जिला चिकित्सालय में सर्पदंश से पीड़ित नाबालिक  के घाव से जहर चूसते हुए अंधविश्वास का वीडियो हुआ वायरल
@पंकज नामदेव की रिपोर्ट

अनूपपुर। जिले के कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज अजीबोगरीब मामला दिखाई पड़ा जहां सर्प के द्वारा एक स्कूली छात्रा को काटने के बाद स्कूल के शिक्षक व परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व इलाज कराने के लिए पहुंचे थे, जहां प्राथमिक इलाज के बाद हॉस्पिटल के बेड में ही झाड़-फूंक और सांप के काटे स्थान को मुंह से चूस कर जहर निकालने का अंधविश्वासी खेल शुरू हो गया था। उक्त घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया में जब वायरल हुआ तो यह चर्चा का विषय बन गया। बताया जा रहा है कि यह छात्रा अनूपपुर जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाडीखार हाईस्कूल मे कक्षा आठवी की छात्रा प्रार्थना सिंह है जो सुबह लगभग 9 बजे आज स्कूल गई थी और स्कूल परिसर के अंदर उसे सर्प ने काट लिया जिसकी इलाज के लिए समुदायिक स्वास्थ्य  लाया गया था।

झाड़-फूंक करने आये व्यक्ति ने मुंह से निकाला जहर –

कोतमा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर सर्प के द्वारा कांटे हुए छात्रा को गांव से आए झाड़-फूंक करने वाले हॉस्पिटल के अंदर ही जहां सांप काटा हुआ था वहां मुह से जहर निकालता हुआ वीडियो में दिखाई दे रहा है वहीं आसपास देखने के लिए लोगों का भीड लगने लगा और हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर नर्स कर्मचारी झाड़-फूंक करने वाले व्यक्ति को जहर निकालते हुए देखते रहे। अस्पताल में झाड़-फूंक करने वाले ओझा को रोकने की बजाय मूकदर्शक बने रहे डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी, झाड़-फूंक से नाबालिक की जान को जोखिम में डालकर परिजन और कर्मचारी मूकदर्शक बने रहे।

डॉक्टरों सामने ही चलता झाड़-फूंख का खेल

प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों ने झाड़-फूंक करने वाले एक ओझा को बुला लिया और दुर्भाग्य से अस्पताल के बेड पर ही ओझा सांप काटने का जहर उतारने के लिए झाड़-फूंक कर मुह से चूस कर जहर निकालने लगा . करीब घंटेभर अंधविश्वास का ये खेल सरकारी अस्पताल में चलता रहा लेकिन ना तो अस्पताल प्रशासन ने ओझा को झाड़-फूंक करने से रोका और ना ही बच्ची के परिजन ने ।

जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं जवाब

उप संबंध में जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर आर के वर्मा से फोन के माध्यम से बात करनी चाही गई तो, उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया, जब संबंधित हॉस्पिटल में उक्त वीडियो की पड़ताल की गई तो डॉक्टर भाग खड़े हुए और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर फील्ड वर्क में होना बताया गया। जिम्मेदार पद में बैठे हुए अधिकारी कर्मचारी अव्यवस्थाओं पर बोलने से बच रहे हैं।