वनमंडल अनूपपुर में लिखी जा रही भ्रष्टाचार की पटकथा, धृतराष्ट्र बने सीसीएफ सहित अन्य अधिकारी

वनमंडल अनूपपुर में लिखी जा रही भ्रष्टाचार की पटकथा, धृतराष्ट्र बने सीसीएफ सहित अन्य अधिकारी
संभाग भर में चर्चा है कि वनमंडल कार्यालय अनूपपुर में चंद चुनिंदा स्थानीय ठेकेदारो को लेकर मेरी मर्जी कि तर्ज पर भ्रष्टाचार की पटकथा लिखी जा रही है ठेकेदार पहले भी शहडोल के उत्तर और दक्षिण वनमंडल में कटीले तारों की सप्लाई में खेल कर चुके है इसके आलावा एक जुट हो कर मंडल के सभी रेंजरो ने भ्रष्ट साहाब की षिकायत की मांसिक प्रताड़ना के आरोप लगे पर मानो हमाम में गंगे की तर्ज पर सब ने चुप्पी साध रखी है कहा यह भी जा सकता है कि अधिनस्त अधिकारी के भ्रष्टाचार के मनमानी पर धृतराष्ट्र बन सीसीएफ साहाब पर्दा डाल रहें है।
अनूपपुर। वन मंडल अधिकारी एसके प्रजापति अनूपपुर पर भ्रष्टाचार एवं अधीनस्थ कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगे है इस बात को कई माह बीत चुके है लेकिन विभाग के जिम्मेदार कार्यवाही के नाम पर जांच और रिपोर्ट का हवाला देते नजर आते है मानों इन्होंने कथित भ्रष्ट अधिकारी को भ्रष्टाचार को अंजाम देने अभयदान दिया हो कयाष यह भी लगाई जा रही है कि कथित भ्रष्ट अधिकारी के भ्रष्टाचार में संभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बराबर के हिस्सेदार है इसलिए मामला ठंडे बस्ते के हवाले करने का प्रयास किया जा रहा है इतना ही नहीं मामले में फोन न उठाकर भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी की पुष्टि करने से भी इन्हें गुरेज नहीं है। जबकि आरोप संगीन रहें कि इसकी साहब द्वारा सप्लाई में भ्रष्टाचार, प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां खरीदना, चीन की टॉर्च मनमानी ढंग से सप्लायर के साथ साठ गाठ करते हुए सरकारी धन को लूटने का कार्य किया गया जब वन परिक्षेत्र अधिकारियों ने पौधों में प्रतिबंधित दवाई छिड़काव का विरोध किया तो डीएफओ द्वारा कागजों पर साइन करवाने हेतु दबाव बनाने का कार्य किया गया हालांकि इसकी शिकायत सीसीएफ शहडोल सहित भोपाल तक की गई।
’खरीदी में भ्रष्टाचार’
उक्त घटनाक्रम की शिकायत होने के बाद भोपाल द्वारा गठित टीम ने जैतहरी स्थित सर्किट हाउस में बारी बारी में सारे वन परिक्षेत्र अधिकारियों के कथन लिए गए साथी वन मंडल अधिकारी द्वारा किए गए खरीदी मामले में भ्रष्टाचार की भी जांच की गई जिसकी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारी भोपाल मे कार्यवाही लंबित हो गई। और अब अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं। षिकायत में यह भी बताया गया कि जिसमे कृषि में उपयोग होने वाली प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयों की लगभग 15 लाख की खरीदी नियम विरुद्ध की गई एवं अधीनस्थ वन अमले पर उक्त दवाइयों के छिड़काव को जंगल में करवाने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया गया प्रतिबंधित कीटनाशक दवाइयां की जंगल में क्या उपयोगिता है यह बेहद गंभीर संधिगता से परिपूर्ण व भ्रष्टाचार का मामला है। इस तरह वन मंडलाधिकारी द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
’भ्रष्टाचार की लिखी जा रही पटकथा’
