जेठू सेठ को क्यों बचाने में आमादा राजेन्द्रग्राम पुलिस,क्यों नही दर्ज किया गैर इरादतन हत्या ? का मामला - विजय उरमलिया की कलम से

जेठू सेठ को क्यों बचाने में आमादा राजेन्द्रग्राम पुलिस,क्यों नही दर्ज किया गैर इरादतन हत्या का मामला
अनूपपुर - बीते दिनों अवैध पत्थर ढुलाई के दौरान खनिज माफिया जेठू सेठ के क्रेसर में एक गरीब की मौत हो गई मिली जानकारी के मुताबिक जेठू सेठ के क्रेशर में अवैध पत्थर से जो कारोबार चलता है वही कारोबार घटना के दिन भी जारी था और उसी दरमियान एक घटना ने एक को मौत के आगोश में ले लिया घटना की जानकारी के बाद भी राजेन्द्रग्राम पुलिस को मामला पंजीबद्ध करने में पसीने आ गये और सूत्रों की माने तो थाना प्रभारी महोदय का जो महीने की सेटिंग है और उसके चलते साहब नमक का फर्ज अदा किसी की मौत पर भी करते नजर आ रहे है,ये गैर इरादतन हत्या का मामला है चूंकि अवैध परिवहन अगर जेठू सेठ करवा रहा था तो समस्त जिम्मेदारी भी इन्ही साहबान की बनती है,अब तो हम सिर्फ इतना ही कह सकते है कि किसी के मौत पर भारी पड़ गया जेठू सेठ और धन्य है राजेन्द्रग्राम पुलिस, अनूपपुर ज़िले का पुष्पराजगढ़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ साथ भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो पुष्पराजगढ़ पठारी क्षेत्र होने के कारण खनिज संपदा से परिपूर्ण है | जिस वजह से यहाँ आसानी से खनिज मिल जाता है इस वजह से खनिज का काला कारोबार करने की तादात दिन बदिन बढ़ती ही जा रही है | पुष्पराजगढ़ मध्य्प्रदेश और छतीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से पुष्पराजगढ़ क्षेत्र से निकलने वाला खनिज बड़ी आसानी से पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में खनन का काला कारोबार करने वाले कारोबारी सिमा पर बिना किसी रोक टोक के ले जाते है । पुष्पराजगढ़ में आदिवासी जनजाति के लोग निवासरत है जो आर्थिक रूप कमजोर है इन गरीब आदिवासियों के मजबूरी का का फायदा वर्षो से खनन माफिया उठाते रहे है, चंद पैसो का लालच दे कर लाखो करोड़ो कमा रहे है चंद रुपयों की के लालच में ये अपना जीवन भी दांव पे लगा देते है जिसका सीधा फायदा इन माफियाओ को मिलता है । कुछ ऐसा ही हुआ पुष्पराजगढ़ के ग्राम हर्रा टोला में स्थित स्टोन क्रेसर सरस्वती माइनिंग एंड क्रेसरिंग के मालिक जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू के द्वारा वर्षो से बोल्डरों का अवैध उत्खन और परिवहन किया जा रहा है चंद रुपयों का लालच दे कर ग्रामीणों को आस पास के अवैध खदानों से ट्रैक्टर के माध्यम से पत्थरो का परिवहन करा कर क्रेसर में भंडार किया जा रहा है लेकिन क्या पता था कि इन भोले भाले उस 22 वर्षीय विकास शचंद्रवंसी को उसका यह लालच एक दिन उसकी जीवनलीला खत्म कर देगा विकास अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था जो अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था 27/01/2023 को म्रतक विकाश जब ट्रेक्टर से अवैध खदान से पत्थर लोड कर क्रेसर पहुचा लेकिन उसे क्या पता था कि मौत उसका इंतजार कर रही है जैसे ही म्रतक विकास ट्रेक्टर को बैक कर क्रेसर के ठीहे पे ला जहा है उसके बाद विकाश ने ट्रैक्टर को अनलोड किया और जैसे ही ठीहे से नीचे की तरफ उतर रहा था तभी अचानक गाड़ी अनियंत्रित हो गई और पास में बने गड्ढे में जा गिरी गढ़े में गिरते ही ट्रॉली चालक विकास के ऊपर आ गिरी जिससे विकास को अंदुरुनी चोटे आई ग्रामीणों के अनुसार घटना के समय आस पास लोग मौजूद थे लोग विकास की तरफ भागे और जैसे तैसे ट्रॉली में दवे विकास को बाहर निकाला और तत्काल गाड़ी में लेटा कर स्वस्थ केंद्र ले जाही रहे थे कि रास्ते मे विकाश ने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने किया चक्का जाम
हर्रा टोला में हुए इस हादसे के बाद गुस्साए परिजनों और सैकड़ो ग्रामीणों ने राजेन्द्रग्राम पुलिस पे क्रेसर मालिक के ऊपर मामला दर्ज न करना और कार्यवाही में लापरवाही का आरोप लगाते हुए म्रतक विकाश के शव को थाने के सामने रख कर प्रदर्शन शुरू कर दिया घंटो यातायात व्यवस्था बाधित रही जिसके बाद ऐस डी ओ पी सोनाली गुप्ता ने काफी देर तक समझने की कोसिस के बाद परिजन और ग्रामीणों ने जल्द मामला दर्ज कर कार्यवाही का अस्वासन मिलने के बाद शव को उठा घर चले गए।
साठ गाठ से चलता है अवैध कारोबार
जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू पुष्पराजगढ़ में एक छोटे से पत्थर खदान का मालिक हुआ करता था पर देखते ही देखते सेटिंग जुगाड़ पैसे के दम और गरीब आदिवासियों का शोषण करते हुए पुष्पराजगढ़ एक के बाद एक पांच क्रेशरों का मालिक बन बैठा सूत्र बताते है कि जेठू सेठ की माइनिंग और पुलिस में अच्छी खाशी रकम दे कर अवैध उत्खनन और परिवहन का काम दिन रात चलता है छत्तीसगढ़ सेआ कर मध्यप्रदेश अनुपपुर ज़िले में माइनिंग विभाग के अधिकारियों और पुलिस अधिकारी का खुला संरक्षण मिलना अपने आप मे सवाल खड़ा करता है।
पहले भी जा चुकी है जान
ये कोई पहला हादसा नही है जेठू के अवैध खदानों ने पहले भी आदिवाशी की जान जा चुकी है उत्खनन के बाद खुली खदान ने एक वर्ध महिला की जान पानी मे डूबने से हो चुकी है इसी तरह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति भी अवैध खदान धसक से मौत हो चुकी है पर इन सभी मौतों से जयप्रकाश उर्फ जेठू को कोई सरोकार नही है चंद रुपयों का लालच दे कर म्रतक के परिजनों को अपने पक्ष में कर मामले को रफ दफा कर दिया जाता रहा है और फहिर से गरीब अदिवाशियो की मजबूरी का फायदा उठा कर उन्हें फिर से अवैध कामो में लगा दिया जाता है । इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रशासन ने कभी जेठू के खिलाफ कोई कार्यवाही नही किया जाता है शायद साहब का भी हिस्सा साहब को पहुच जाता है।