विस्थापन में दी गई भूमि की कर दी गई बिक्री,पुष्पराजगढ़ राजस्व विभाग व रजिस्टार ने करा दी रजिस्ट्री दे दिया पट्टा,विस्थापन के नाम पर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बनाए जा रहे पक्के मकान,राजस्व विभाग मूक दर्शन बना,अनूपपुर कलेक्टर ले संज्ञान - विजय उरमलिया की कलम से

विस्थापन में दी गई भूमि की कर दी गई बिक्री,पुष्पराजगढ़ राजस्व विभाग व रजिस्टार ने करा दी रजिस्ट्री दे दिया पट्टा,विस्थापन के नाम पर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बनाए जा रहे पक्के मकान,राजस्व विभाग मूक दर्शन बना,अनूपपुर कलेक्टर ले संज्ञान
अनूपपुर -पुष्पराजगढ़ - अनूपपुर जिले के तहसील पुष्पराजगढ़ के मुख्यालय राजेंद्रग्राम से लगा हुआ ग्राम पटवारी हल्का शिवरी चंदास में राजेंद्र ग्राम से करौंदी, जैतहरी सड़क मार्ग से लगी हुई लगभग 05 एकड़ कीमती शासकीय भूमि जिसका भूमि खसरा नंबर 280 / 05 है। जिसे राजस्व विभाग की मिली भगत से रजिस्ट्री कराकर विक्रय कर दी गई है। तथा उक्त भूमि पर अवैध रूप से पक्के मकानो का निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। शिवरी चंदास ग्राम में कस्तूरबा गांधी छात्रावास के पास लगभग 5 एकड़ शासकीय भूमि है उक्त शासकीय भूमि में खसरा नंबर 280/05 चेतन अहीर पिता करिया अहीर को एक एकड़ भूमि सन 1989- 90 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा विस्थापन में दी गई थी। जिसे तीन भाइयों में 33 -33डिसमिल के मान से बंटवारा किया जाकर पट्टा दिया गया था । जिसमें मोखे लाल यादव पिता करिया यादव एवं राजू यादव पिता करिया यादव द्वारा राजस्व विभाग की मिली भगत से नियम विरुद्ध तरीके से विस्थापन में दी गई भूमि की बिक्री कर दी गई है। जबकि भूमिहीनों को विस्थापन के लिए शासन द्वारा भूमि आवंटित की गई थी। विस्थापन में दी गई भूमि बिक्री में राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं भूमि खरीदने वालों ने मिलकर उक्त कीमती भूमि को बहुत सस्ते दामों पर खरीदा है। जबकि विस्थापन मे दी गई भूमि की बिक्री किए जाने का नियम ही नहीं है। इसके बावजूद विस्थापन में दी गई भूमि की बिक्री करा दी गई। यह मामला तो विस्थापन में दी गई भूमि बिक्री का है। इसके अलावा वहां पर शेष 4 एकड़ कीमती शासकीय भूमि पर भी राजस्व विभाग की मिली भगत से गलत तरीके से नक्शा तरमीन कर विस्थापन में दी गई भूमि का खसरा नंबर बताकर वहां पर अतिक्रमण कराकर पक्के मकानो का निर्माण कराया जा रहा है । इस संबंध में ग्राम वासियों द्वारा 10 दिसंबर 2024 मंगलवार को तहसील कार्यालय पुष्पराजगढ़ जनसुनवाई मे आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिस पर आर आई एवं पूर्व पटवारी चेतन मरावी एवं वर्तमान पटवारी को जमीन नापने व जांच करने के संबंध में आदेशित किया गया था। लेकिन पटवारी चेतन मरावी एवं आर आई द्वारा उक्त भूमि को गलत तरीके से नक्शा तरमीम कर गलत नाप कर विस्थापन में दी गई भूमि का खसरा नंबर बताकर अवैध तरीके से शासकीय भूमि पर मकान बनाने वालों को बचाया जा रहा है। जिस समय विस्थापन भूमि का पट्टा दिया गया था और तीन भाइयों के बीच में बटनवारा कर भूमि का सीमांकन कराया गया था उसे समय भूमि को राजेंद्र ग्राम जैतहरी मार्ग सड़क से उत्तर दक्षिण की ओर एक एकड़ भूमि दी गई थी जिसका तीनों भाइयों ने सीमांकन कर कर अपना-अपना कब्जा प्राप्त कर लिया था लेकिन 10 दिसंबर 2024 को जनसुनवाई में जब शिकायत की गई तो आर आई एवं पटवारी चेतन मरावी द्वारा शुभम को जिस स्थान पर अवैध रूप से मकान निर्माण किए गए हैं और कराए जा रहे हैं उस स्थान तरफ सड़क के किनारे किनारे पूरब पश्चिम नक्शे का नंबर दिखाकर नाप कर दी गई यहां तक की राजू यादव पिता करिया यादव जहां पर मकान बना कर रह रहा है उसे शासकीय भूमि बता दिया गया। जबकि पूर्व में किये गये सीमांकन नाप में उसका घर विस्थापन मे दी गई भूमि जिसका पट्टा मिला था उसी भूमि मे दर्ज था। इस प्रकार से आर आई एवं पटवारी चेतन मरावी द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार नक्शे को घुमाकर अवैध रूप से मकान बनाने वालों को गलत नाप करके बचाया गया है। पटवारी चेतन मरावी बिगत दो वर्षों से शिवरीचंदास हल्का में पदस्थ था अभी एक माह पहले ही उन्हें यहां से शिकायत पर हटाया गया है। उनके समय ही उक्त शासकीय भूमि पर अवैध रूप से मकान निर्माण किराये गये है। इन्होंने ग्राम शिवरी चंदास में ही अपना लाखों रुपए की कीमत का एक आलीशान मकान अभी बनवाया है। जो शासकीय भूमि अतिक्रमण करने वालों का साथ दे रहे हैं। अतः कलेक्टर महोदय से जनापेक्षा है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जिला स्तर पर जांच करा कर शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कराए जा रहे अवैध मकान निर्माण कार्य पर शीघ्र रोक लगायी जाए। तथा विस्थापन में दी गई भूमि बिक्री का रजिस्ट्री पट्टा निरस्त कर कार्यवाही की जाए। जिससे अतिक्रमण कर अवैध रूप से बनाए जा रहे मकानो पर रोक लग सके।
इस पूरे मामले में पुष्पराजगढ़ एसडीएम एवं अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली की दखलंदाजी अब लाजमी इसलिए हो जाती है चूंकि पुष्पराजगढ़ में सरकार के पास सड़क से लगी हुई करोड़ों की जमीन केवल शिवरीचँदास में बची थी यहां पर भी जमीन माफ़ियाओं ने राजस्व विभाग,जमीन रजिस्टार के साथ मिल कर करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा कहें या अवैध रजिस्ट्री फिर उसके ऊपर अवैध कब्जा भी चिंता का विषय बन गया है चूंकि कल प्रशासन को किसी सरकारी कार्य य निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तो कहां जाएंगे और अगर आज यहां से कब्जा नही हटाया गया तो आने वाले समय मे।यहां सरकारी जमीन के नाम पर कुछ भी देखने को नही मिलेगा
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