अनूपपुर और पसान का इतिहास दोहराने की कगार पर जैतहरी चुनाव में भाजपा
भाजपा में आधा दर्जन अध्यक्ष के दावेदार कैसे होगा बेडापार
इन्ट्रो-भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने-अपने प्रत्याषियों की घोषणा के बाद आवंटित चुनाव चिन्ह को लेकर दोनों दलो के प्रत्याषी जनता के बीच चुनावी मैदान में अपना-अपना पक्ष रखने के लिये जोर-षोर से प्रचार में जुट गये हैं। वैसे तो एक जुट कांग्रेस भाजपा को सीधे चुनौती देते दिख रही है। परंतु भाजपा की वर्तमान दुर्दषा के लिये कोई और नही खुद भाजपा जिम्मेदार है और यहां पर अध्यक्ष पद के लिये भाजपा की तरफ से आधा दर्जन चेहरे अभी से मतदाताओं से कहना शुरू कर दिये है कि हम भी अध्यक्ष के लिये चुनाव लड़ रहे हैं आपने पार्षद बनाया तो अध्यक्ष बनकर विकास करेंगे।
अनूपपुर। चुनाव चिंह आवंटन के बाद जैतहरी नगर परिषद में प्रत्याषियो द्वारा शुरू किया गया चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। भाजपा कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और गोणवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। तो वहीं कई वार्डो में निर्दलीय उम्मीदवार सभी का समीकरण बिगाड़ने के लिये कमर कस कर चुनाव मैदान में है। कांग्रेस एक जुट होकर चुनाव मैदान में अपने जिले के बडे चेहरे के साथ खडी दिख रही है तो वहीं भाजपा में कई बडे नेता चुनाव में कूदकर अध्यक्ष पद के लिये अभी से अपनी दावेदारी पेष करके चुनाव को रोमांचक बना रहे है जिसके कारण आम जनता में इस बात की आषंका जोर पकड रही है कि कहीं अनूपपुर और पसान की तरह कई अध्यक्ष के दावेदारों को यहां भी गुटबाजी का षिकार होकर हार का सामना करना पड सकता है।
नवरत्नी शुक्ला, सुनीता जैन, उमंग गुप्ता है प्रमुख दावेदार
जैतहरी नगर परिषद मंे भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहीं वर्तमान अध्यक्ष नवरत्नी शुक्ला, सुनीता जैन, भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता के पुत्र उमंग गुप्ता, भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रवि राठौर और प्रमुख व्यवसायी भाजपा नेता आनंद अग्रवाल को अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। यहां पर यह बता दिया जाये कि भाजपा में जैतहरी नगर परिषद के चुनाव में गुटबाजी, खेमेबाजी का बोल-बाला है और इसी कारण इस बात की संभावना देखी जा रही है कि पसान नगरपालिका के चुनाव में जिस तरह से राजू गुप्ता अनूपपुर में श्रीमति प्रवीण द्विवेदी को अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा था और इनकी हार भाजपा की गुटबाजी के कारण ही हो गयी। इसी बात का खतरा इस चुनाव मंे जैतहरी नगर परिषद में भी भाजपा के अध्यक्ष पद के दावेदार माने जाने वाले पार्षद प्रत्याषियो पर मंडरा रहा है।
यहीं निपटा दो बाद में सर दर्द नही रहेगा
वर्तमान में जैतहरी की चाय-पान की दुकानों पर इस बात की चर्चा जोरो पर है कि भाजपाई एक दूसरे से सांकेतिक भाषा में कहते सुने जा रहे हैं कि अच्छा मौका है यही निपटा दो बाद में सर दर्द नही रहेगा। जिसका आषय राजनैतिक विष्लेषक यह निकाल रहे हैं कि अध्यक्ष पद के संभावित दावेदारों को पार्षद पदो के चुनाव में ही पटकनी देने की रणनीति बनाने मंे जुटे हुये हैं, जो इस समय जैतहरी में चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल जिले के बीते कई नगरपालिका और नगर परिषद चुनाव में यह देखा गया है कि जो भी दबंग अध्यक्ष पद का दावेदार उभर कर सामने आता है उसे कई अन्य दावेदार मिलकर पार्षद पद पर विजयी होने के लिये नाको चना चबवा देते हैं। फिलहाल जिसका परिणाम भी यह निकला था कि घर को आग लग गई घर के चिराग से और यही एक बार फिर जैतहरी चुनाव में दोहराने की तैयारी हो रही है, जिसके कारण भाजपा पार्षद प्रत्याषियों की जीत के राह में सबसे बड़ा कांटा बन सकता है।
फिलहाल डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा  
जैतहरी नगर परिषद चुनाव में टिकट को लेकर जिस तरह से लामबंदी की गई और सबको खुष रखने की कवायद में कई ऐसे चेहरों को नकार दिया गया, जो जीत की मजबूत स्थिति में थे और अब टिकट न मिलने के बाद कुछ मैदान में डटकर खुले-आम बगावत कर रहे हैं तो कई नेता अंदर अंदर भाजपा प्रत्याषियो को हराने के लिये बिसात बिछा रहे हैं।