राष्ट्र व समाज सेवा करके मनुष्य जीवन को सार्थक बना सकता है,अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी महाराज ,राज्य स्तर शिविर के चतुर्थ दिवस अमरकंटक के मेला परिक्षेत्र व गणेश धूनी मंदिर परिसर में स्वयंसेवकों ने श्रमदान कर आमजन को जागरूक किया ,,रिपोर्ट @ श्रवण उपाध्याय अमरकंटक

राष्ट्र व समाज सेवा करके मनुष्य जीवन को सार्थक बना सकता है,अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी महाराज
राज्य स्तर शिविर के चतुर्थ दिवस अमरकंटक के मेला परिक्षेत्र व गणेश धूनी मंदिर परिसर में स्वयंसेवकों ने श्रमदान कर आमजन को जागरूक किया
अमरकंटक - मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में चल रहे राज्य एन.एस.एस. के अधिकारी डॉ. मनोज अग्निहोत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन , उच्च शिक्षा विभाग , राज्य स्तर रासेयो (प्रकोष्ठ) भोपाल द्वारा आयोजित मध्यप्रदेश राज्य स्तर नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर अमरकंटक के चतुर्थ दिवस पर प्रदेश के कोने कोने से आए 600 स्वयंसेवकों ने परियोजना कार्य के रूप में मां नर्मदा के पावन तट पर स्थित गणेश धूनी मंदिर परिसर व नगरपालिका मेला परिक्षेत्र में श्रमदान कर परिसर को प्लास्टिक मुक्त किया गया ।
स्वयंसेवकों ने "हम सबने यह ठाना है, अमरकंटक को स्वच्छ बनाना है" इन नारों को गुंजायमान करते हुए पर्वतराज अमरकंटक की गोद में स्थित मां नर्मदा की मैकल परिक्रमा के प्रारंभिक स्थल गणेश धूनी व शिवरात्रि मेला परिक्षेत्र व समीप के जंगल में फैले हुए 2 ट्राली प्लास्टिक कचरे को बिनकर स्वच्छता का सन्देश दिया ।
परियोजना कार्य के पश्चात श्रम सीकर में शिविर संचालक राहुल सिंह परिहार ने विद्यार्थियों को एनएसएस की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा से रूबरू कराया।
*संतो का समागम शिविर के चतुर्थ दिवस के बौद्धिक सत्र में हुआ* ।
अतिथियों का स्वागत शिविर संगठक के डॉ. मनोज कुमार अग्निहोत्री एवं शिविर आयोजक डॉ. अभिमन्यु प्रसाद ने किया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि मां नर्मदा के तट पर एक दिन भर वास करने से जीवन धन्य हो जाता है आपने एक सप्ताह स्वच्छता अभियान चलाकर अपने जीवन को सार्थक कर बना डाला ।
*बौद्धिक सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारें महंत रामभूषण दास जी महाराज*
बौद्धिक सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे श्रीमहंत रामभूषण दास जी महाराज ने मां नर्मदा जी के आध्यात्मिक स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बच्चों को संबोधित किया ।
सारस्वत अतिथि के रूप में स्वामी गिरीजानंद जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र व समाज सेवा करके मनुष्य जीवन को सार्थक किया जा सकता है । उन्होंने सनातन धर्म की अवधारणा को स्पष्ट किया । बौद्धिक सत्र में स्वामी लवलीन जी महाराज (धारकुंडी आश्रम ) का सान्निध्य भी प्राप्त हुआ । बौद्धिक सत्र में अध्यक्षीय भाषण प्रदान करते हुए स्वामी महेश चैतन्य जी महाराज (तुरी आश्रम) ने मां नर्मदा जी की उत्पत्ति कथा को बहुत ही सुक्ष्म रूप में व्याख्यान कर बच्चों को बतलाया ।
इस अवसर पर राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. मनोज कुमार अग्निहोत्री ने कहा कि मां नर्मदा के पावन तट पर आयोजित इस रासेयो शिविर में संतों का समागम हमारे सौभाग्य का उदय है । बौद्धिक सत्र में कार्यक्रम समन्वयक , जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर हरिशंकर कंसाना ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया और आभार कार्यक्रम समन्वयक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के डॉ. विजय कुमार वर्मा किया । बौद्धिक सत्र का संचालन शिविर संचालक राहुल सिंह परिहार द्वारा किया गया।
द्वितीय बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में आगाज़ संस्था के डायरेक्टर एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि प्रशांत दुबे ने बाल संरक्षण व अधिकार विषय पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में बालकों के मुख्यत: चार अधिकार परिभाषित किए गए हैं– जीवन का अधिकार , विकास का अधिकार , संरक्षण का अधिकार एवं सहभागिता का अधिकार । उन्होंने बाल अधिकार व संरक्षण हेतु बाल संरक्षण हेल्पलाइन नंबर 1098 को साझा किया और कहा कि आपकी एक सूचना एक बालक के जीवन को तबाह करने से बचा सकती है । इस सत्र में आगाज़ संस्था के कॉर्डिनेटर विजय बघेल का भी सान्निध्य बच्चों को प्राप्त हुआ । बौद्धिक सत्र संचालन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की स्वयंसेविका प्राची झारिया ने किया।
प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्वयंसेवकों द्वारा प्रभात फेरी का आयोजन किया गया एवं तत्पश्चात डॉ. मनजीत सिंह सलूजा द्वारा मन , आत्मा एवं शरीर के स्वास्थ्य हेतु स्वयंसेवकों को योगाभ्यास कराया गया । इन अवसरो पर क्षेत्रीय पत्रकारो की भी उपस्थित समयानुसार हमे प्राप्त होती रहती है ।