में जुटी रही और षिषु को दस्तयाब कर लिया लेकिन इस पूरे मामले में दोषी कौन है उससे पर्दा अभी उठना बाकी है।
अनूपपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा में जन्मे षिषु की 48 घंटे में मौत उसके 4 दिन बाद लापता होने की खबर से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार सरगर्म होने के बाद पुलिस तक सूचना पहुंची। वक्या ग्राम उरतान की श्रीमती सेमवती केवट पति रमेष केवट के जन्मे बच्चे का था जिसमें उनके द्वारा जब उसके मृत हो जाने की बात कही और यह जानकारी अस्पताल तक पहुंची तब जचकी कराने वाली नर्स संगीता शर्मा को यह विष्वास ही नही हुआ कि जन्म के समय जिस षिषु का वजन साढ़े 3 किलो रहा हो और वह पूर्णतः स्वस्थ था। उसकी मौत कैसे हो सकती है। हलचलें बढ़ी तो षिषु के अस्पताल से लापता होने लगी। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे तब जच्चा-बच्चा के डिस्चार्ज होने की जानकारी रजिस्टर एवं सीसी टीवी से मिलान की बात करते हुए ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर ने कोतमा पुलिस को जानकारी दी उसके बाद साजिस की कहानी परत दर परत अपने आप खुलने लगी जो चैकाने वाली किसी फिल्मी कहानी से कम नही है।
स्टाफ नर्स चंदा के पास मिला नवजात
रविवार 17 सितम्बर को शिशु की तलाश में जुटी कोतमा पुलिस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा की स्टाफ नर्स चंदा के पास से दस्तयाब कर लिया। नवजात शिशु को बाल कल्याण समिति की सुरक्षा में रखा गया है। उधर स्टाफ नर्स चंदा के पास नवजात शिशु के पहुचने के मामले में पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया की सफाई कर्मी सीमा के द्वारा नवजात की दादी से लेते हुए नर्स अनुराधा वर्मा के फार्म हाउस में रखा गया जहां से नवजात को स्टाफ नर्स चंदा अपने घर ले गई। यह बात सफाई कर्मी सीमा के द्वारा पुलिस को बताई गई बहरहाल पुलिस अभी पूंछ-तांछ कर रही है। लेकिन किसी के खिलाफ अपराध दर्ज नही किया गया है।
आखिर किसने रची साजिश और क्यों
स्वस्थ जन्मे नवजात शिशु के पहले मृत होने की कहानी उसके माता-पिता एवं उसकी दादी के द्वारा गांव वालों एवं परिजनों को बताई गई लेकिन जब यह बात जचकी कराने वाली नर्स तक पहुंची और उसे यह अचम्भित लगा तब अस्पताल में उसकी दूसरी नर्स के साथ बहस हुई। जिसके बाद अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज देखे गए। जिसमें सफाई कर्मी सीमा नवजात को गोद में लेते दिखाई पडी यहां सवाल खडा होता है कि आखिर शिशु के मृत होने की साजिश क्यों रची गई उसके बाद लापता होने की कहानी सामने पेश की गई। जानकार सूत्र बताते है कि यह सब कुछ नवजात के पिता और उसकी दादी की सोची समझी साजिश थी। जिससे पुलिस ही पर्दा उठा सकती है।
सब्जी-भाजी नही कि हो जाए समझौता
यह मामला अपने आप में चौंकाने वाली किसी फिल्मी कहानी से कम नही है। और इसमें विधिवेताओं की माने तो गैर कानूनी तरीके से गोद देना या लेना इसके लिए अपहरण जैसी धाराओं का अपराध बनता है इसके अलावा नवजात के जीवन के साथ खिलवाड़ करने जैसा गंभीर अपराध है और इसके लिए सात साल तक की सजा का प्रावधान है। ऐसा गंभीर अपराध समझौते योग्य नही है क्योकि यह नवजात के भविष्य से जुडा विषय है कोई सब्जी-भाजी का मामला नही जिसमें पुलिस आपस में समझौता कराए पुलिस को इस पूरे प्रकरण से पर्दा उठाना पडेगा नही तो यह बीते ऐसे अन्य मामलों की तरह रहस्य बनकर ही फाइलों में दफन हो जाएगा।
इनका कहना है
बच्चे को स्टाफ नर्स चंदा के कब्जे से बरामद किया गया है पूरे मामले की जांच की जा रही है नवजात को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है उसके बारे में फैसला उन्हें ही करना है पूरे मामले में अपराध के संबंध में जांच चल रही है
सुंदरेश सिंह मरावी, थाना प्रभारी कोतमा
बच्चा अभी हमारे पास है वह पूर्णतया स्वस्थ है और उसकी पूरी देखभाल की जा रही है इस मामले में गैरकानी तरीके से बच्चों को गोद लेने की कोशिश की गई है यह भारतीय दंड संहिता की धारा 363 यानी अपहरण की श्रेणी में आता है और इसके अलावा उसे बच्चों के भविष्य और उसके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की या उसे मृत्यु कार्य करने जैसा अपराध किस श्रेणी में भी आता है ऐसे मामले में 7 साल तक की सजा हो सकती है पूरे मामले की जांच करने के बाद पुलिस को रिपोर्ट भेजी जाएगी और आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा
कुमार ध्रुव अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति अनूपपुर