रेत माफियाओं की धमा चैकड़ी से मजाक बनी जिले की पुलिस व्यवस्था उड़ रही सुशासन की धज्जियां सीसीटीवी फुटेज से लगाई जा सकती है रेत माफियाओं पर लगाम

रेत माफियाओं की धमा चैकड़ी से मजाक बनी जिले की पुलिस व्यवस्था उड़ रही सुशासन की धज्जियां
सीसीटीवी फुटेज से लगाई जा सकती है रेत माफियाओं पर लगाम
इन्ट्रो-प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के गठन के दो माह पूरा होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री सुशासन के साथ दिन पूरा होने की भी लूटने में लगे हैं और इसको लेकर समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन जारी किए गए हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर अनूपपुर जिले के रेत माफिया अपनी धमा चैकड़ी से सुशासन की धज्जियां भी खेलते हुए जिले की कानून व्यवस्था को मजाक बना दिया है।
अनूपपुर। जिले की कानूनी व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए जिले भर के रेत माफिया शाम होते ही सोन, तिपान, केवई, बकान, चंद्रास नदियों के घाटों से अवैध रेत निकालकर खुलेआम अवैध परिवहन कर रहे हैं। जहां एक तरफ जिला खनिज विभाग विधानसभा में उठाए गए सवालों के जवाब में यह कह रहा है कि जिले में अवैध खनन का कार्य नहीं हो रहा है पुलिस विभाग के विभिन्न स्थानों ने अवैध खनन करने वालों से खुलेआम मुनादी करवाके 2000 प्रति ट्रिप देकर अवैध खनन करने की खुली छूट के साथ साथ हर तरह का कानूनी संरक्षण प्रदान कर रही है। यही कारण है कि अब अनूपपुर के कोने-कोने से यह कहां जाने लगा है कि जिले भर के रेत माफिया जिस तरह से खुलेआम धमा चैकड़ी करके अवैध रेत खनन परिवहन कर रहे हैं उस जिले के पुलिस विभाग मजाक बनके रह गई है। फिलहाल यहां पर बात की जाए तो अनूपपुर, पसान, कोतमा, बिजली, बैंक्ट नगर, जैतहरी राजेंद्रग्राम, राजनगर, डोला, डूमर कछार बनगवा, बरगवां, बदरा, फुनगा, चचाई, कोई ऐसी जगह नहीं है जहां पर इस समय रेत माफिया सक्रिय नहीं है।
सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है रेत माफियाओं का राज
जिले मे रेत का अवैध खनन और अवैध परिवहन से भले ही पुलिस विभाग का मजाक उड़ रहा है लेकिन पुलिस विभाग अवैध वसूली में मस्त होने के कारण अवैध रेत खनन और अवैध परिवहन पर चुप्पी साधे बैठी है। इस विषय में जानकारी का कहना है कि पुलिस विभाग अगर रेत माफियाओं पर ईमानदारी के साथ कार्यवाही करना चाहती है तो उसे कोतमा पसान बिजुरी और अनूपपुर नगर पालिकाओं के साथ-साथ जिन-जिन नगरी निकाय क्षेत्रों में सीसीटीवी फुटेज लगे हैं वहां के एक हफ्ते का का सीसीटीवी फुटेज निकाल कर पड़ताल कर ले तो सारे रेत माफिया पुलिस के चंगुल में आ जाएंगे। यही नहीं सूत्रों का यह भी दावा है कि पुलिस विभाग से युक्त फुटेज जिला प्रशासन और खनिज विभाग भी मांग कर देख सकता है जिससे अवैध रेत परिवहन के साथ-साथ खनन पर भी अंकुश लगाए जाने में आसानी होगी। वही इस बात की भी चर्चा है कि अधिकतर रेत माफिया सत्ता पक्ष से जुड़े हुए नेता है जिसके कारण पुलिस इन पर कार्यवाही नहीं करना चाहती है और नहीं जिला प्रशासन और खनिज विभाग जिले भर में अवैध रेत खनन और परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के लिए गंभीर है।
रोजाना सरकार को लग रहा लाखों का चुना
जिले में अवैध रेत खनन और अवैध परिवहन के कारण जिले में एक अनुमान के तहत सरकार को लाखों रुपए का राजस्व का घाटा हो रहा हैस सूत्रों की माने तो अवैध रेत खनन और परिवहन में जहां बिजुरी थाना क्षेत्र जहां नंबर वन है वही कोतमा नंबर दो पर और पसान नंबर तीन पर है, जबकि अनूपपुर जिला मुख्यालय भी इस समय अवैध खनन और परिवहन करने वाले माफिया के चंगुल में कर रहा है जबकि दुर्भाग्य है कि सारे वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस और निवास यहीं पर है और सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यही है कि उक्त अधिकारियों के आवास और ऑफिस के सामने से अवैध रेत का परिवहन होता है और जिसकी आवाज एसपी से लेकर कलेक्टर के बंगले के अंदर तक जाती रहती है लेकिन इसके बावजूद भी जिला का प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ खनिज विभाग के अधिकारी सफेद झूठ बोल रहे हैं कि जिले में अवैध खनन नहीं हो रहा है।
क्यों नहीं हो रही माफियाओं पर कार्यवाही
अनूपपुर कोतमा और बिजुरी थाना क्षेत्र में कई रेत खनन माफियाओं के अवैध परिवहन करते हुए ट्रैक्टर और डग्गी पकड़ी गई है इसके बावजूद जुर्माना देकर अपने वाहन को छुड़ाने के बाद वह रेत माफिया दुने जोश के साथ रेत के अवैध धंधे में कूद पड़ते हैं स यहां पर यह सवाल खड़ा होता है कि जब किसी अपराधी के खिलाफ बार-बार मुकदमा दर्ज होता है तो पुलिस उसे जिला बदर के साथ-साथ अन्य प्रति बंधात्मक कार्रवाई करने लगती है लेकिन अनूपपुर जिले में लगभग 20 से ज्यादा ऐसे रेत माफिया हैं जिनके वहां 4 से 5 से भी ज्यादा रेत का अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गए लेकिन पुलिस प्रकरण बनाकर और प्रशासन जुर्माना करके भूल जाता है जिसके कारण उक्त माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैंस आम लोगों का कहना है कि उक्त रेत माफियाओं पर अपराधियों की तरह जिला बदर और प्रतिबंधात्मक कार्यवाही शुरू हो जाए तो अवैध रेत खनन के कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है।