वैश्विक समस्या का समाधान गांधी के विचारों में निहित है......          प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी की उपस्थिति में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ड्रॉ. मुकुल ईश्वर लाल शाह के आकस्मिक निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी के चित्र पर फूल माला अर्पण करते हुए माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी  ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि होती है। मोहनदास करमचंद गांधी को उनके व्यक्तित्व, योगदान के लिए महात्मा गांधी, बापू जैसे नामों से संबोधित किया जाता है। महात्मा गांधी सदैव सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अहिंसा से अजय बने। उन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए सत्य और अहिंसा को अपनाया और देश को आजाद कराया। बापू ने सत्य से सिद्धि की बात की है, जिसे आज पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। 'अहिंसा परमो धर्म:' का उनका संदेश पूरी दुनिया में मशहूर है। भारत ही नहीं विदेशों तक लोग किसी भी आंदोलन या प्रदर्शन के लिए अंहिसा के मार्ग को अपनाते हैं। महात्मा गांधी ने प्रेम और करुणा के द्वारा सभी मनुष्यों के बीच सद्भाव लाने का प्रयास किया इसलिए वह मनुष्य से महात्मा कहलाए। असत्य से सत्य की राह दिखाने वाले महात्मा ने दुनिया के प्रत्येक राष्ट्र को त्याग और अहिंसा का संदेश दिया। आज पूरी दुनिया प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए गांधी द्वारा बताएं मार्ग पर चलने का प्रयास कर रही है। इसलिए कहा जाता है कि वैश्विक समस्या का समाधान भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों में निहित है। इस दौरान विश्वविद्यालय के समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवं अधिकारियों की उपस्थिति रही।