कैप्टन ओहरिया साहब की ब्रिगेड में लुटेरों की फौज ?पुराने तालाबों में अमृतसरोवर तालाब का निर्माण कर सरकारी खजाने की लूट, मामला पंचायतों में हो रहे भृष्टाचार का -विजय उरमलिया की कलम से

कैप्टन ओहरिया साहब की ब्रिगेड में लुटेरों की फौज ? मामला पंचायतों में हो रहे भृष्टाचार का
अनूपपुर - जिला पंचायत अनूपपुर की ग्राम पंचायतों का बुरा हाल है,और यहां से लेकर जनपद से पंचायत तक भृष्टाचारियों कि फौज मौजूद है या यूं कहें कि जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ब्रिगेड में लुटेरों की फौज मौजूद है तो कोई अतिशयोक्ति नही है चूंकि सुना है साहब आज कल खूब दौड़े तो कर रहे है पर हो कुछ नही रहा साहब आप की पूरी फौज में ऊपर से लेकर नीचे तक सेटिंग है और अब तो लोग यहां तक कह रहे है कि आप इससे अछूते क्यों रह रहे है चूंकि यहां फैले भृष्टाचार को रोक पाना शायद आप के बूते की बात भी नही है क्यों कि आप की कुर्सी पर कई इस फौज के कई सेनापति आये और गये पर भृष्टाचार आया तो पर गया नही बल्कि और तेजी से इसका ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है,
क्या है मामला
ताजा मामला नगुला ग्राम पंचायत का है जहां अमृत सरोवर तालाब के नाम पर खुली लूट की जा रही है और साहब आप को तो पता नही होगा पर आप की जानकारी के लिए बता दें किया यहां के उपयंत्री महोदय द्वारिका अहिरवार के चहेते ठेकेदारों के द्वारा काम किया जा रहा है यहां तक भी ठीक है पर कसम से हद तो तब हो गई जब जियो टैगिंग ऊपर की करा कर तालाब में अमृत सरोवर तालाब बनाया जा रहा है ,आप की जानकारी के लिए बता दें कि नगुला में 13 लाख 57 हजार से स्वीकृत हुआ और।बाकायदा इसकी जियो टैगिंग ऊपर की गई जहां तालाब पहले से मौजूद था और आज से नही इस तालाब का निर्माण आज से 20 साल पहले हुआ था और बाकायदा इस तालाब में पानी भी रहता था पर आप के उपयंत्री दिवाकर अहिरवार ने इस तालाब में अमृत सरोवर तालाब बना कर पैसे को लूटने का रास्ता खोल लिया अब आप ही बता दो साहब क्या अमृत सरोवर तालाब में ही तालाब बनाने की योजना है या फिर खाली पड़ी जमीन में अमृत सरोवर बनना था पर जब अंधेर नगरी चौपट राजा होता है या यूं कहें कि जब मुखिया का भय किसी को नही होता तो इस तरह के कार्य होना लाजमी है,
महज चार से पांच लाख खर्च कर डकार लेंगे लाखों
इस पूर्व से निर्मित तालाब में अमृत सरोवर तालाब का निर्माण भृष्टाचार की जीती जागती मिसाल है और यहां सचिव,सरपंच,उपयंत्री के मिली भगत से लाखों के घोटाले को अंजाम देने की फिराक में है उपयंत्री द्वरिका अहिरवार,
इस पूरे मामले में हमने जब यहां के उपयंत्री द्वरिका अहिरवार से बात की तो उनका कहना था कि सरकारी रिकॉर्ड में ये तालाब नही था इसलिए वहां बना दिया साहब आप को जानकारी नही है कि अमृत सरोवर तालाब फ्रेश जगह पर बनना था अब पूर्व से निर्मित तालाब पर आप 30 प्रतिशत काम कर सरकार का सौ फीसदी रुपया डकार जाएंगे आप चाहते तो इस पुराने तालाब का जीर्णोद्धार करा सकते थे या फिर पुष्कर धरोहर तालाब के तहत इन पुराने तालाबो का कायाकल्प किया जा सकता था जिससे सरकारी राजस्व की बचत के साथ साथ विकास को असली जामा पहनाया जा सकता था परंतु आप की लूट खसोट की सोच ने सरकारी पैसे को लूटने का नायाब तरीका निकालते हुए पुराने तालाब पर अमृत सरोवर बना सरकारी पैसे को निपटाने के रास्ता निकाल लिया अब देखना लाजमी होगा कि इस आर्मी के ब्रिगेडियर अभय सिंह ओहरिया आखिर क्या कर पाते है जब हमने इस पूरे मामले में जिले की पंचायत के कैप्टन अभय सिंह ओहरिया से बात की साहब का जो जबाब था चौकाने वाला था साहब का कहना है ये पुष्कर धरोहर तालाब का जीर्णोद्धार किया जा रहा है जबकि हम आप को बता दे कि मनरेगा से ये अमृतसरोवर तालाब स्वीकृत है पर साहब कहते है कि आप अपने हिसाब से मान लीजिये अमृतसरोवर है मेरी जानकारी में पुष्कर धरोहर तालाब है,साहब बीसों साल से बना तालाब और मनरेगा में हाल ही में स्वीकृत तालाब आप को पुष्कर धरोहर तालाब नजर आ रहे है तो आप को मुबारक अगर आप के यहां पुराने तालाब में अमृतसरोवर तालाब का निर्माण कर सवाल में जबाब बतौर पुष्करधरोहर तालाब बताना बताता है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सब इस खेल में शामिल है और ये कोई इकलौती पंचायत नही है जहां इस तरह से घालमेल किया जा रहा है अगले एपिसोड में हम बतायेंगे कहाँ कहाँ इस तरह से भृष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है