शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा इन दिनों सुर्खियां बटोरने में माहिर

शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा इन दिनों सुर्खियां बटोरने में माहिर
कोतमा। शासकीय कोतमा कॉलेज बना इस समय हस्तिनापुर-शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा में धृतराष्ट्र और संजय की भूमिका निभाया जा रहा है प्राचार्य एक जगह बैठे-बैठे कार्य देख रहे हैं तो दूसरा दिव्या दृष्टि से महाविद्यालय का वाख्यान कर रहे हैं बाकी कौरव अपना कार्य करने में मशरूक है क्योंकि जहां के राजा ही निष्क्रिय का परिचय दे रहे हो वहां के कर्मचारी क्या करेंगे उनको यह पता है और राजा को कैसे खुश रखना है यह सब जानते हैं महाविद्यालय में कौरवों की संख्या इतनी बड़ी है की यह उच्चस्तरीय जांच का विषय है कि इस कौरवों की सेना में कुलगुरु कृपाचार्य कौन है तो कौन है द्रोणाचार्य, भीष्म पितामाह, अश्वत्थामा और कौन करण जिसकी सह पर महाविद्यालय कुरुक्षेत्र का मैदान बना हुआ है। शकुनि की भूमिका निभा रहे उच्च अधिकारी- शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत करे हुए दो माह बीत चुके हैं किंतु आज दिनांक तक उस शिकायत पत्र पर किसी प्रकार से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और ना ही किसी प्रकार से जांच कराई गई जिससे ऐसा महसूस होता है की शकुनि का पासा उच्च अधिकारियों के हाथ में है और उन्हीं के सह पर यह सब कार्य हो रहे हैं । शिकायतकर्ता द्वारा दो माह पहले ही शिकायत की जा चुकी है जिस पर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई शिकायतकर्ता के द्वारा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के रजिस्ट्रार महोदय को लिखित रूप से शिकायत पत्र दिया गया था तब राजिस्टार महोदय के द्वारा कहा गया था जल्द से जल्द ही हम इस पर जांच करायगे किंतु आज दिनांक तक उनके द्वारा किसी प्रकार से कोई जांच या कार्रवाही नहीं कराई गई जिससे ऐसा लगता है कि वह गजनी फिल्म के आमिर खान है जो शार्टटनर्न मेमोरी लास के पेसेन्ट है।
उच्च अधिकारी सो रहे कुंभकरणीय नींद
परीक्षा का पेपर लीक होना एक अतिसंवेदनशील मामला माना जाता है जिस पर संबंधित विभाग को त्वरित जांच करा- कर कार्रवाही करने की आवश्यकता थी अगर ऐसे संवेदनशील मामलाओं में उच्च अधिकारी कुंभकरणीय नींद में मशरूक रहेंगे तो हमारे देश का क्या होगा क्योंकि एक तरफ प्रतिभाशाली छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है तो दूसरी तरफ कम प्रतिभाशाली छात्र टॉप कर रहे हैं जिससे प्रतिभाशाली छात्रों का मनोबल कमजोर हो रहा क्योंकि एक ओर शासन जो है छात्रों को लेकर सोच रही है कि ऐसा क्या किया जाए छात्रों मे प्रतिभा बड़े और देश हमारा शिक्षित हो इसलिए नित्य नए योजनाएं चलाई जा रही है और उनके प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई सारी सुविधाएं दी जा रही है किंतु यहां प्रतिभाओं को कुचलने वाले ऐसे सेवक बैठे हुए हैं जिन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा और महाविद्यालय में प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
शासकीय महाविद्यालय में आए दिन हो रहे नित्य नये- नये कर्म- कांड
शासकीय महाविद्यालय में कुछ दिन पूर्व ही एक प्रोफेसर के ऊपर छेड़खानी का मामला दर्ज किया गया है वही अब सुर्खियां बटोरने में कोतमा महाविद्यालय पेपर लीक को लेकर चर्चा मे है अगर कोतमा महाविद्यालय में सही - सही जांच की जाए तो और कितने राज खुलेंगे यह तो समय ही बताएगा क्योंकि कोतमा महाविद्यालय में ऐसे बहुत सारे राज छुपे हुए हैं जिन पर धूल जम गई है अगर उस धूल की सफाई की जाए तो परत-दर-परत कई राज खुलेंगे जिसमें बहुत से कर्मचारी वर्ग के नाम सामने आएंगे क्योंकि वहां गोलमाल करने वाले कई कर्मचारी हैं जो एक दूसरे की कमी जानते हैं किंतु जांच कौन करेगा कितना सही होगा यह सोचने का विषय है। महाविद्यालय में जमी धूल की सफाई कौन करेगा जिससे राज के पर्दे खुल सके इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधियों को आगे आने की आवश्यकता है क्योंकि कुंभकरण को जगाने के लिए कई वाद्य सामग्री का उपयोग किया गया था तब जाकर कुंभकरण जगा था और अब यहां भी कुंभकरण को नींद से जागने की आवश्यकता है तभी कॉलेज में व्यवस्थाओं को सुधरा जा सकता है वह जो धूल की जमी हुई परत है उसको हटाया जा सकता है जिससे सारे राज खुल सके।
कोतमा कॉलेज में अवस्थाओं का आलम देखते नहीं बन रहा
शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा में इन दिनों अवस्थाओं का आलम देखते नहीं बन रहा है यहां के कर्मचारी जिनका कार्य सुबह साफ सफाई करना है वह कितने टाइम आएंगे यह भगवान ही जाने कॉलेज में साफ सफाई की अव्यवस्थाएं बनी रहती हैं और प्रोफेसर वगैरा अपने अध्यापन कार्य को छोड़कर कॉलेज से यहां वहां नजर आते हैं कई प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी कई बार तो कॉलेज के बाहर चाय - नाश्ता के बहाने चले जाते हैं क्योंकि जब भी कॉलेज में यदि कोई व्यक्ति जाए और किसी भी प्रोफेसर या कर्मचारी के बारे में पूछा जाए की कहां है तो उनके द्वारा यह बताया जाता है कि चाय-नाश्ता करने गए हैं महाविद्यालय में नही प्राचार्य ना प्रोफेसर और ना ही अन्य कर्मचारियों के आने जाने का कोई कार्यालीन समय निर्धारित है और ना ही कोई नियम कानून है। शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा में किसी प्रकार की कोई समय सारणी नहीं है की प्राचार्य , प्रोफेसर या उन कर्मचारियों का कार्यालय समय क्या है कितने समय आएंगे कितने समय जाएंगे या कोई निश्चित नहीं है जहां के राजा ही धृतराष्ट्र के तर्ज पर हो वहां कुछ भी हो सकता है क्योंकि कहा जाता है कि टकेसेर भाजी टके सेर खाजा अंधेर नगरी चैपट राजा वही आलम शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा का है यहां शिक्षा की व्यवस्था क्या है इसको औचक निरीक्षण कर देखा जा सकता है क्योंकि यदि यहां के जन प्रतिनिधि अचानक कॉलेज में जाएं तो उस समय देखा जा सकता है कितने लोगों उपस्थित हैं और और कितनों की उपस्थिति लगी हुई है जिससे पता लगाया जा सकता है और वहां की सीसीटीवी फुटेज को भी देखा जा सकता है की प्रोफेसर कौन से कार्य में व्यस्त है या अन्य कर्मचारी किस कार्य में मसरूफ है।