झाईताल में अमृतसरोव बना लूट का गढ़,पंद्रह लाख के तालाब में खाना पूर्ति कर सरकारी पैसों की बंदरबांट,जिम्मेदार कुम्भकर्णीय निद्रा में 
अनूपपुर - वर्षा जल संरक्षण के लिए शासन की ओर से वृहद स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवर विकसित किए जा रहे हैं। अमृत सरोवरों को विकसित करने के लिए शासन की ओर से भारी भरकम बजट भी दिया गया है, लेकिन यह अमृत सरोवर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। जनपद पंचायत जैतहरी क्षेत्र में तो सरोवरों की जमीनी हकीकत ही अलग है। ब्लॉक क्षेत्र में निर्मित किए जा रहे अमृत सरोवर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। आलम यह है,की तालाब निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही भ्रस्टाचार की बानगी खुद बयां करने लगे है  

इस पूरे घोटाले में सरपंच ,सचिव से लेकर जनपद के  अधिकारियों की मिलीभगत से अमृत सरोवर योजना में घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है । जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत झाईंताल के जुन्ना नाला में अमृतसरोवर तालाब का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिस की कार्य आईडी 1746003035/wc/22012034962938  है। जिसमें ग्राम झाईंताल की सरपंच विद्या सिंह और सचिव संतोषी सिंह और उक्त तालाब का निर्माण कर रहे सोहन सिंह  अधिकारीयों से सांठगांठ कर तालाब में भारी भ्रस्टाचार  है और शासन की मंशा के विपरीत तालाब में महज खाना पूर्ति कर सरकारी पैसे का बन्दर बाँट किया जा रहा है 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों के निर्माण के लिए अमृत सरोवर योजना  शुरू करने की घोषणा की थी और इसी के तहत इन अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण होना था और प्रत्येक तलाब की एरिया 1 एकड़ की केपीसीटी के अनुसार होगा जिसमें 10000 क्यूबिक मीटर पानी की क्षमता होनी चाहिए  I सभी 75 अमृत सरोवरों को अमृत वर्ष के अंत तक यानी 15 अगस्त 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पर अनूपपुर जिले में यह योजना भ्र्ष्टाचार का गढ़ बन चुकी है और सरपंच सचिव से लेकर जनपद के जिम्मेदार सभी मिल कर इस अमृत योजना को पलीता लगाने में आमादा है 

इस अमृत सरोवर तालाब के लिए 14 लाख 78 हजार रुपये की राशि स्वीकरत हुई है पर तालाब का निर्माण जिस तरीके से किया जा रहा है उससे ये साफ़ है की पंचायत की तरफ से तालाब निर्माण कार्य आखरी चरण में है जबकि इस तालाब निर्माण में एक तरफ मिटटी दाल कर मेध का निर्माण कर दिया गया और थोड़ी से पथ्थरों की पिचिंग कर खाना पूर्ति कर दी गई है 

नहीं उठाते कोई फोन 

इस पूरे खेल में शामिल सचिव उपयंत्री कोई फोन नहीं उठाते और इस से सम्बंधित जानकारी देने से बचते नजर आ रहे है 
तालाब के हालात देख कर तो यही लगता है कि पंद्रह लाख के तालाब में महज 6 से 7 लाख खर्च कर के बांकी का पैसा इन भृष्टाचारियों की भेंट चढ़ गया पर जनपद के कोई भी जिम्मेदार इस महती योजना को देखना मुनासिब नही समझता जिसके फलस्वरूप उपयंत्री और ठेकेदार के साथ सरपंच सचिव मनमानी पे उतारू है और प्रधान मंत्री की अमृत योजना को अपनी कमाई का जरिया बना रहे है

 

इनका कहना है 

कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है थोड़ा सा छलका बचा हुआ है जिसको जल्दी बना देंगे 
सोहन सिंह ठेकेदार

जगह कम होने के चलते थोड़ा छोटा हो गया है थोड़ा बहुत काम बचा हुआ है जिसको जल्दी पूर्ण किया जाएगा
उपयंत्री अरविंद उइके