रेत माफियाओ के आगे खाकी हुई बेवस, शाम होते ही माफियाओ का बोल बाला बेवस वेंकटनगर पुलिस

रेत माफियाओ के आगे खाकी हुई बेवस, शाम होते ही माफियाओ का बोल बाला बेवस वेंकटनगर पुलिस
सत्ता पक्ष विपक्ष पर विपक्ष सत्ता पक्ष पर लगा रहा आरोप पुलिस मूंक दर्शक बनी
मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के सीमा से लगे जिले के वेंकटनगर चैकी क्षेत्र में तिपान और अलान नदी इस समय संकट में नजर आ रही है। वेंकटनगर और उसके आस-पास के रेत माफिया इस समय नदी की रेत को लूटने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है निर्वाचन के समय सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरें से किसी मुद्दे में एकमत नजर आए या न आए लेकिन वेंकटनगर स्थित तिपान और अलान नदी से रेत चोरी के मामले में चोर-चोर मौसेरे भाई की तर्ज पर एक-दूसरे की जांघ ढकने का काम कर रहे है। और रही बात उन जिम्मेदार पुलिस कर्मचारियों कि तो इस व्यवसाय में लगें माफियाओं और उनके कारिंदों के साथ वेंकटनगर के गली, चैराहों, पान और चाय की गुमटियों में गलबहियां करते देखे जा सकते है।
(क्राइम रिपोर्टर)
अनूपपुर। अनूपपुर जिले के जैतहरी थाना की चैकी वेंकटनगर इस समय रेत माफियाओं से गुलजार हो रही है यह हम नही कह रहें है। वेंकटनगर की सड़के गली, चैराहे, बाजार, खेत-खलिहान जहां देखो वहां रेत के ढ़ेर अपनी कहानी स्वंय बयां कर रहे है। वैसे तो अनूपपुर जिले में संचालित 18 वैद्य खदानों के लिए पावर सेक्टर में काम करने वाली एक कंपनी पावर मेंक को ठेका मिलने की बात सामने आयी है जिसके द्वारा 1 अक्टूबर 2023 से काम शुरू करना था। परंतु आज दिनांक तक वैद्य रेत की बिक्री शुरू नही हुई है और यही कारण है कि सीमावर्ती क्षेत्रों, दूर-दराज के इलाकों में रेत माफियाओं द्वारा स्थानीय पुलिस से साठ-गाठ कर नदियों से अंधा-धुंध बेखौफ रेत का उत्खनन परिवहन कर रहे है। और जिम्मेदार कुम्भकरिणी निद्रा में सो रहे है।
तुम डाल-डाल तो मै पाद-पाद
जिले के अंतिम छोर स्थित एवं छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे वेंकटनगर चैकी प्रभारी बलेन्द्र सिंह के दावों को सच माने तो खनिज माफिया या कहे रेंत चोरी के काम लगें हुए सातिर अपराधी तुम डाल-डाल तो मै पात- पात कुछ इस तर्ज पे काम कर रहे है क्योंकि वह बड़े दावे के साथ कहते है कि वेंकटनगर पुलिस दिन और रात दर्जनों बार तिपान और अलान नदी स्थित रेत खदानों पर लगातार गस्त करती रहती है लेकिन उन्हें माइनिंग विभाग द्वारा पकड़ी गई दो गाड़ियों के अलावा कभी कांई गाड़ी नही दिखी। लेकिन वेंकटनगर की सड़के, गली, चैराहे, खेत-खलिहान में पड़े हुए रेत के ढेर कुछ और ही कहानी बयां कर रहे है। पुलिस का कहना है कि शाम होते ही रेत माफिया बकायदे फील्डिंग लगाते हुए पूरी रात निडर होकर रेत चोरी करते है। पुलिस गस्त करती रहती है और रेत चोर अपना काम दोनों एक-दूसरे को अच्छे दोस्त की तरह बिल्कुल परेषान नही करते बस वेंकटनगर की जनता सड़कों पर पड़ी रेंत को देखकर अचंभित होती रहती है।
निर्वाचन हेतु बार्डर में कैसी वाहनों की जाँच
मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए जिले के सीमावर्ती इलाकों में बाकायदे वाहनों के जांच हेतु विषेष नाके लगाए गए है जिसमें पुलिस विभाग के अलावा राजस्व के अधिकारी भी तैनात किए गए है इतना भारी भरकम अमला के तैनात होने के बावजूद भी अवैध रेत के इस परिवहन में कोई भी सार्थक कार्यवाही नही हो रही है। जन चर्चा तो इस बात की है कि आज से दो दिन पहले सीमावर्ती नाके से कुछ दूरी पर एफएसटी टीम द्वार गस्त के दौरान अवैध रेत से भारी एक गाड़ी पकड़ी गई थी जिसे वेंकटनगर चैकी से आए हुए एक फोन काॅल ने निर्भय परिवहन के लिए छोड़ दिया था अब आप ही फैसला करे कि वेंकटनगर पुलिस अवैध रेत व्यवसाय को रोकने के लिए कितनी गम्भीर है।
खनिज विभाग का सुस्त रवैया
पूरे मामले में जिम्मेदार खनिज विभाग का रवैया भी संदेह से परे नही है।जिस बात को वेंकटनगर का बच्चा-बच्चा जानता और चर्चा करता है उस रेत चोरी पर कार्यवाही को लेकर नाम मात्र की कार्यवाही कर पीठ थप-थपाने का काम करने वाले खनिज विभाग की सुस्ती भी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रतिदिन दर्जनों गाड़ियां पूरी रात वेंकटनगर की सड़कों दौड़ती है। और इनकी आवाज सउ़कों में घुमने वाले कुत्तों के भोकने की आवाज के समाने दब जाती है शायद यही कारण है कि सड़क पर स्थित चैकी और वहो पर उपस्थित कर्मचारियों और प्रभारी के कानों में ट्रैक्टर और ट्रकों की आवाज उनके कानों तक नही पहुंचती तो अनूपपुर स्थित खनिज विभाग तक पहुचंने का सवाल ही नही उठता।
शेर और बकरी एक ही घाट में पानी पीते नजर आते है
यूं तो जंगल के राजा शेर और बकरी एक ही घाट में पानी पीते किसी ने कही नही देखा होगा लेकिन चारों केलिए पुलिस किसी शेर से कम नही होती और जिस दिन पुलिस चाहे बकरी रूपी चोर को सलाखो के पीछे डालने में कोई संकोच नही करती। लेकिन वेंकटनगर में अवैध रेत माफियाओं और पुलिस का गठबंधन कथित तौर पर कुछ ऐसा ही है यह कहा जा सकता है कि यहां पर शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीते है।