श्री पीठम आश्रम के उद्घाटन अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा 01से07 तक,साप्ताहिक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का रसास्वादन कराएंगे वृंदावन के आशुतोष जी,,संवाददाता / श्रवण उपाध्याय

अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में स्वामी श्री नर्मदानंद गिरी जी महाराज गीता स्वाध्याय आश्रम अमरकंटक और श्रीमहंत  विवेक गिरी जी महाराज गौर कापा आश्रम छत्तीसगढ़ की असीम अनुकम्पा और आशीर्वाद से आचार्य श्री शिवानंद जी महाराज (शिवदयाल जी) की प्रेरणा और संरक्षक में रविवार 01 जून 2025 से  07 जून 2025 तक वार्ड क्र 04 शंभूधारा रोड बाराती अमरकंटक में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ । 
कथा व्यास परम श्रद्धेय श्री आशुतोष जी महाराज (श्रीधाम वृंदावन) के मुखारविंद से दोपहर 03 बजे से सायं 07 बजे तक आश्रमों के संतगण , श्री पीठम आश्रम के भक्तों और नगर के भागवत कथा प्रेमीजन सभी रोजाना समय पर उपस्थित होकर व्यास जी की वाणियों को श्रवण कर अपने भाग्य को संवार रहे ।
श्री पीठम आश्रम के उद्घाटन अवसर पर प्रारंभ की गई साप्ताहिकी भागवत महापुराण कथा के आयोजक जितेंद्र जयसवाल - श्रीमती राजकुमारी जयसवाल एवं  समस्त श्री पीठम आश्रम के भक्त परिवार सम्मिलित हो कर इस आयोजन के कार्यक्रम को निर्विघ्न पूर्वक संपन्न हेतु सभी का भरपूर सहयोग मिल रहा ।
रविवार को दोपहर बाद सायं 4 बजे गीता स्वाध्याय आश्रम के स्वामी नर्मदानंद गिरी जी की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा (कलश यात्रा)  निकाली गई जिसमें आतिशबाजी , ढ़ोलनगाड़ों के बीच साधुसंत , भक्तगण सभी सम्मिलित होकर पैदल शोभायात्रा चल नर्मदा मंदिर पहुंच उद्गम पर पूजन अर्चन बाद पैदल ही नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए पंडित दीनदयाल चौक होते हुए वार्ड 04 बाराती कथा स्थल पहुंच कलश स्थापना , घट पूजन आदि बाद कथा आरंभ हुई । आज मंगलवार कथा का तीसरा दिवस है । कथा में नगर के गणमान्यजन काफी लोग सम्मिलित हो रहे है । मैकल, सतपुड़ा और विंध्य की पहाड़ियों में बसा अमरकंटक और मां नर्मदा जी का उद्गम स्थल है । हजारों फिट की ऊंचाई पर , घोर घने जंगलों का क्षेत्र और इस गर्मी के मौसम में बारिश तथा ठंडी हवाओं का झोंका आए हुए भक्तों को आनंददायक के रूप में समाहित होकर इस वातावरण को भक्तजनो ने बताया कि इस बीच श्रीमद् भागवत कथा का रसास्वादन पाना दुर्लभ सी बात है पर सब गुरुकृपा है । यहां बारिश भी हो रही और ठंडक भी बनी है । सब भागवत भगवान की कृपा और माई नर्मदा जी की कृपा है । यहां भागवत का रसास्वादन लेना सौभाग्य की बात है ।