रेत माफियाओं से बिजुरी टीआई के साथ गांठ का पर्दाफाश ऑडियो हो रहा वायरल
खनिज विभाग को नही मिल रहा चढ़ावा, रात में बोल दी धावा 
इन्ट्रो-
एक फिल्मी डाइलाग बडा फेमस हुआा था कि अगर पुलिस चाह ले तो मंन्दिर के समाने से कोई एक चप्पल भी चोरी नही कर सकता तो इन खनिज माफियाओं की विसात ही क्या बिना पुलिस की जानकारी में अपराधी या माफिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते यह एकदम सच है इस समय बिजुरी पुलिस पर क्षेत्र में चल रही रेत माफियाओं से वसूली और उनको अवैध रेत चोरी करने में खुला संरक्षण का आरोप तो लगता ही रहता है लेकिन अब एक ऐसा ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस और रेत माफियाओं और खबर नवीसों के बीच साठ-गांठ का पर्दाफाश हो गया है।
(क्राइम रिपोर्टर)
अनूपपुर।
विगत दिनों बिजुरी थाने से कुछ कदमों की दूरी पर रेत माफियाओं के गुंडे दबंगई के बल पर खनिज विभाग द्वारा जप्त किए ट्रैक्टर को छुड़ा ले जाने की घटना अभी थमी भी नहीं थी कि बिजुरी क्षेत्र के रेत माफियाआंे के एक ऐसा ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ-साफ यह स्पष्ट है कि रेत माफिया दिनदहाड़े बिना किसी कानूनी डर के जिस तरह से अवैध रेट का उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं उसके पीछे उनके द्वारा पुलिस विभाग को चढ़ाया जा रहे चढ़ावा की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है इस कथित ऑडियो से पता चलता है। फिलहाल इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि तो नहीं की जा सकती लेकिन क्षेत्र में चल रही चर्चा के अनुसार यह ऑडियो बिजुरी क्षेत्र के उन रेत माफियाओं की है जो पुलिस को पैसा देकर अवैध ढंग से रेत परिवहन करने में दिन-रात लगें हुए है। और इस समय जनता में चर्चा का विषय बने हुए हैं। फिलहाल आम जनता की माने तो देर रात होते ही अवैध रेत से लगे ट्रैक्टर और डंपरों की बिजुरी क्षेत्र की सड़कों पर सरपट दौड़ तो लगती ही रहती है लेकिन कई ट्रैक्टर और डंपर ठीक थाने के सामने से भी निकलते हैं और इस पर बिजुरी पुलिस जिस तरह से खामोशी का चादर ओढ़ कर अपनी जुबान बंद किए हुए हैं उससे आम जनता में चर्चा थी कि कहीं ना कहीं रेत माफियाओं द्वारा बिजुरी पुलिस को मोटा चढ़ावा चढ़ाया जाता है और अब यह वायरल हो रहा वीडियो इसकी पुष्टि भी कर रहा है।
पुलिस का सहयोग न पाकर शो-पीस बना खनिज विभाग
वैसे तो जिले के खनिज विभाग के बारे में कहा जाता है कि वह एक ऐसा विभाग है जिसमें भ्रष्टाचार की गंगा ऊपर से लेकर नीचे तक बहती रहती है और यहां के प्राकृतिक संसाधनों का जो लूट मची है उसके लिए कहीं ना कहीं खनिज विभाग के निकम्में अधिकारी सबसे ज्यादा जिम्मेदार कहे जाते हैं। लेकिन वर्तमान में बिजुरी के थाने चंद कदम दूर जो घटना घटी उसे देखकर तो यही लगता है कि स्थानीय पुलिस का सहयोग न पाकर खनिज विभाग रेत माफियाओं के आगे शो-पीस बन गया है तो गलत नहीं है पुलिस के नाक के नीचे से रेत माफियाओं ने बुलंद हौसले के साथ जिस तरह से खनिज विभाग द्वारा जप्त किए ट्रैक्टरों को छुड़ा ले गए और बिजुरी थाने की पुलिस 2 दिन से इस घटना की जांच में ही जुटी है उसको देखकर तो यही लगता है कि बिजुरी थाने की पुलिस रेत माफिया के आगे अपना ईमान और कर्तव्य दोनों गिरवी रख दिया है।
दो हजार प्रति ट्रिप मिलता था बिजुरी थाने को
रेत माफियाओं के बताए जा रहे ऑडियो जो वायरल हो रहा है उसके अनुसार 2000 प्रति ट्रिप रेत माफिया थाने को दिया करते थे यही नहीं 1000 प्रति ट्रिप खनिज विभाग के  ड्राइवर को दिया जाता था और उसकी जिम्मेदारी केवल रात में खनिज विभाग के अधिकारियों का लोकेशन बताना था इस तरह वायरल हो रहे वीडियो में बिजुरी क्षेत्र के कई पत्रकारों का भी उल्लेख किया गया है जिसमें से किसी पत्रकार को 500 प्रति ट्रिप तो किसी पत्रकार को 700 प्रति ट्रिप देने का उल्लेख हो रहा है। फिलहाल इस ऑडियो की पुष्टि नहीं हो पा रही है कि इसमें बातचीत करने वाले कौन-कौन लोग हैं लेकिन समूचे जिले में इस समय वायरल हो रहा है यह ऑडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। आम लोगों का कहना है कि कुछ रेत माफिया आपस में बातचीत कर रहे थे और उन्हीं के बीच उनकी ही बिरादरी के एक पत्रकार ने धीरे से उसको रिकॉर्ड करके अपने साथियों के माध्यम से वायरल कर दिया है जो जांच का विषय बन गया है।
पुलिस की निष्क्रियता से हो सकती थी अनहोनी
वैसे तो रेत माफिया पुलिस और खनिज विभाग का आपसी गठजोड़ इतना लंबा है कि अगर यह कहा जाए कि यह फेविकोल से चिपका ऐसा गठजोड़ है जिसके कारण कोतमा क्षेत्र की प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची हुई है लेकिन अब इस काले धंधे में कुछ नए लोगों ने कदम रखकर जहां एक तरफ बड़े माफियाओं को चुनौती दे रहे है वहीं दूसरी तरफ पुलिस के चढ़ावे में बढ़ोतरी करके अपना सिक्का जमा रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस क्षेत्र में कदम रखने वाले नए माफिया खनिज विभाग को पैसा ना देकर स्थानीय पुलिस से साठ गांठ करके अपना काले धंधे का खेल जारी किए हुए हैं जिससे बौखलाई माइनिंग विभाग नेक कार्यवाही करने के लिए रात में इस क्षेत्र में जा पहुंची जहां पर पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने के कारण बुलंद हौसले के साथ रेत माफियाओं ने इस तरह गुंडई मचाई की खनिज विभाग जप्त किए हुए ट्रैक्टर को छोड़ना पड़ा। वहीं सूत्रों की माने तो अगर खनिज विभाग जप्त किए हुए ट्रैक्टर को ना छोड़ना तो कोई बड़ी अनहोनी कर सकती थी क्योंकि वहां पर खनिज विभाग की मात्र दो महिला अधिकारी मौजूद थी और गुंडई करने वाले लगभग 50 सौ की संख्या में पुलिस की बिना परवाह किए अपनी गुंडई का बोलबाला दिखा रहे थे।