शासकीय महाविद्यालय कोतमा में साप्ताहिक ऑनलाइन योग प्रशिक्षण सम्पन्न

कोतमा। शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा में साप्ताहिक ऑनलाइन योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। उक्त कार्यक्रम महाविद्यालय में दिनांक तीन मार्च से आठ मार्च तक लगातार चलता रहा। यह कार्यक्रम उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 60 शासकीय महाविद्यालयों में एक सप्ताह के ऑनलाइन योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कराया गया। कैवल्यधाम योग प्रशिक्षण केंद्र,  भोपाल द्वारा चिन्हित किये गए 60 शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय महाराजा मार्तण्ड महाविद्यालय कोतमा,  जिला-अनूपपुर भी एक था। उक्त  ऑनलाइन योग प्रशिक्षण शिविर को प्रतिदिवस प्रातः 10:30 बजे से जूम एप के माध्यम से महाविद्यालय के पंजीकृत विद्यार्थियों को योग प्रशिक्षण प्रदान कराया गया। 
                   सर्वप्रथम प्रशिक्षण के पूर्व उक्त कार्यक्रम के संबंध में महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार चौधरी द्वारा योग प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। तत्पश्चात डॉ. सुरेश कुमार चौधरी ने विद्यार्थियों को विभिन्न आसन, प्राणायाम व उनसे होने वाले लाभ के बारे में अवगत करवाया। तत्पश्चात कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनय कुमार सोनवानी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि योग, शरीर एवं मस्तिष्क के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का एक शाश्वत माध्यम है। इसके नियमित अभ्यास द्वारा मनुष्य में नवीन आत्म-चेतना का उदय होता है। योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाविद्यालय के 60 विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय सहभागिता के साथ प्रशिक्षण पूर्ण किया। कार्यक्रम के समापन में योग प्रशिक्षण में सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। 
                  डॉ. राज कुमार रैदास ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं बल्कि उनमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी उत्पन्न करते हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ.श्री कान्त मिश्र,  डॉ अनीता तिवारी,  मो. मोबीन, डॉ. गिरेन्द्र शर्मा,  डॉ.आकांक्षा पाण्डेय,  डॉ प्रवीण कुमार यादव,  डॉ चेतना शर्मा, डॉ नीलम मिश्रा,  कृति मरावी व रंजना सिंह बघेल समय-समय पर उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय परिवार के समस्त स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।