शासकीय योजनाओं का लाभ पाकर उमरिया जिले के हितग्राही हो रहे सशक्त

शासकीय योजनाओं का लाभ पाकर जिले के हितग्राही हो रहे सशक्त
सरकार की योजना का मिला साथ तो जितेंद्र ने जिम को बनाया आजीविका का साधन
उमरिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान के माध्यम से शासन की विभिन्न योजनाओं से युवाओ को स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे है। जिला मुख्यालय उमरिया निवासी 30 वर्षीय जितेंद्र कुमार राय ने बताया कि षिक्षा प्राप्त करने के बाद बेरोजगारी के दौर से गुजर रहा था मेरा घर जिला मुख्यालय उमरिया में मार्केट एरिया में पोस्ट आॅफिस के पास है। मुझे सूझ नही रहा था कि बेरोजगारी से कैसे मुक्ति मिले। अपनी व्यथा को लेकर मैं नगर पालिका उमरिया गया जहां मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा स्वरोजगार संबंधी योजनाओं की जानकारी दी गई। जानकारी लेने के बाद घर मंे अभिभावकों से चर्चा की तथा जिम संचालन करनें का निर्णय लिया। नगर पालिका उमरिया द्वारा प्रकरण तैयार कर स्टेट बैंक की मेन ब्रांच में दो लाख रूपये का ऋण प्रकरण बनाकर भेजा गया। बैंकर्स द्वारा मौका मुआयना के बाद एक लाख 80 हजार रूपये की राषि स्वीकृत कर दी गई। अब जिम का संचालन व्यवस्थित तरीके से चल रहा है। वर्तमान में 10 हजार रूपये तक की मासिक आय हो जाती है। दिनों दिन जिम में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिससे और अधिक आय बढ़ने की संभावना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोडने हेतु चलाई गई मुहिम के कारण हम जैसे युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे है मै राज्य सरकार, मुख्यमंत्री तथा नगर पालिका के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता हंू।
मथुरा रैदास ने फल विक्रेता के रूप में अपनी पहचान बनाई
उमरिया। जिला मुख्यालय उमरिया निवासी मथुरा प्रसाद रैदास ने बताया कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। परिवार कोरोना के दौरान बहुत कठिन दौर से गुजर रहा था। बाजार भी बंद हो गये थे। इन परिस्थितियों में हमनें नगर पालिका उमरिया में संपर्क किया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा देष के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे लोगों की मदद के लिए चलाई गई स्ट्रीट वेण्डर योजना की जानकारी दी। मुझे जीवन में आषा की नई किरण दिखाई देने लगी थी। हमनें नगर पालिका जाकर स्ट्रीट वेण्डर योजना में आवेदन किया। नगर पालिका के माध्यम से बैंक द्वारा 10 हजार रूपये का ऋण स्वीकृत किया गया। समय पर अदायगी करने पर दूसरी बार 20 हजार रूपये का तथा तीसरी बार 50 हजार रूपये का ऋण बैंक ने स्वीकृत किया। अब मेरे फल की दुकान की नगर में पहचान बन चुकी है। इस दुकान से महीने में 10 हजार रूपये तक की आय हो जाती है, जिससे मेरी पत्नी एवं चार बच्चों का भरण पोषण हो रहा है। शासन द्वारा शुरू की गई पीएम स्ट्रीट योजना के कारण मुझे पुर्नवास मिला इसके लिए मै राज्य सरकार, मुख्यमंत्री तथा नगर पालिका के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता हू।