कंस्ट्रक्शन एंड रियल एस्टेट प्रा0 लि के निदेशक दीपक कुमार गुप्ता के मकान पर कब्जा,, रिपोर्ट @अजय यादव बांदा

कंस्ट्रक्शन एंड रियल एस्टेट प्रा0 लि के निदेशक दीपक कुमार गुप्ता के मकान पर कब्जा
बांदा प्रदेश की योगी सरकार आमजनमानस मे अमन शाँति एवँ गुँड गर्दी एवँ भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के वादे पर दोबारा सत्ता मे आई तथा आमजन ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनवाई आज सरकार के ही नुमाँइन्दे आमजनमानस तथा व्यापारियो से लूटपाट तथा जमीनो एवँ मकानो मे कब्जा जैसे घ।णित कार्य करने से कोई गुरेज नही कर रहे है।
ऐसा ही एक मामला बाँदा शहर से प्रकाश मे आया है जहाँ पर सदर से पूर्व विधायक राजकुमार शिवहरे का पुत्र और अपने आप को बांदा-चित्रकूट सांसद का प्रतिनिधि बताने वाला स्वदेश गौरव शिवहरे उर्फ गोलू अपने और अपने साथियों निर्भय सिंह मोंटी आदि द्वारा किए गए अपराध को स्वयं वीडियो मे कुबूल कर रहा है । और खुद इकबालिया बयान कर रहा है की बांदा के प्रतिष्ठित व्यापारी और समाजसेवी शांति गुप्ता कंस्ट्रक्शन एंड रियल एस्टेट प्रा0 लि के निदेशक दीपक कुमार गुप्ता के मकान पर उसने कैसे कब्जा और लूट पाट की सरेआम गोलियां चलाई और कैसे दीपक कुमार गुप्ता के कर्मचारियों को थूक चटा कर मारा । इसके बावजूद सत्ता की हनक एवं पुलिस और अधिकारियो से संबंधों और मिलीभगत के बलबूते कैसे ये अपराधी कारोबारी दीपक कुमार गुप्ता के ऊपर ही उल्टा झूठा और काल्पनिक मुकदमा सत्ता की हनक मे पंजीकृत करवा देता है । आखिरकार पूछता है बांदा की पूर्व विधायक राजकुमार शिवहरे के पुत्र स्वदेश गौरव शिवहरे उर्फ गोलू को किस राजनेता , माननीय, या किस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है जिसकी दम और हनक पर ये अपराधी लगातार ऐसे अपराध किए जा रहा है और प्रशासन इस अपराधी पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है । दीपक कुमार गुप्ता का ये भी कहना है की मेरे मकान पर कब्जा और लूट पाट और मेरे कर्मचारियों के साथ मार पीट हुये 2 महीने से भी ज्यादा का समय गुजर गया पर सत्ता की हनक की दम पर इस अपराधी के खिलाफ बांदा नगर कोतवाली में मेरे द्वारा दी गई तहरीर पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई ।
ऐसे अपराधियो पर योगी सरकार की पुलिस कब लगाम लगायेगी दीपक गुप्ता का मकान ऐसे दबँगो से जिन्हे सत्ता पक्ष के आकाओ का सँरक्षण प्राप्त है । कैसे पुलिस अवमुक्त करवा पायेगी।ऐसे दबँगो पर क्या योगी सरकार की पुलिस कार्यवाही कर पायेगी या इसी तरीके से गुँडा गर्दी का आलम रहेगा।यह एक बडा यक्ष प्रश्न पुलिस पर लग रहा है।