कलेक्टर सोनिया मीना, पंचायत भृष्टाचारियों पर कब कसेंगी नकेल ?अन्यथा पंचायती राज घुटनो के बल लुटेरों की जागीर बन जायेगा,गोंदा पंचायत में अमृतसरोव तालाब में खुली लूट - विजय उरमलिया की कलम से

कलेक्टर सोनिया मीना जरा पंचायत के भृष्टाचारियों पर नजरे नूर करिये,अन्यथा पंचायती राज घुटनो के बल लुटेरों की जागीर बन जायेगा,गोंदा पंचायत में अमृतसरोव तालाब में खुली लूट
अनूपपुर - जिला पंचायत के गैर जिम्मेदार सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने कल जिस तरह का वक्तव्य दिया वो बयान गैर जिम्मेदार अधिकारी की पहचान है साहब ने नगुला में पुराने तालाब में बन रहे अमृतसरोवर तालाब को पुष्कर धरोहर तालाब बता कर अपने अधीनस्थ सचिव और उपयंत्री दिवाकर अहिरवार को बचाने का प्रयास किया वो बताता है कि साहब या तो हकीकत से वाकिफ नही है या फिर जानबूझ कर भृष्टाचारियों को बचाने के लिए पत्रकारों को गलत जानकारी दे रहे है या फिर ये मान लिया जाए कि इन भृष्टाचारियों को साहब का संरक्षण प्राप्त है तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी चूंकि हमने कल लिखा था कि अगले एपिसोड में हम बतायेंगे की कहाँ और इस तरह का भृष्टाचार किया जा रहा है तो आज आप को गोदा पंचायत के पकरीपानी गांव ले चलते है और बताते है कि निलबंन से बहाली के बाद द्वरिका प्रसाद अहिरवार उपयंत्री अपने मन मर्जी पे उतारू है और खुले आम भृष्टाचार को अपने संरक्षण में अंजाम दे रहा है
पुराने तालाब में अमृतसरोव तालाब निर्माण कर कई लाख निपटने में लगे साहब
जनपद पुष्पराजगढ़ की पंचायत गोंदा के ग्राम पकरीपानी गांव में स्कूल के बगल में आज कई सालों से तालाब मौजूद था और बाकायदा उस तालाब में पानी रहता था जरूरत थी उसके जीर्णोद्धार की पर साहब की नजर तो सरकारी खजाने को लूटने पर थी फिर तो साहब ने तालाब के ऊपर तरफ की जमीन का जियो टैग करवा कर आनन फानन में अमृतसरोवर तालाब का निर्माण उसी पुराने तालाब में करवाने में आमादा दिखे और कार्य चालू करवा दिया,
अमृतसरोव तालाब में कितने की स्वीकृति
दरसल मनरेगा से अमृतसरोव तालाब के नाम पर 13 लाख 4 हजार रुपये स्वीकृत हुए और यह अमृतसरोवर तालाब नया तालाब निर्माण होता है पर यहां तो ऊपर से लेकर नीचे तक लुटेरों की फौज खड़ी है इस पुराने तालाब में महज चार से पांच लाख रुपये खर्च कर बांकी के सात से आठ लाख रुपये का बंदर बांट अब मिल कर करेंगे जहां उपयंत्री,सचिव,संबंधित ठेकेदार और उनके संरक्षण कर्ता,
गोंदा पंचायत के पकरीपानी में कार्य सहिंत 1746004045/wc/22012035019724,टेक्निकल सेंगशन 259/2022(28-10-2022),फाइनेंशियल सेंगशन 2736/9(04/11/2022) और इसकी जिम्मेदारी द्वारिका प्रसाद अहिरवार को दी गई और ऐसे उपयंत्री को जिम्मेदारी दी गई जो पूंछने पर कहते है पहले से तालाब तो था पर सरकारी रिकॉर्ड में नही था इसलिए बनाया जा रहा है साहबान सरकार और नियम कानून आप के हिसाब से नही चलते दरसल सरकार ने हर निर्माण कार्य के अपने मापदंड तय है और आप उन मापदंडों पर क्रियन्नवयन कराने के लिए सरकार से मोटी तनख्वा लेते है पर आप तो अपना अलग मापदंड सरकार से हट कर चला रहे है और इससे ये साफ जाहिर होता है कि आप की मंशा पंचायत का विकास नही बल्कि अपना विकास करने का है,इस पूरे मामले में हमने पंचायत के सचिव राम सिंह से बात की तो साहब ने कहा था पुराना तालाब और उसमें बन रहा है अमृतसरोवर तो बन रहा है और ज्यादा जानकारी लेनी है तो इंजीनियर साहब से बात करिये अरे सचिव साहब हम समझ रहे है आप के माई बाप और आप का भृष्टाचारी कारोबार इन्ही उपयंत्री महोदय द्वरिका प्रसाद अहिरवार के संरक्षण में चलता है पर सही आप भी क्या किजेगा जब आप के कैप्टन ओहरिया साहब को ही ये अमृतसरोवर नही पुष्कर धरोहर तालाब दिख रहे है ,
अब इन भृष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए एक मात्र जिले की कलेक्टर सोनिया मीणा ही बचती है देखना होगा क्या कलेक्टर महोदया इस पूरे मामले को गंभीरता से लेती है या फिर सब दूर के ढोल सुहावने वाली कहावत को चरितार्थ करता दिखेगा