शासकीय महाविद्यालय कोतमा के ईको क्लब द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

शासकीय महाविद्यालय कोतमा के ईको क्लब द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
कोतमा। शनिवार दिनांक 8 मार्च को शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा के ईको क्लब द्वारा पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस चित्रकला प्रतियोगिता की थीम "पर्यावरण बचाओ, भविष्य सजाओ" पर आधारित थी। इस चित्रकला प्रतियोगिता में महाविद्यालय के 50 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। साथ ही अपनी सृजनशीलता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनय कुमार सोनवानी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि "पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। चित्रकला के माध्यम से जागरूकता फैलाना एक प्रभावी तरीका है, जिससे हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण की रक्षा के लिए योगदान देना चाहिए।" कार्यक्रम में महाविद्यालय के ईको क्लब प्रभारी डॉ. गिरेन्द्र शर्मा ने प्रतियोगिता के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता विकसित करना है। पर्यावरण बचाने के लिए छोटे-छोटे प्रयास भी महत्वपूर्ण होते हैं, और यह प्रतियोगिता इसी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।" कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में ईको क्लब सदस्य डॉ. प्रवीण यादव, डॉ. राज कुमार रैदास और कृति मरावी उपस्थित रहे। प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रतियोगिता में कुसुम पोद्दार ने प्रथम, रिया सोनी ने द्वितीय तथा रिमसा रहमान अंसारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किए। विजेताओं को प्रोत्साहन स्वरूप प्रमाण-पत्र के साथ विशेष उपहार प्रदान किया गया। अंत में, महाविद्यालय के इतिहास विषय के सहायक प्राध्यापक डॉ. श्री कान्त मिश्र ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी उत्पन्न करते हैं।" कार्यक्रम में महाविद्यालय की डॉ. अनीता तिवारी, डॉ. चेतना शर्मा, डॉ. सुरेश चौधरी व रंजना सिंह बघेल ने अपना-अपना सहयोग प्रदान किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ़ का सराहनीय योगदान रहा।