राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम पर अंर्तरविभागीय कार्यशाला संपन्न
उमरिया- जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभाव सामने आने लगे है। कहीं अतिवृष्टिए कहीं सूखाए कहीं वायरल डिसीस ए वायु प्रदूषणए तापमान में वृध्दि आदि जैसे भीषण परिणाम सामने आने लगे है । आगें चलकर ये परिणाम और भी घातक हो सकते है । इनसे बचने के लिए हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन लाने की जरूरत है। वायुमण्डल को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पालीथीन का उपयोग बंद करना होगा । वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना होगा । वायु प्रदूषण ए ईधन प्रदूषण ए जल की शुध्दता को बनाएं रखने हेतु सामूहिक प्रयास करने होगे ए इसके लिए हमे अपरम्परा उर्जा स्रोत जैसे सोलर एनर्जी ए विंड एनर्जी को बढावा देना होगा । क्रंकीट के जंगल की जगह वृक्षारोपण तथा वन क्षेत्र में वृध्दि करनी होगी । यह विचार कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य ने कलेक्टर सभागार में संपन्न राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम पर अंर्तरविभागीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत इला तिवारीए अपर कलेक्टर शिवगोविंद सिंह मरकामए बांधवगढ एसडीएम अमित सिंहए मानपुर कमलेश पुरीए पाली टी आर नाग सहित विभिन्न  विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी अनिल सिंह उपस्थित रहे । सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण तथा उसके दुष्परिणाम की जानकारी आम जन तक पहुंचानी होगी ए इसके लिए नगरीय क्षेत्रों से लेकर महाविद्यालयों ए स्कूलों ए स्व सहायता समूहोंए जन अभियान परिषदए मुख्यमंत्री जन सेवको की कार्यशालाओं का आयोजन कर जन जागरूकता लानी होगी तथा आम जन को उनके जीवन शैली तथा दिनचर्या में बदलाव हेतु जागरूक करना होगा। कार्यशाला में नोडल अधिकारी अनिल सिंह ने जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के संबंध में पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया गया।