समाज का भेदभाव तोड़ना स्नेह यात्रा का मुख्य उद्देश्य - माऊली सरकार मनमारी गाँव में मंच छोड़ कच्चे मकान के फर्श पर जमाया आसन

समाज का भेदभाव तोड़ना स्नेह यात्रा का मुख्य उद्देश्य - माऊली सरकार
मनमारी गाँव में मंच छोड़ कच्चे मकान के फर्श पर जमाया आसन
अनूपपुर I अमरकंटक के फलाहारी आश्रम के विख्यात संत अनंत विभूषित जगतगुरु रामानंदाचार्य माऊली सरकार ने सामाजिक समरसता के तहत निकाली जा रही स्नेहा यात्रा के दौरान अनूपपुर जिला अन्तर्गत पथरौडी, पचखुरा, वसखली, मनमारी ,चंगेरी में सैकड़ों लोगों के बीच कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर देश में पहली बार संत गण स्नेह यात्रा में निकले हैं, गांव-गांव में विचरण कर रहे हैं। सामाजिक सद्भावना बढाने, स्नेह फैलाने संत गण गाँव - गाँव भ्रमण पर निकले हैं । स्नेह यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज की कुंठा को दूर करना है।
जन अभियान परिषद अनूपपुर, पतंजलि योग पीठ, गायत्री परिवार, भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पाण्डेय, हरिनारायण पाण्डेय, अजय शुक्ला, गजेन्द्र सिंह शिकरवार, दिलीप शुक्ला, मुनेश्वर पाण्डेय, सुनील गौतम के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं, ग्रामीणों के बीच स्नेह यात्रा नौवें दिन गोहण्ड्रा , पिपरिया ,बसखली होकर देर रात बेलियाबडी में पूर्ण हुई। वंचित समाज की बस्तियों में आयोजित स्नेह कार्यक्रम में लोगों की अपार भीड़ उमड़ रही है।
ग्राम मनमारी में कच्चे मिट्टी के घर के सामने परछी में गोबर से लिपे जमीन पर ही माऊली सरकार ने आसन लगा लिया। माऊली सरकार ने कहा कि पहली बार समाज के मन्दिर में संत पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपका साथ होगा तब ही सबका विकास होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर अब फिर से स्नेह की शहनाई बजेगी, मृदंग बजेगा, मंगल गान होने का समय है। समरसता, स्नेह, शिक्षा, उद्योग, सामाजिकता की मिठाई बनाने का कार्य समाज कर रहा है। आजादी के पहले और उसके बाद 70 साल से देश में समाज के भीतर खटास बढाने ,विद्वेष पैदा करने का काम किया गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर देश में पहली बार संत गण स्नेह यात्रा में निकले हैं, विचरण कर रहे हैं। सामाजिक सद्भावना बढाने, स्नेह फैलाने संत गण गाँव - गाँव भ्रमण पर निकले हैं, विचरण कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य समाज की कुंठा को दूर करना मुख्य उद्देश्य है। अस्वच्छता और व्यसन से मुक्ति हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए ,नशा से दूर रहना चाहिये। शिक्षा ,संस्कार को अपनाना चाहिए। सक्षम, मजबूत ,एकजुट राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खल्विदं ब्रम्ह का अर्थ है कि ईश्वर के लिये सभी लोग समान हैं। जाति से शिक्षा बड़ी होती है। असामाजिकता से सामाजिकता बड़ी होती है। भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है। जो पियेगा वो दहाडेगा। व्यसन, नशा ,अनैतिकता व्यक्ति को निम्नता प्रदान करता है। इनसे दूर रहना चाहिए। समाज का भेदभाव तोड़ना मुख्य उद्देश्य है। आजादी के बाद पहली बार संतगण गाँव-गाँव जा कर जनता के दर्शन कर रहे हैं। संत भी एक तरह के चिकित्सक हैं ,जो समाज को जोड़ने वाले सेतु हैं और समाज के तमाम विकार दूर कर रहे हैं। अनूपपुर जिला योग समिति पतंजलि योग समिति के अध्यक्ष हरिनारायण पाण्डेय, जिला योग प्रभारी राम सिंह कुशवाहा के साथ अन्य लोगों को रक्षा स्नेह सूत्र बांध कर सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए कहा कि समाज का भेदभाव तोड़ना मुख्य उद्देश्य है। आजादी के बाद पहली बार संतगण गाँव गाँव जा कर जनता के दर्शन कर रहे हैं। संत भी एक तरह के चिकित्सक हैं ,जो समाज को जोड़ने वाले सेतु हैं और समाज के तमाम विकार दूर कर रहे हैं।