उल्लेखित मामले के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप भी साहब पर हैं आरोप लगभग प्रमाणित है आरोप है कि अमरकंटक वन विद्यालय में वन परिक्षेत्र अमरकंटक में पदस्थ प्रभारी परीक्षेत्र अधिकारी के पुत्र के नाम पर रजिस्टर्ड बोलेरो वाहन को नियम विरुद्ध माह फरवरी 2023 से जुलाई 2023 तक लगाकर वाहन का किराया व डीजल प्रतिमाह 38000 के हिसाब से भुगतान किया गया। इसी कड़ी में 5 अप्रैल 2023 को भी अपने कार्यों को लेकर जमकर अखबारों में सुर्खियां बटोर थे साहब व्योवहारी में मुख्यमंत्री के आगमन पर जिला यूनियन सहकारी समितियों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों को खिलाएं गए खाने में किये गये भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत, श्याम ट्रेडर्स शहडोल से 981000 के खरीदे गए फायर सूट, लीफ ब्लोअर, हेलमेट, जूते आदि की खरीदी में अनियमितता का मामला, वृक्षारोपण में फेंसिंग कार्य करने हेतु 4000000 की चैन लिंक जाली की खरीदी में भ्रष्टाचार के तथ्य उजागर हुए हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि एस. के. प्रजापति मई 2024 में सेवानिवृत होने वाले हैं इसीलिए सेवानिवृत होने के पूर्व निज स्वार्थ सिद्धि हेतु उनके द्वारा मनमाने ढंग से शासकीय खजाने की लूट कर भ्रष्टाचार को भेंट चढ़ाई जा रही है।
’सीसीएफ से हुई थी शिकायत’
मुख्य वन संरक्षक शहडोल के समक्ष सभी वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा लिखित आवेदन देते हुए बताया कि वन मण्डल अनूपपुर अन्तर्गत पदस्थ समस्त वन परिक्षेत्राधिकारी अत्यधिक विषम परिस्थिति में विवस होकर श्रीमान् को सूचित कर रहे हैं कि एस. के. प्रजापति, वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर के द्वारा पिछले कुछ माह से हम सभी वन परिक्षेत्राधिकारियों के विरुद्ध अनावश्यक पत्राचार किया जा रहा है। साथ ही अनैतिक व अनुचित कार्यों के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। हमारे द्वारा निष्ठापूर्वक शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है, किन्तु वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा क्षेत्रीय प्रवास एवं समीक्षा बैठक के दौरान द्वारा हमारे ऊपर लापरवाही का आरोप तथा सार्वजनिक रूप से अशोभनीय, अनुचित व अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर मानसिक प्रताड़ना कि जा रही है। साथ ही सरकारी पैसों का गलत उपयोग करते हुए ठेकेदार के साथ मिलकर खरीदी के नाम कई भ्रष्टाचार किए गए हैं यदि गंभीरता से जांच हुई तो लगभग करोडो के भ्रष्टाचार का उजागर होगा और सरकारी पैसों का दोहन रोका जा सकेगा किस तरह सप्लाई व दबाव बनाकर वन मंडल अधिकारी रिटायरमेंट के पहले स्वहित देखते हुए वन क्षेत्र के साथ जिस प्रकार नाइंसाफी की जा रही है उक्त मामले पर उच्च अधिकारियों की शांति व कार्यवाही न होने पर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करता दिखाई दे रहा है ऐसे में वन परिक्षेत्र तो प्रभावित हो ही रहा है साथ ही सरकारी कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
’जिम्मेदार काटते रहे कन्नी’
इस संबंध में जानकारी के लिये सक्षम अधिकारी सीसीएफ शहडोल से उनके दूरभाष में सम्पर्क किया गया लेकिन दो बार पूरी रिंग जाने के बाद भी साहब ने फोन उठाना मुनासिफ नहीं समझा संभव है कि साहब ने कालर आईडी एप में लगातार मामले को संज्ञान में लाने वाले मीडिया टीम का नाम पढ़ लिया होगा और कथित खास को बचाने दूरी बना ली होगी साथ ही षिकायत के संबंध में डीएफओं प्रजापति का पक्ष जानने उनसे भी दूरभाष में सम्पर्क किया गया और उनका भी फोन नहीं उठा तो वहीं जांच टीम में शामिल कार्ययोजना अधिकारी एसके गुप्ता का पूर्व की भांति ही रटा रटाया जवाब रहा है कि जांच रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई है जानकारी भोपाल के अधिकारी ही देंगे। कम शब्दों में कहे तो प्रतीत हो रहा है कि अधिकारी वर्ग एकजुट होकर मामले को ठंडे बस्ते के हवाले करने का प्रयास कर रहा है।