ये हादसा नही हत्या है,नगर पालिका कोतमा ले इस मौत की जिम्मेदारी 
अनूपपुर - आज शोसल मीडिया में एक पोस्ट कोतमा के पत्रकार पुष्पेंद्र उरमलिया के द्वारा डाली गई जहां स्क्रीन शार्ट में साफ लिखा हुआ है कि अगर पुरानी नाली तोड़ी गई तो मकान की दीवाल गिर सकती है पर नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा ग्रुप में किये गये मैसेज के बाद भी घटना को गंभीरता से नही लिया गया नतीजतन एक गैर इरादतन हत्या हो गई इसको लापरवाही भी नही कहा जा सकता चूंकि सभी को पता था इसका नतीजा क्या होगा उसके बाद भी वही काम किया गया
आप लाख विकास के दावे कर लें पर जब  आप के दिमाग मे ये फितूर सवार हो जाये कि जो हूँ सब मैं हूँ तो विकास विनाश में कब तब्दील हो जाता है पता भी नही चलता और इन दिनों कोतमा नगर पालिका का हाल भी कुछ ऐसा है लगातार  शोसल मीडिया में ये बाते सामने आ रही है कि कुछ चाहेते लोगों को लाभ पहुंचाने का काम नगर पालिका कोतमा में चल रहा है चले हमे कोई आपत्ति नही पर जो हादसा कल हुआ उसे आप हादसा कह सकते है हमारी नजर में गैर इरादतन हत्या है चूंकि सब को पता था यहां यह काम होने से क्या हो सकता है पर सीएमओ,इंजीनियर,अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सब सोते रहे और एक गरीब इनकी लापरवाही की भेंट चढ़ गया,
अजय सराफ अध्यक्ष अब बतायें कौन है इस मौत का जिम्मेदार,कोतमा वार्ड नंबर 7 में नाली निर्माण के दौरान गिरी दीवाल ने जहां एक को मौत की आगोश में समेट दिया तो दूसरा जख्मी हो गया ,

इस पूरे मामले में दिवार से दबकर सरवन चौधरी पुत्र कनक चौधरी उम्र 27 वर्ष निवासी बदरा की मौत हो गयी। वहीं गुलाब चौधरी पुत्र छेदी लाल चौधरी उम्र 20 वर्ष निवासी बदरा की गंभीर चोंटे आई। गंभीर चोंटो के कारण गुलाब चौधरी को जिला अस्पताल अनूपपुर भेजा गया। जहां से उसे मेडिकल कॉलेज शहडोल भेज दिया गया है। फिलहाल बताया जा रहा है कि गुलाब चौधरी की भी हालत गंभीर बनी हुई हैं। अब यह उनको तय करना है जो अक्सर दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते है आज वक्त पक्ष विपक्ष से परे है और उस गरीब को न्याय दिलाने का है जो अपने परिवार के दो वक्त की रोटी कमाने निकला पर पालिका के निक्कम्मेपन ने दो रोटी तो दूर जीवन भर के लिए एक परिवार को असहाय बना दिया

कोई ये कह कर पल्ला नही झाड़ सकता कि मुझे नही पता था,या मेरी जानकारी के बिना काम चल रहा था अगर कोई ऐसे वक्तव्य देता है तो उसे ततकाल प्रभाव से नगरपालिका छोड़ देना चाहिए और जिले की पुलिस को चाहिए कि इस पूरे मामले को महज हादसा बना कर न छोड़ दे हालांकि रसूख ऐसी चीज होती है कि कानून भी उनके दरवाजों पर पानी भरता दिखता है पर गरीब की हाय एक न एक दिन हिसाब जरूर करती है