शराब की बिक्री बंद हो, पत्रकारों को आवासीय सुविधा मिले,
जदयू की प्रदेश अध्यक्ष महिला मंच ने दिया प्रशासन को पांच सूत्रीय ज्ञापन

बांदा। शराब बंदी और जल मिशन योजना के अंतर्गत कराए जा रहे काम को लेकर जिले के अंदर बर्बाद हो रही सड़कों की मरम्मतीकरण सहित बुंदेलखंड में उद्योगधंधों की स्थापना कर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर पलायन रोकने के अलावा लुप्त हो रही कुश्तीकला को जीवंत बनाने के लिए हर ग्राम की ग्राम समाज की भूमि पर अखाड़ों की स्थापना एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में माने जाने वाले पत्रकारों कों आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की मांग भरा पांच सूत्रीय ज्ञापन सोमवार को  महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित जदयू की प्रदेश अध्यक्ष महिला मंच की शालिनी पटेल ने जिला प्रशासन को देकर सरकार से मांगों को पूरा करने की कार्यवाही के लिए कहा है। 
जदयू की प्रदेश अध्यक्ष महिला मंच शालिनी पटेल ने पांच सूत्रीय ज्ञापन में कहा है कि शराब की लत में न जाने कितने लोगों की जाने ले ली। न जाने कितने आबाद घर बर्बाद कर दिए। ऐसी स्थिति में शराब की बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाई जाए और अर्जित होने वाले राजस्व का कोई सरकार और विकल्प ढूंढ ले। ज्ञापन में उन्होंने जल मिशन योजना के अंतर्गत हर घर जल हर घर नल को लेकर कहा कि अधाधुंध मनमाने तरीके से शहरों, गांवों, कस्बों की सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त सड़कों का पुर्ननिर्माण कराया जाए और उत्तरदायी कंपनी से हुए नुकसान की वसूली सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने सरकार द्वारा बनाए गए बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा है कि अब बुंदेलखंड को उद्योगधंधों की जरूरत है। उद्योग स्थापित कर रोजगार मुहैया करा पलायन को रोका जाना चाहिए। उन्होंने प्राचीन कुश्तीकला की लुप्त होती विधा पर भी कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम समाज की जमीनों पर अखाड़ों की स्थापना करायी जाए ताकि कुश्तीकला जीवंत बनी रहे और पहलवानों के दांवपेंच का खेल जारी रहे। अंतिम और पांचवें बिंदु पर उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों को अन्य संचालित आवासीय योजनाओं की तर्ज पर आवास उपलब्ध कराना चाहिए ताकि वह भी समाज की मान्यता के विरुद्ध अपने उत्तरदायित्वों का अनुपालन कर सकें और उनके सामने खड़ा आवास का संकट समाप्त हो सके। जदयू की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी ने सरकार से मांगों को पूरा करने के लिए कहा है। सोमवार को उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कलक्ट्रेट कैंपस में बैठे एसडीएम को दिया। 

बांदा। जब भारत बदल रहा है। बदलाव के क्रम में जगह-जगह जिलों, शहरों सहित सड़कों व अन्य जगहों के मुगलकाल और ब्रिटिश काल के दौरान जगहों के किए गए नामाकरण बदले जा रहे हैं तब फिर आबकारी की उन दुकानों के नाम क्यों नहीं बदले जा रहे जिनमें ‘अंग्रेजी शराब की दुकान’ का बोर्ड लगा रहता है और इन दुकानों में देश के अंदर बनने वाली शराब की बिक्री की जाती है यह सवाल इन दिनों तब आम जन की जुबानी और चर्चा का विषय बन गया है जब जगह-जगह मुगल और ब्रिटिशकाल के दौरान रखे गए शहरों और अन्य स्थानों के नामों का बदलाव जारी है और शराबबंदी व बिक्री पर रोक लगाने के नाम प्रशासन को एक ज्ञापन दिया गया। समाजसेवी जानकी देवी का भी कुछ ऐसा ही मिलता-जुलता मत है कि जब हमारा भारत पग-पग में बदल रहा है तब फिर जब अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए तो फिर उनकी अंग्रेजी यहां बोर्डों में अपनी मौजूदगी कब तक दर्शाती रहेगी। अंग्रेजी शराब की दुकान की जगह उनका कहना है कि भारतीय रसपान का नाम देकर भी अंग्रेजी शराब की दुकान का नाम बदला जा सकता है। कुछ पढ़ेलिखे लोगों के भी मत ऐसे ही आए हैं। ट्रेजरी कार्यालय बांदा से रिटायर्ड कर्मी सत्यनारायन का कहना है कि सरकार जब तमाम मुगल और ब्रिटिश काल के नाम बदलकर भारतीयता और भारत के पुरोधाओं का नाम रोशन कर प्रकाश में लाकर एक अच्छा संदेश दे रही है तो फिर शराब की दुकानों में लिखे अंग्रेजी शब्द को हटाया जाना ही एक बेहतर संकेत व संदेश होगा।