मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन: "मानव अधिकार" मनुष्य के पूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अति आवश्यक

मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन: "मानव अधिकार" मनुष्य के पूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अति आवश्यक
उमरिया-विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया के द्वारा पाली कन्या छात्रावास में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया।
कन्या छात्रावास अधीक्षिका अर्चना सिंह ने छात्राओं को बताया कि 10 दिसंबर 1948 को पहली बार मानवाधिकार दिवस मनाया गया। आज भारत सहित विश्व के अधिकांश देशों में मानवाधिकार आयोग मानवों के अधिकारों की सुरक्षा कर रहा है। युवा हिमांशू तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन विश्व के लिए महत्वपूर्ण दिन है। द्वितीय विश्व युद्घ के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानवाधिकार की घोषणा की। भारतीय संविधान ने अपने नागरिकों को मानवाधिकार प्रदान की। भारतीय संविधान में जो लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना की है। उसे साकार करने में मानवाधिकार का योगदान है।देश में सच्ची शांति और आजादी तभी हासिल की जा सकती है, जब हम प्रत्येक नागरिक की प्रकृति प्रदत्त मानवीय गरिमा का सम्मान करें तथा ऐसी सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्था कायम करें जो सबके लिये समान और न्यायपूर्ण हो।मानव अधिकार सभी मनुष्यों के सार्वभौमिक अधिकार हैं चाहे उनकी जाति रंग लिंग भाषा धर्म राजनीतिक या अन्य राष्ट्रीय या सामाजिक मुल संपत्ति जन्म या अन्य स्थिति कुछ भी हो मनुष्य होने के नाते मानव अधिकार सजग रूप से प्राप्त है समस्त मानव प्राणियों को एक दूसरे के मानव अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। खुशी सेन ने कहा कि स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार सभी के लिए समान है।आइये, इस मानवाधिकार दिवस पर हम सब संकल्प लें कि मानव अधिकार के हितों की रक्षा में सहयोग कर राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण में भागीदार बनेंगे।इस दौरान कन्या छात्रावास अधीक्षिका अर्चना सिंह,हिमांशू तिवारी,खुशी सेन, छात्रावास से पार्वती नायक, अनीशा प्रजापति लक्ष्मी नायक सुधा सिंह हेमलता नायक,गुड़िया बैगा, लक्ष्मी कॉल कलावती बैगा, प्रीति महोबिया,काजल बैगा,संध्या बैगा,पालक बैगा व सभी छात्राएं उपस्थित रहे।