कोतमा घर मे घुस असलहे की नोक पर सात लाख की लूट,पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी 
अनूपपुर - अनूपपुर जिला इन दिनों बदमाशो का गढ़ बनता जा रहा है और बीती रात कोतमा थाना अंतर्गत पथरौडी में बड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया गया दरसल कोतमा के लाहसुई में रहने वाले अहतयाम अंसारी जिनका एक घर कोतमा से पांच किलोमीटर आगे पथरौडी पंचायत में नेशनल हाइवे के किनारे मकान बना हुआ है जहां उनके छोटे भाई माता और उनकी बहू रहते है कल शाम लगभग साढ़े छै बजे के दरमियान मोटरसाइकिल से सवार हो कर तीन लोग पहुंचे सड़क पर मोटर साइकल खड़ी कर दो लोग घर पहुंचे और कहा कि हम कलेक्ट्रेट से आये है आप के घर मे जो सामान लगा हुआ है उसकी फोटो खींच कर भेजनी है घर मे मौजूद बहू ने जब अपने पति को फोन करने लगी तो बदमाशों ने असलहा दिखा कर फोन छीन लिया मामले को गंभीर देखते हुए बुजुर्ग माँ अपनी बहू को लेकर सड़क की तरफ आई और लोगों को रुकवाने लगी पर अंधेरा होने की वजह से जल्दी कोई रुका नही और जब तक कि लोग रुकते बदमाशों ने आलमारी में रखे।गहने और नगदी ले फरार हो गये चूंकि पहले से एक बदमाश मोटरसाइकिल में बाहर मौजूद था भागने में सफल रहे,बदमाशों ने माँ और बहू दोनो का मोबाइल भी लूट ले गये इस घटना की जानकारी कोतमा शहर में आग की तरह फैली और जब कोतमा थाने में इस लूट की शिकायत पहुंची तो अनूपपुर पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी कोतमा,फुनगा प्रभारी सुमित कौशिक,सहित सारा पुलिस बल मोबाइल लोकेशन के आधार पर बदमाशों की तलाश में जुटा रहा पर अंततः पुलिस को खाली हांथ लौटना पड़ा इस पूरे मामले में हमने पुलिस अधीक्षक से बात की तो उनका भी जवाब कुछ संतोष जनक नही था वही पुलिस तलाश में जुटी हुई है,तो दूसरी तरफ कोतमा पुलिस का रवैया भी एफआईआर करने में  कुछ ठीक नही था शाम की घटना के बाद शिकायत दर्ज करने में रात के एक बज गये,जिले में बदमाश बेखौफ हो गये है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि दोनों माँ और बहू मौके की नजाकत को समझते हुए घर से बाहर सड़क की तरफ भाग गई अन्यथा किसी बड़ी अनहोनी होने से इनकार नही किया जा सकता था,सोने चांदी सहित नगदी ले उड़े बदमाशों का सुरगा अब तक नही लग सका पर घर के जो मोबाइल ले कर भगे थे उनकी लास्ट लोकेशन बिजुरी पता चली पर वहां पहुचने पर भी खाली हांथ लौटना पड़ा,अब पुलिस अधीक्षक जितेंद्र पवार को कुछ नया करने की जरूरत है चूंकि जब से साहब को जिले की कामना सौंपी गई कुछ ठीक नही हो रहा और कानून व्यवस्था तो पूरी तरह चौपट है,अनूपपुर जिला एक तरह से ट्रेनिग सेंटर बना हुआ है जहां सिर्फ बतौर प्रशिक्षणार्थी बन कर अधिकारी आते है और यहां की राजनैतिक शून्यता भी यही चाहती है चूंकि भुगतना तो  आम जनता को है
और शाम के वक्त इस तरह से लूट की वारदात को अंजाम देना पुलिस के लिए बडी चुनौती है देखना यह होगा कि आखिर कब तक पुलिस बदमाशो तक पहुंच पाती है या यह घटना भी अन्य घटनाओं की तरह फाइलों में दफन हो कर रह जाएगी