सरपंच संघ के अध्यक्ष व सरपंच हीरा ने लिख दिया भ्रष्टाचार की इबारत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत के सरपंच कांग्रेस नेता हीरा सिंह ने निर्माण कार्यो में लाखो के फ़र्ज़ी बिल लगा कर विकाश कार्यो की राशि का किया गोलमाल-राजन सिंह

सरपंच संघ के अध्यक्ष व सरपंच हीरा ने लिख दिया भ्रष्टाचार की इबारत
पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत के सरपंच कांग्रेस नेता हीरा सिंह ने निर्माण कार्यो में लाखो के फ़र्ज़ी बिल लगा कर विकाश कार्यो की राशि का किया गोलमाल - राजन सिंह
अनूपपुर- ज़िले के सबसे बड़े जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ आये दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है पुष्पराजगढ़ की भूगोलिक स्थित जटिल होने के कारण यहाँ विकास की कमियों को देखते हुए राज्य शासन व जिला प्रशासन के द्वारा विकाश के काम युद्ध स्तर पे हो सके व समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकाश पहुच सके इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है अधिकारियों वा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निर्माण व विकाश के कार्य कराए जा रहे है लेकिन जब बाड़ा ही खेत खाने लगे तो खेत कैसे सुरक्षित होगा यह सबसे बड़ा सवाल है। ठीक कुछ इसी तरह पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत करपा की हालत है जनता ने जिसे अपना बहुमूल्य वोट देकर अपना नेता( सरपंच) बनाया था जब उनका नेता ही विकाश कार्यो की राशि हड़प कर जाए तो भला कैसे अंतिम व्यक्ति तक विकाश पहुचेगा यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा। पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत करपा के उपसरपंच मोहम्मद शरीफ व कुछ ग्रामीणों के द्वारा करपा सरपंच हीरा सिंह के लाखों के काले कारनामो का चिठा ले कर ज़िला पंचायत के सी ई ओ के पास पत्र के माध्यम से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की शिकायत पत्र में बिंदुवार सरपंच हीरा सिंह के लगभग दस लाख के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए किन किन निर्माण कार्यो में कितनी राशि व कहा कहा बिना कार्य कराए ही फ़र्ज़ी बिल लगा राशी निकली गई है सभी के बिल व समस्थ दस्तावेज प्रस्तुत कर सभी कार्यो की टीम गठित कर बारीकी से जांच किया जाने की गुहार लगाई है। यह पर हम आप की बतादे हीरा सिंह करपा सरपंच होने के साथ साथ पुष्पराजगढ़ के सरपंच संघ के अध्यक्ष भी है जो कि कांग्रेस समर्थित नेता है और पुष्पराजगढ़ के विधायक फन्देलाल सिंह मार्को के करीबियों में से एक है सायद इसी रसूख के दम पे ये खुलेआम भ्रष्टाचार के गाथा लिख रहा है या यूं कहें एक आदिवासी नेता होकर गरीब आदिवाशियो के हक पे डाक डाल अपने जेब भर रहा है ।बहरहाल अब देखना होगा कि क्या ज़िले में बैठे अधिकारी करपा के भ्रष्टाचार के जिन को बाहर निकल कर दूध का दूध पानी का पानी कर पाएंगे या हीरा सिंह के नेतागिरी के आगे प्रशासन घूटने टेक देगा क्या एक बार फिर से ग्रामीण अपनेआप को ठगा हुआ महसूस करेंगे या मिलेगा न्याय ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
हीरा सिंहः के काले कारनामे
यहाँ यहाँ हुआ भ्रष्टाचार
ग्रामपंचायत करपा के उप सरपंच ने शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि ग्रामपंचायत करपा के सरपंच हीरा सिंह ने बिना स्वकृति के पी डब्लू डी मार्ग पर 20से 25 ट्राली मुरुम डलवा कर 466000 का भुकतान किया गया है मुर्मिकरण कार्य मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विश विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक /43/2018/22/4-1 दिनांक 08/03/2019/ के दिशा निर्देश में गैर अनुमत्य कार्य की श्रेड़ी में आता है 2 सरपंच हीरा सिंह ने हाई स्कूल में साइकल स्टैंड के नाम पर बिना मूल्यांकन के राशि 216350 का भुकतान किया गया जबकि उक्त साइकिल स्टैंड में शिर्फ़ कुछ टीन का सेड लगा कर राशि निकाल कर लाखों का भ्रस्टाचार किया गया 3 साप्ताहिक हॉट बाजार वर्ष 2023- 24 की नीलामी की राशि 351000 सरपंच द्वारा सम्पूर्ण राशि आज दिनांक तक नही जमा कराया गया जबकि साप्ताहिक बाजार के ठेकेदार के द्वारा सम्पूर्ण राशि पंचायत को देकर राशिद लेलिया गया है सरपंच के द्वारा उक्त राशि स्वयं के उयोग में लेकर वित्तीय अनियमितता किया गया है। 4 सरपंच के द्वारा नाली निर्माण पटवारी भवन से हॉस्टल तक कार्य बिना मूल्याकंन के तकनीकी स्वकृति से अधिक राशि का भुकतान किया गया उक्त कार्य में 600427 का कुल स्वकृति था जिसमे पंच परमेश्वर पोटल से 4353494 रुपये और 15 वित्त से 164937 रुपयों का भुकतान किया गया है। 5 बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य कस्तूरबा गांधी हॉस्टल करपा में 7 लाख 96 हजार का भुकतान किया गया जबकि कार्य स्टीमेट के अनुसार बाउंड्रीवाल की लंबाई काम बनाया गया है। 6 सरपंच द्वारा भण्डार क्रय नियम का पालन नही किया गया सामग्री क्रय हेतु कोई निविदा जारी नही किया जाता है और न ही किसी सदस्य को बताया जाता है मनमाने तरीके से अपने सगे संबंधित लोगो को बेंडर बना कर राशि का दुरुपयोग किया जाता है। ग्रामपंचत करपा में ऐसे बहुत से मामले है जिनकी बारीकी से जांच किया जाना आश्यक है इस पूरे भ्रस्टाचार में अकेले सरपंच नही है इसमें करपा में पदस्थ प्रभारी सचिव और उपयंत्री की भी मिलीभगत हो सकती यह भी जांच का विषय है इसमें ज़िला प्रशासन को निष्पक्ष जांच करना चाहिए।