अनूपपुर रेलवे पूंछतांछ बेवड़ों के हवाले,शर्मसार करने वाली तस्वीरे अनूपपुर रेलवे स्टेशन की ,नशे में धुत कर्मचारी गलत तरीके से करता रहा अनाउसमेंट 
अनूपपुर - सुना होगा आपने की रेलवे नियम कानून का परिपालन करने कराने में शख्त रहता है ,और रेलवे में कोई भी लापरवाही या गलती भारी पड़ सकती है इस बात को सभी भलीभांति जानते है,बहरहाल बीती रात शाम 7 बजे से लेकर लगभग 9 बजे के बीच अनूपपुर स्टेशन का पूंछतांछ  केंद्र यात्रियों के सहयोग की जगह टाइम पास की जगह बना रहा और अनूपपुर में पदस्थ ओमकार सिंह शराब के नशे में इस कदर मदमस्त था कि उसको अपने आप को संभाल पाना मुश्किल हो रहा था और साहब जिस कदर ऑफिस में मौजूद दिखाई दे रहे है आप इन साहब के बेवड़े पन का अंदाजा लगा सकते है
ओमकार सिंह के कृत्यों से स्टाफ भी रहता परेशान
कामर्शियल क्लर्क के पद पर पदस्थ ये नशेबाज कर्मचारी रेलवे की शाख को ही नही वाट लगा रहा बल्कि यहां पदस्थ अन्य कर्मचारी भी इसकी हरकतों से परेशान है जरा गौर से देखिए इन साहब को किस हालात में ड्यूटी में तैनात है इन साहब के शराब का नशा इस कदर हावी है कि साहब को होश हवास ही नही है कि कैसे बैठना है खुद को संभाल पाने में पूरी तरह नाकामयाब दिख रहे इन जनाब के कंधों पर सहायता केंद्र की जिम्मेदारी है भला सोचिये जो अपनी खुद की सहायता करने में विफल हैं वो भला किसी और कि सहायता क्या करेगा जबलपुर अम्बिकापुर सहित कई ट्रेनों के स्टेशन में पहुंचने का वक्त था और यात्री लगातार परेशान रहे इनसे कुछ पूंछते तो जवाब कुछ का कुछ दिया जाता रहा मजबूरी में लोगों ने स्टेशन के जिम्मेदारों को इसकी सूचना दी तब जा कर कड़ी मशक्कत के बाद साहब को यहां से उठाया गया और रेलवे के जिम्मेदारों को चाहिए था कि सबसे पहले इनका मेडिकल कराते हुए अपने संरक्षण में तब तक सुरक्षित रखते जब तक ये महाशय कम से कम अपने आप को संभालने की स्थिति में आ जाते पर दुर्भाग्य जनक है कि वहां से उनको हटा कर इनको घर जाने के लिए छोड़ दिया गया और ये जिस हालात में स्टेशन से बाहर निकले कही भी कोई दुर्घटना हो सकती थी और साहब चंद्रलोक होटल के पास जा कर जमीदोज हो गये फिर किसी कदर लड़खड़ाते पैरों में खड़े हो लड़खड़ाते लड़खड़ाते किधर निकल गये किसी को भनक नही लगी पर स्टेशन में मौजूद टिकट क्लर्क से लेकर टीसी तक इनकी हरकतों से परेशान दिखे
आम आदमी के लिए अलग कानून स्टाफ के लिए अलग
खुदा न खास्ता कोई आम आदमी स्टेशन परिसर ऐसी कोई गलती करते दिखाई देता तो पूरा रेलवे पहले उनको दबोचता फिर मेडिकल करवा कर कानूनी कार्यवाही होती और जेल तक भेजा जा सकता था पर इन महोदय को ये कहते हुए छोड़ दिया गया कि विभागी कार्यवाही हो रही है क्यों इनका मेडिकल कराना उचित नही समझा गया क्यों इनको जीआरपी या आरपी एफ को नही सौंपा गया कही ये अपने कर्मचारी और आम जनता के बीच कार्यवाही का दोहरा मापदंड तो नही अपनाया गया

इनका कहना है
ओमकार सिंह कामर्शियल क्लर्क है और डिमोशन में है अपनी कार्यप्रणाली के चलते इनके कार्यप्रणाली की जानकारी हाई एथॉरिटी के मौखिक और लिखित दोनो तरीके से दे दी गई है,कार्यवाही हो रही है 
एस के तत्वारी सीटीआई अनूपपुर रेलवे