घटिया सामग्री से हो रहा पानी टंकी का निर्माण कार्य रिपोर्टर @ दीपक कुमार गर्ग

घटिया सामग्री से हो रहा पानी टंकी का निर्माण कार्य
रिपोर्टर @ दीपक कुमार गर्ग
शहडोल जिले के विकासखंड जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत कुंडाटोल में नल-जल योजना के तहत बनने वाले पानी टंकी में भ्रष्टाचार का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। ग्रामीणों ने ठेकेदार पर गुणवत्ताविहीन सामग्री उपयोग करने का आरोप लगाया है। कुंडाटोला में नल-जल योजना के तहत करोड़ों रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण कार्य हो रहा है, जिसमें खराब सामग्री का उपयोग किए जाने का आरोप ठेकेदार पर लगाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब से पानी टंकी का काम शुरू हुआ है, इस पर किसी का ध्यान नहीं है। सीमेंट की कमी से बीम में गिट्टी साफ नजर आ रही है, वहीं विभागीय अधिकारी भी मामले में जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर नल-हर घर जल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने देश में जल-जीवन मिशन का आगाज किया है। जल जीवन मिशन को 2024 तक पूरा करना है। इस मिशन में 3.50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का लक्ष्य है। इस मिशन का कार्यान्वयन समुदाय के हाथों में है। जिन घरों में नल का कनेक्शन नहीं है, वहां कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है।
अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर रहे मॉनिटरिंग
जल-जीवन मिशन के तहत गांव-गांव में पानी टंकी के निर्माण सहित पाइप लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। वहीं हर घर नल एवं हर घर जल प्लेटफार्म बनाकर नल लगाया जाना है, लेकिन निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। सही तरीके से निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। संबंधित विभाग के जिम्मेदारों को समय-समय पर मॉनीटरिंग करना है, लेकिन इन्हें इससे कोई लेना-देना नजर नहीं आ रहा है, जिससे ठेकेदार के द्वारा मनमाना कार्य कराया जा रहा है।
कार्यस्थल पर कार्ययोजना का बोर्ड नहीं
शासन के निर्माण कार्यों से संबंधित जानकारी लोगों को मिले, इसके लिए निर्माण स्थल पर कार्य शुरू करने से पहले कार्ययोजना से संबंधित बोर्ड लगाया जाता है। ठेकेदार को इसके बारे में पता ही नहीं है। किसी भी सरकारी निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले निर्माण कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, एजेंसी, ठेकेदार का नाम, निर्माण कार्य की प्रारंभ तिथि, निर्माण कार्य पूर्णता की तिथि सहित अन्य प्रमुख जानकारी अंकित की जाती है।
सुपरवाइजर के पास स्टीमेट नहीं
पानी टंकी निर्माण कार्य स्थल पर कार्यरत ठेकेदार के सुपरवाइजर के पास निर्माण कार्य का स्टीमेट नहीं होना सामने आया, जबकि कार्य स्थल पर मौजूद ठेकेदार के सुपरवाइजर के पास स्टीमेट होना चाहिए, ताकि निर्माण कार्य के गुणवत्ता में कमी न आए। ठेकेदार से स्टीमेट के बारे में पूछने पर पीएचई विभाग से मिलने की बात कही गई। जब इस मामले की जानकारी के लिए एसडीओ पीएचई विभाग को फोन किया गया तो साहब ने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझे