व्यंकटनगर बना शराब तस्करी का गढ़,रानी तालाब से शुरू होता छत्तीसगढ़ में अवैध शराब का काला कारोबार - विजय उरमलिया की कलम से 
अनूपपुर - अनूपपुर जिले का व्यंकटनगर इन दिनों शराब तस्करी का सबसे बढ़ गढ़ बना हुआ है ,व्यंकटनगर में रोजाना 100 पेटी शराब खपत हो रही है व्यंकटनगर से मोटरसाइकिल से लेकर ऑटो से छत्तीसगढ़ शराब भेजी जा रही है,अब सवाल यह उठता है कि आखिर व्यंकटनगर में इतनी अधिक मात्रा में शराब की खेप आती कहाँ से है और व्यंकटनगर पुलिस कर क्या रही है अब तो व्यंकटनगर पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है,जैसे ही आप खूंटाटोला पार करेंगे और रानी तालाब के पास पहुंचने लगेंगे ठीक वही पर संजय राठौर अवैध शराब का बड़ा कारोबारी है सूत्र बताते है कि राजेश और संजय राठौर के यहां भारी मात्रा में शराब उतारी जाती है जिसको यहां से यह शराब माफिया आस पास के गांव के अलावा छत्तीसगढ़ भी भेजता है,दूसरी तरफ व्यंकटनगर के कैलाश ढाबा जो कि व्यंकटनगर चौकी के बगल में है तो व्यंकटनगर के अंदर लकी केवट,विक्की चौधरी,फुददन यादव, पोंडी के सिंघौरा आश्रम में अशोक गुप्ता, टोडल मल नायक,ये लगातार शराब का अवैध कारोबार कर रहे है और अब तक इनके काले कारोबार तक व्यंकटनगर पुलिस क्यों नही पहुंची पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है सूत्र तो बताते है कि व्यंकटनगर चौकी में पदस्थ सुखदेवराम भगत को इन सभी अवैध कामो की जानकारी है पर साहब खुद इनको संरक्षण देने का काम कर रहे है आखिर पुलिस कब इन शराब माफ़ियाओं पर लगाम लगायेगी अब भी सवाल बना हुआ है पर दूसरी तरफ उस आम इंसान का क्या जो इसी पुलिस पर आंख मूंद कर भरोषा करता है और जब यही पुलिस इस तरह के अवैध कामो को संरक्षण देने लगे तो आखिर आम जनता जाये तो जाये कहाँ,सूत्र बताते है कि व्यंकटनगर से मोटरसाइकल से छत्तीसगढ़ शराब का कारोबार चरम पर है मोटरसाइकिल वाले को एक खेप के पांच सौ मिलते है जिसमे से उसके सौ रुपये पेट्रोल में खर्च हो जाते है और एक ट्रिप के उसके चार सौ रुपये बच जाते है,साथ ही ऑटो से भी शराब की तस्करी की खबर है अब फिर एक बार सवाल यही उठता है कि कार्यवाही कौन करेगा आबकारी के बस का तो कुछ दिखता नही उनके स्वयं के संरक्षण में बहोत सी अवैध पैकारी की जिम्मेदारियां है भला फिर पूर्ण अवैध को रोकने में कहां से वक्त निकले अब केवल बचती है पुलिस और पुलिस भी पूर्ण शराब के अवैध कारोबार को संरक्षित करती है तो फिर कार्यवाही करेगा कौन या यूं मान लिया जाये कि जिला इन दिनों बिना मालिक की फौज हो गया है तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी