जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूपपुर द्वारा उद्योग क्षेत्र के कानूनी पहलुओं पर विशेष व्याख्यान का आयोजन — विश्वविद्यालय के छात्रों को मिला विधिक ज्ञान

दिनांक 18 जून 2025 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के सभागार कक्ष में एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विषय था "उद्योग एवं स्वरोजगार क्षेत्र में कानूनी प्रक्रियाओं और उनके अनुपालन की आवश्यकता"। यह व्याख्यान सिंदूर इंटर्नशिप कार्यक्रम के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला अनूपपुर के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में के लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री संत दास नापित, असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल श्री आयुष सोनी तथा परिगल वॉलिंटियर श्री लक्ष्य तिवारी ने सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित प्रोफेसर श्री विनोद वर्मा द्वारा स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने विधिक ज्ञान और जागरूकता को युवाओं के भविष्य निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।

मुख्य वक्ता श्री संत दास नापित ने अपने उद्बोधन में उद्योग, स्वरोजगार तथा व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित विभिन्न कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने विस्तार से बताया कि किसी भी संस्था, फर्म या समिति की स्थापना से पूर्व उसका विधिक रूप से पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी संस्था मान्यता प्राप्त नहीं मानी जाती, जिससे भविष्य में अनेक प्रकार की कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।

श्री नापित ने श्रम कानून (Labour Law), पर्यावरण अधिनियम (Environmental Laws), औद्योगिक अनुज्ञापन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति, और अन्य औपचारिकताओं की बारीकियों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैसे एक उद्यमी को अपने व्यवसाय की शुरुआत से लेकर संचालन तक हर चरण में कानून का पालन करना आवश्यक होता है।

इसके पश्चात असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल श्री आयुष सोनी ने अपने उद्बोधन में एमएसएमई पंजीकरण से लेकर जीएसटी आवेदन तक की पूरी प्रक्रिया को बेहद सरल और व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक सामान्य युवा भी सरकार की विभिन्न योजनाओं और पोर्टल्स के माध्यम से अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है, बशर्ते वह सभी वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करे।

श्री सोनी ने उद्यम के लिए आवश्यक परमिट, व्यापार अनुज्ञा, वित्तीय पंजीकरण, श्रमिकों से संबंधित कानून, कर नियमावली, औद्योगिक सुरक्षा मानक इत्यादि पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर एक छात्र भविष्य में सफल उद्यमी बन सकता है।

परिगल वॉलंटियर श्री लक्ष्य तिवारी ने कार्यक्रम की तकनीकी व्यवस्था एवं समन्वय में सहयोग किया तथा छात्रों को विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका के विषय में संक्षेप में जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। छात्रों ने उद्योग शुरू करने में आने वाली व्यावहारिक समस्याएं, पंजीकरण प्रक्रिया, सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे लिया जाए, जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न पूछे। वक्ताओं द्वारा सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में विधिक जागरूकता, स्वरोजगार के प्रति उत्साह, और कानूनी समझ को सुदृढ़ करना था। यह कार्यक्रम लगभग दो घंटे तक चला और इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम के समापन पर यह भी आश्वासन दिया गया कि जब भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को विधिक सहायता की आवश्यकता होगी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूपपुर तत्परता से सहायता प्रदान करेगा। यह पहल छात्रों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें एक सशक्त नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला अनूपपुर
(प्रेस व जनसंपर्क प्रकोष्ठ)