विजय शुक्ला अनिल गुप्ता की लड़ाई में जैतहरी के चुनाव में भाजपा खाई में, हो रही जन चर्चा बगावत पर अंकुष न लगा पाना बन सकता है हार का कारण @राम भैय्या

विजय शुक्ला अनिल गुप्ता की लड़ाई में जैतहरी के चुनाव में भाजपा खाई में, हो रही जन चर्चा
बगावत पर अंकुष न लगा पाना बन सकता है हार का कारण
(राम भैय्या)
इन्ट्रो-जैतहरी नगर परिषद का चुनाव प्रचार आज पांच बजे के बाद खत्म हो जायेगा और भाजपा कांग्रेस घर-घर मतदाताओं से संपर्क करके अपने पक्ष में मतदान के लिये कमर कस कर तैयार है। यहां पर विषेष उल्लेखनीय है कि जहां कांग्रेस एक जुट होकर भाजपा को चुनौती दे रही है। वहीं भाजपा अपने बागियों को मनाने में इस कदर विफल रही कि जैतहरी की जनता भी अब कहने लगी है कि विजय शुक्ला और अनिल गुप्ता की लड़ाई में जैतहरी चुनाव में भाजपा जा रही खाई में।
अनूपपुर। जैतहरी नगर परिषद का चुनाव अब निर्णायक मोड पर पहंुचता दिख रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा जैतहरी क्षेत्र में डेरा डालकर घर-घर पहंुच रहे है। कांग्रेस की तरफ से जिला कांग्रेस प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा और पुष्पराजगढ़ विधायक फंुदेलाल ने मोर्चा संभाला है तो भाजपा की ओर से भाजपा विधायक और प्रदेष सरकार में कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह अपने दल-बल के साथ एक-एक प्रत्याषियो के कार्यालय मंे बैठकर चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। फिलहाल चुनाव प्रचार की प्रक्रिया आज शाम पांच बजे के बाद बंद हो जायेगी किसको कितनी सफलता मिलेगी इसका अंदाजा तो नही लगाया जा सकता। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि भाजपाईयों की आपसी लड़ाई चुनाव परिणाम को प्रभावित कर रही है। कई दिग्गज भाजपाईयों को बागी प्रत्याषियों द्वारा कडी चुनौती मिल रही है, जिससे साफ-साफ संकेत जा रहा है कि भाजपा इस बार जैतहरी में कांगे्रस के कारण नही अपनो के कारण पीछे हो रही है।
अनिल गुप्ता का सुख चैन छीन रहे सुखलाल (फोटो क्रमांक 02)
जैतहरी ही नही अनूपपुर जिले के भाजपा के बडे नेता माने जाने वाले अनिल गुप्ता ने अपने बेटे उमंग गुप्ता को वार्ड नंबर बारह से चुनाव मैदान में उतारा है। यहां पर यह बता दिया जाये कि अनिल गुप्ता सबसे कम उम्र में जैतहरी नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके है और इस बार उमंग के सहारे जैतहरी सरकार को चलाना चाहते है। लेकिन भाजपा से बगावत करके चुनाव मैदान में कूदे सुखलाल प्रजापति जो एक विनम्र और सामाजिक कार्यक्रमो से जुडे भाजपाई है इस समय अनिल गुप्ता के लिये सबसे बडे चुनौती बनकर खड़े है। ऐसा नही है कि अनिल गुप्ता की राजनैतिक पकड़ कमजोर हो पर सुखलाल के सामने अनिल गुप्ता अपने आप को बेबस समझ रहे है। क्योंकि एक तरफ विनम्र व्यवहार वाले सुखलाल है तो दूसरी तरफ हर विवाद में अपनी टांग फंसाने वाले अनिल गुप्ता जिनके बारे में न जाने कितने विवाद चर्चा में आये और गये। फिलहाल अनिल गुप्ता अपने बेटे उमंग को कितनी उमंग के साथ राजनीति में प्रवेष करा पाते हैं इस बात का अंदाजा तो नही, लेकिन वार्डवासियों में इस बात की चर्चा जरूर है कि अनिल गुप्ता के लिये सुखलाल सबसे बडे कांटा बनकर सामने आये है।
नवरत्नी शुक्ला पर भारी पड़ती श्यामा बुआ (फोटो क्रमांक 03)
जैतहरी नगर परिषद की अध्यक्ष और वर्तमान में वार्ड नंबर 9 से भाजपा की अधिकृत प्रत्याषी नवरत्नी शुक्ला के लिये जीत की राह आसान नजर नही आ रही है। जिसके पीछे नवरत्नी शुक्ला के पति विजय शुक्ला का बडबोलापन सबसे बडा कारण है। नवरत्नी शुक्ला को टक्कर दे रही श्यामा मिश्रा जिन्हें जैतहरी नगर की जनता सम्मान के साथ बुआ कहकर पुकारती है वह अपने व्यवहार के कारण इस समय नवरत्नी शुक्ला पर भारी पडती दिख रही है। श्यामा बुआ नवरत्नी शुक्ला के सामने जन-बल में भले ही भारी नजर आ रही है। परंतु आम लोगो का कहना है कि धन-बल से जीत को अपने पक्ष में बताने वाले विजय शुक्ला के माथे पर कपकपाती सर्दी में भी पसीना छूट रहा है, जिसका कारण श्यामा बुआ का इसी वार्ड की बेटी और बहू होना माना जा रहा है।
आनंद के आनंद में नारू का दखल (फोटो क्रमांक 04)
वार्ड नंबर 6 से भाजपा के अधिकृत प्रत्याषी आनंद अग्रवाल के विरोध में बगावत करके ताल ठोंक रहे नारायण मोटवानी नारू ने ऐसा चुनावी चक्रव्यूह तैयार किया कि अब आनंद का आनंद कही नही दिख रहा है। बडे-बडे राजनैतिक विष्लेषक भी इस बात को कहने मंे संकोच नही कर रहे है कि भाजपा ने आनंद को टिकट देकर जो गलती की थी उसका परिणाम चुनाव परिणाम के बाद भुगतना पड़ेगा।
दिखने लगा है पैसे का बोलबाला
जैतहरी नगर परिषद के चुनाव में अब पैसे का बोलबाला चर्चा का सबसे मुख्य विषय बना हुआ हैं। मतदाताओं के बीच चाय-पान की दुकानों पर इस बात की चर्चा जोरो पर है कि वार्ड नंबर 6 और वार्ड नंबर 9 के मतदाताओं की इस समय चांदी ही चांदी है, क्योंकि अपने हार से बौखलाये प्रत्याषियों द्वारा मतदाताओं के घर फ्रिज, वाषिंग मषीन, एलईडी, सिलाई मषीन भेजी जा रही है। कुछ मतदाताओं ने खामोषी से इस बात को स्वीकार किया है कि आती हुई लक्ष्मी को कौन ठुकराता है चुनाव परिणाम बतायेगा कि लाखो का सामान बांटने के बाद भी प्रत्याषियों को हार का सामना करना पड़ सकता है।