ग्राम औढेरा में रामा सीमेंट की जनसुनवाई सम्पन्न, जनप्रतिनिधियों ने जताया समर्थन, ग्रामीणों ने रखीं मांगें
भू-अधिग्रहण, रोजगार और अस्पताल निर्माण का कंपनी ने दिया आश्वासन

पाली - ग्राम ओढेरा में शुक्रवार को मेसर्स रामा सीमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मरवाटोला VII कोयला खदान परियोजना को लेकर पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक जनसुनवाई का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधि, सरपंचगण एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

यह परियोजना लगभग 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित है, जिसमें ओपनकास्ट और अंडरग्राउंड दोनों प्रकार की खदानें संचालित होंगी। परियोजना की अनुमानित कोयला उत्पादन क्षमता 1.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष है, जिसमें से 0.7 मिलियन टन उत्पादन अंडरग्राउंड खनन से होगा।

जनसुनवाई में जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकाम, पाली एसडीएम अम्बिकेश प्रताप सिंह एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंघ मरकाम ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगों और आपत्तियों को गंभीरता से लिया जाएगा तथा यथासंभव समाधान सुनिश्चित किए जाएंगे।

कंपनी के महाप्रबंधक अजीत सिंह सोढा ने परियोजना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि रामा सीमेंट पर्यावरणीय मानकों का पूर्ण पालन करेगी और स्थानीय हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से की जाएगी और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा, स्थायी रोजगार एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही, कंपनी द्वारा एक आधुनिक अस्पताल की स्थापना भी की जाएगी, जो कंपनी कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों एवं आसपास के क्षेत्रवासियों के लिए भी खुला रहेगा।

कार्यक्रम में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, सरपंचों एवं सामाजिक नेताओं ने इस परियोजना को क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बताते हुए इसका समर्थन किया। ग्रामीणों ने रोजगार, स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं जलस्रोतों की सुरक्षा को लेकर सुझाव भी रखे।

जनसुनवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पाली थाना प्रभारी एम. एल. मरावी, घुनघुटी चौकी प्रभारी भूपेंद्र पंत, स्थानीय पुलिस बल के साथ-साथ उमरिया लाइन से आए अतिरिक्त बल भी तैनात रहा।

यह आयोजन ग्राम पंचायत भवन परिसर औढेरा में सम्पन्न हुआ। परियोजना से क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार की संभावनाएँ जताई जा रही हैं।