पटना  क्षेत्र के ग्राम तेंदुआ में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उमड़ रहा जनसैलाब श्रीमद् भागवत ग्रंथ की आरती करते श्रद्धालु 
बैकुंठपुर । कोरिया जिले के पटना क्षेत्र के ग्राम पंचायत तेंदुआ में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मैं कथावाचक आचार्य के द्वारा बताया गया कि सुखदेव मुनी के द्वारा राजा परिक्षित को जो कथा सुनाई वहीं वास्तविक भागवत है, भक्ति हमेशा कामना रहित होनी चाहिए यह बात तेंदुआ में आयोजित श्रीमद भागवत कथा सुनाते हुए कथा वाचक पं. रविन्द्र दुबे जी ने कथा सुनने बैठे श्रद्धालुओं से कहते हुए तीसरे दिन की कथा का प्रसंग कुन्ती स्तुति, भीष्म स्तुति परिक्षित जन्म प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मनुष्य कर्म से महान बनता है न कि कुल व परिवार जन्म से कोई पापी उदमी, लोभी लालची, क्रोधी दुराचारी भी एक बार भागवत कथा का श्रवण कर लेता है तो उसका भी कल्याण हो जाता है, संसार में कोई किसी का नहीं है यह शरिर भी अपना नहीं है अन्त में यह भी धोखा दे देता है, गोकर्ण ने अपने पिताजी आत्मदेव को बताया कि धर्म का अनुसरण करो घर बार बेकार है, वहीं धुंधकारी अपनी मां धुंधली से बोला कि घर में जो धन छिपाया हुआ है वह कहां है यदि नहीं बताया तो तुझे मार दूंगा, दोनों भाईयों में कितना अन्तर है। कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा वाचक पं. रविन्द्र दुबे जी ने कहा कि पंचतत्व का बना मानव शरिर का निर्माता कौन ईष्वर है क्षितिजल पावन गगन समीरा पंच तत्व से बना शरिर है। धुंधकारी वारागनाओं द्वारा मारा गया प्रेत योनी प्राप्त हुई तब गोकर्ण ने विद्वान पण्ड़ितों द्वारा भागवत कथा श्रवण कराने लगा तब बांस में फंसा हुआ धुंधकारी कथा सुन रहा था ज्यों ही कथा पूर्ण हुई तो धुंधकारी के लिए स्वर्ग से विमान आया और स्वर्ग में ले गया यह सुनकर पूरा पंड़ाल तालियों से गड़गड़ा उठा। कथा में पहुंचे रनई जमींदार योगेश शुक्ला ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया।