नागपुर से गिरफ्तार हुआ अनूपपुर में धोखाधड़ी का आरोपी
अस्पताल खोलने के नाम पर लोगों को लगाया था 46 लाख का चूना

 


अनुपपुर।
जिला मुख्यालय अनूपपुर के कान्हा गेस्ट हाउस की बिल्डिंग में कोरोना संक्रमण के दौरान आस्था अस्पताल प्रारंभ हुआ था, 10 बिस्तरों वाले अस्पताल के संचालन के लिए निजी भवन को किराए पर लिया गया था। महज 8 महीने के अंदर ही अस्पताल संचालक वीपेंद्र सिंह बघेल ने स्थानीय लोगों को अस्पताल में निवेश और मुनाफे के नाम पर लगभग 60 लाख का चूना लगा दिया। रुपए निवेश के दौरान बाकायदा शपथ पत्र पर अनुबंध भी कराया गया था, सितंबर 2021 महीने में अचानक से अस्पताल बंद हुआ और वहां कार्यरत कर्मचारी भी गायब हो गए। वीपेंद्र सिंह बघेल का मोबाइल भी बंद हो गया जिसके बाद आठ पीड़ितों ने ठगे जाने के बाद पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। कोतवाली अनूपपुर में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला पंजीबद्ध हुआ। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित लगातार थाने के चक्कर काटते रहे। नवागत थाना प्रभारी अरविंद जैन ने इस मामले को लेकर मुखबिरों को सक्रिय किया तो जानकारी मिली कि आरोपी नागपुर में रह रहा है। आनन-फानन में पुलिस टीम को रवाना किया गया जहां नागपुर से आरोपी को गिरफ्तार कर अनूपपुर लाया गया। पुलिस के द्वारा रिमांड भी लिया जा रहा है।
मुनाफा बताकर की थी ठगी
6 सितंबर 2021 को पुलिस अधीक्षक को की गई शिकायत में फरियादियों ने बताया कि जिला मुख्यालय में आस्था अस्पताल के संचालन के साथ ही संचालक दीपेंद्र सिंह ने स्थानीय लोगों से संपर्क प्रारंभ किया और अस्पताल के काम में मुनाफे को दिखाकर लोगों से रुपए भी जमा कराए। मेडिकल स्टोर, सोनोग्राफी मशीन, एक्स-रे मशीन मे हिस्सेदारी के नाम पर रुपए लिए गए। जितेश गुप्ता और उनके साथियों से 34 लाख 18 हजार 680 रुपए लिए गए। इसी तरह अन्य व्यक्तियों को भी झांसे में लेकर उनसे रुपए जमा कराए गए। शुरू के 2 महीने में भुगतान भी उन्हें मिला और अचानक से अस्पताल संचालक लापता हो गया था। आरोपी को रिमांड में लेकर पुलिस के द्वारा पूछताछ भी की जा रही है। वहीं इस मामले में आशंका व्यक्त की जा रही है कि धोखाधड़ी का आंकड़ा 46 लाख से भी अधिक का हो सकता है। अस्पताल के नाम पर निवेशकों में कुछ नामचीन लोग भी हैं, जो अभी सामने नहीं आ रहे हैं। आरोपी से पूछताछ के बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा।
फरार स्थाई वारंटी को पुलिस ने किया गिरफ्तार 

 


बीते तीन वर्षों से कोतवाली अनूपपुर में दर्ज 8 अलग-अलग प्रकरणों में फरार चल रहे स्थाई वारंटी संजीव कुमार केसरवानी उर्फ सज्जू पिता मुरारी लाल केशरवानी उम्र करीब 31 साल निवासी बसंतपुर दफाई अमलाई थाना चचाई को मंगलवार की सुबह अनूपपुर पुलिस ने अमलाई से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। फरार आरोपी संजीव कुमार केसरवानी उर्फ सज्जू के विरुद्ध जिला अनूपपुर के विभिन्न न्यायालय में विचाराधीन  कुल आठ प्रकरण में फरार होने से माननीय न्यायालय द्वारा 08  स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, उक्त आठ स्थाई गिरफ्तारी वारंटी के गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार के द्वारा प्रत्येक वारंट पर तीन हजार रुपये की इनाम राशि उद्घोषित की गई है।  उक्त मामले धोखाधड़ी सहित  नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट एन आई ए के तहत पंजीबद्ध हैं एवं  लबे समय से संजीव कुमार केसरवानी के फरार होने से प्रकरणों में स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। आठ मामलों में फरार चल रहे स्थाई गिरफ्तारी वारंट को गिरफ्तार करने पर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार ने टी. आई. कोतवाली अरविंद जैन एवं उनकी टीम के सहायक उप निरीक्षक गोविंद प्रसाद पनिका, प्रधान आरक्षक शेख रशीद, प्रधान आरक्षक  राजेंद्र कंवर एवं महिला आरक्षक अंकित सोनी को उद्घोषित इनाम राशि देने का आदेश दिया है। निरीक्षक अरविंद जैन ने बताया कि फरार स्थाई गिरफ्तारी वारंटी संजीव कुमार केशरवानी को उसके घर से गिरफ्तार किया गया मौके पर फरार आरोपी के घर  के दरवाजे पर हमेशा की तरह ताला लगा हुआ था। पुलिस टीम द्वारा ताला तुड़वाया गया जहां वह घर के अंदर छुपा था जिसे गिरफ्तार  किया गया । यह गिरफ्तारी पुलिस अधीक्षक अनूपपुर जितेंद्र सिंह पवार के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर शिवकुमार सिंह तथा एस.डी.ओ.पी. अनूपपुर सुमित कुमार केरकेट्टा के मार्गदर्शन में की गई।
इनका कहना है
धोखाधड़ी के आरोपी विपेन्द्र को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी।
अरविंद जैन, कोतवाली प्रभारी, अनूपपुर