एमजंक्शन के एमडी विनय वर्मा ने कहा, कोयले की मांग बनी रहेगी

एमजंक्शन के एमडी विनय वर्मा ने कहा, कोयले की मांग बनी रहेगी
कोलकता - भारत की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड कोलकाता में 16वीं इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस (भारतीय कोयला बाजार सम्मेलन) का आयोजन कर रही है। आईटीसी सोनार में 20-21 मार्च 2023 के बीच इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। तेजी से बदलती ऊर्जा गतिशीलता को समझने के लिए, इस सम्मेलन की थीम “कोल रश : ग्रोइंग इन ए ग्रीन वर्ल्ड” रखी गई है। इसी थीम के मुताबिक, यह सम्मेलन कोयला और नवीकरणीय क्षेत्रों में विकास और इस क्षेत्र में नए निवेश की व्यवहार्यता के मायने समझने के लिए संवाद का मंच मुहैया कराएगा।
एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर विनय वर्मा ने 16वीं इंडियन कोल मार्केट कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र के दौरान सभी गणमान्य अतिथियों और उद्योग जगत की नामचीन हस्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए कोयला मंत्रालय के सचिव अमित लाल मीणा का स्वागत किया। इसके अलावा कोल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, भुवनेश्वर पावर प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एस. साहा और रिन्यूबल एनर्जी सोसाइटी ऑफ इंडिया के डीजी अजय मिश्रा ने भी भारतीय कोयला उद्योग की कई जटिलताओं को लेकर सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड के एमडी और सीईओ विनय वर्मा ने कहा, "यह एक कठिन लक्ष्य है क्योंकि वित्त वर्ष 23 में अनुमानित 700 मिलियन टन की तुलना में 80 मिलियन टन अधिक कोयले की आवश्यकता होगी।" उन्होंने कहा, "भारत में, गैस और तेल की आपूर्ति से जुड़े भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच ऊर्जा सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए कोयला महत्वपूर्ण है। ऐसे में एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी संसाधन के रूप में कोयले की मांग बनी रहेगी।”
एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा आयोजित 16वें इंडियन कोल मार्केट सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला मंत्रालय वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के कुछ मौजूदा नियमों को बदलने की प्रक्रिया में है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "कोयला मंत्रालय 2013 में अप्रैल के मध्य तक वाणिज्यिक खनन के आगामी ट्रांच 7 के लिए कुछ बदलावोंकोलागूकरनेपर विचार कर रहा है ताकि कारोबार करने को आसान बनाया जा सके, लंबे समय में रिटर्न मिल सकें और कीमतों में स्थिरता लाई जा सके।"
अब तक कुल 129 खानों को कैप्टिव (निजी उपयोग) और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं को सौंप दिया गया है। कोयला सचिव ने कहा, "लगभग 50 खानों से उत्पादन शुरू हो गया है। कुल कोयला उत्पादन का 15 प्रतिशत कैप्टिव और वाणिज्यिक खानों से आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 23 में कैप्टिव और वाणिज्यिक खानों से उत्पादन 89 मिलियन टन था और इस वर्ष हम 112 मिलियन टन की उम्मीद कर रहे हैं।” कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 24 के लिए 780 मिलियन टन का लक्ष्य तय किया है।
उद्घाटन सत्र के बाद सम्मेलन को केसीटी के चीफ मेंटॉर श्री वी के अरोड़ा, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के डायरेक्टर (टेक्निकल) और डायरेक्टर (फाइनेंस-अतिरिक्त प्रभार) डॉ बी वीरा रेड्डी, आदित्य बिरला ग्रुप के समूह सलाहकार और एस्सेल माइनिंग के पूर्व एमडी श्री तुहीन मुखर्जी, आईसीआरए लिमिटेड में कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग्स के सेक्टर हेड और वाइस प्रेसिडेंट रीताब्रता घोष, एपीएमडीसी में मिनरल्स, मेटल्स और माइनिंग के सलाहकार डीएलआर प्रसाद समेत अन्य लोगों ने सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया।