पारम्परिक खेती से हटकर कृषक देवीलाल ने मेन्था फसल लगाकर की आर्थिक उन्नति

पारम्परिक खेती से हटकर कृषक देवीलाल ने मेन्था फसल लगाकर की आर्थिक उन्नति
अनूपपुर / पारम्परिक खेती से हटकर आर्थिक लाभ वाली मेन्था की खेती कर अनूपपुर विकासखण्ड के ग्राम चुकान के कृषक देवीदयाल कुशवाहा काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के आत्मा परियोजना अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण में उन्होंने कृषि की उन्नत तकनीक तथा पारम्परिक खेती से अलग हटकर कुछ अलग तरह की खेती करने के विचार को उन्होंने परिणित करने की ठानी। जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपने कुल धारित 01 हेक्टेयर के रकबे के 2.5 एकड़ में मेन्था (पिपरमेंट) की खेती की शुरुआत की। तैयार मेन्था (पिपरमेंट) फसल से तेल निकालने हेतु आत्मा परियोजना के सहयोग से 20 हजार रुपये से निजी आसवनी इकाई की स्थापना कर उपज से लगभग 60 लीटर मेन्था आयल (पिपरमेन्ट) उत्पादित किया। जिसे ओरी ऑयल कम्पनी द्वारा क्रय कर लिया गया। इससे कृषक देवीदयाल कुशवाहा को 70 से 80 हजार रुपये की प्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि इस तरह की नई फसल की उपज करने के लिए जिले के अन्य किसानों को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी फसल देखने के लिए जब दूसरे किसान आते हैं तो वह उन्हें सम्पूर्ण गतिविधि के बारे में उत्साहित होकर जानकारी देते हैं। उन्होंने बताया कि पहले रबी और खरीफ के दौरान वह पारम्परिक गेहूं, धान का उत्पादन करते थे, परन्तु अब वह पारम्परिक खेती के साथ ही सब्जी व मेन्था (पिपरमेन्ट) की खेती कर रहे हैं।