अनूपपुर के बरगवां स्थित सोडा फैक्ट्री में हुए प्राणघातक क्लोरीन गैस रिसाव ने औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरणीय निगरानी पर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। इस दुर्घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि फैक्ट्री द्वारा सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन नहीं किया गया, जिससे यह हादसा हुआ।

 

**घटना का प्रशासनिक निरीक्षण:**

क्लोरीन गैस रिसाव के तुरंत बाद, अनूपपुर के कलेक्टर हर्षल पंचोली, जिला पंचायत सीईओ तन्मय वशिष्ठ, एसडीएम दीपशिखा भगत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने स्थिति का मुआयना किया और तत्काल जांच के आदेश दिए। एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सुगंध प्रताप सिंह और विशेषज्ञों की टीम ने गैस रिसाव की गंभीरता का मूल्यांकन किया। प्राथमिक जांच में पाया गया कि फैक्ट्री के सुरक्षा उपायों में गंभीर चूकें हुईं, जिनके कारण यह घटना हुई। 

 

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि फैक्ट्री के गैस कंट्रोल सिस्टम में खामियां थीं। फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों के तहत गैस रिसाव को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन से सुरक्षा दस्तावेज़ और गैस नियंत्रण प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी तलब की है। विस्तृत तकनीकी जांच के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस दुर्घटना का सटीक कारण क्या था और कौन जिम्मेदार है।

 

**नगर परिषद अध्यक्ष की पूर्व चेतावनी:**

नगर परिषद अध्यक्ष गीता गुप्ता ने पहले ही इस फैक्ट्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें पर्यावरण प्रदूषण और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की ओर इशारा किया गया था। गीता गुप्ता ने कहा, "अगर समय रहते पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने उचित कार्यवाही की होती, तो आज यह बड़ी दुर्घटना नहीं होती।" उनके इस बयान ने अधिकारियों की कार्यक्षमता और प्रदूषण नियंत्रण उपायों की सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

अब प्रशासन और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इस घटना के मूल कारणों की जांच कर रही है। साथ ही, भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों के सख्त पालन की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।