सरकार हमारी है नियम कायदे हम नही तो कोई गैर थोडी तोडेगा? बगैर हेलमेट भाजपाईयो ने रैली निकालकर प्रषासन को कार्यवाही की दी चुनौती @राज नारायण द्विवेदी

सरकार हमारी है नियम कायदे हम नही तो कोई गैर थोडी तोडेगा?
बगैर हेलमेट भाजपाईयो ने रैली निकालकर प्रषासन को कार्यवाही की दी चुनौती
(राज नारायण द्विवेदी)
इन्ट्रो-कहते है निर्वाचन आयोग से बडा चुनाव के दौरान कोई नही होता लेकिन यहां नगर परिषद जैतहरी के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बुधवार 18 जनवरी को वार्ड नंबर 12 में दिग्गज नेताओ के नेतृत्व में बगैर हेलमेट के बाईकं रैली निकालकर भाजपाईयो ने प्रषासन को कार्यवाही की खुली चुनौती दी। शायद भाजपाईयो ने प्रषासन को यह बताना चाहा कि प्रदेष में सरकार हमारी है नियम कायदे हम नही तोडेगे तो कोई गैर थोडी तोडेगा। वैसे भी प्रदेष में भाजपा नेताओ ंके बिगडे बोल किसी से छुपे नही है जब केन्द्रीय राज्य मंत्री और विधायक खुले-आम गाली दे सकते है तो दिग्गजो के नेतृत्व में कार्यकर्ता कानून तो तोड ही सकता है।
अनूपपुर। निष्पक्ष चुनाव संपन्न्ा कराने की संपूर्ण जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ चुनाव पर्यवेक्षक की होती है। फिर चाहे चुनाव मैदान में सत्ता धारी दल का नेता हो या विपक्ष का नेता यदि आचार्य संहिता का उल्लंघन व कानून की परिधि से बाहर होकर प्रचार-प्रसार करेगा तो कार्यवाही जरूर होगी। लेकिन नगर परिषद जैतहरी के हो रहे चुनाव में निष्पक्ष चुनाव होता नही दिखाई पड रहा। बुधवार 18 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओ की अगुवाई में जिस तरह बगैर हेलमेट के बाइक रैली निकालकर कार्यकर्ताओ ने पहियो तले यातायात के कानूनो को रौंदा उससे निष्पक्षता कही दिखाई नही पडी। जबकि हर गली चैराहे में कायदे कानूनो का पालन कराने के लिये चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियो के साथ ही पुलिस पेट्रोलिंग पार्टियां घूमती रही। लेकिन किसी ने भी कानून के तोडने के मामले में कार्यवाही की बात तो दूर रही आपत्ति तक दर्ज नही करायी और कार्यकर्ताओ ने खुलेआम बगैर हेलमेट के बाइक रैली निकालकर प्रषासन को कार्यवाही की खुली चुनौती दी है। सच्चाई सामने दिखाई देने के बाद क्या पुलिस प्रषासन इस मामले में चालानी कार्यवाही करेगा या फिर आगे भी पहियो तले कानून को रौंदने की सत्ताधारियो को खुली छूट देकर रखेगा।
वार्ड क्रमांक बारह में निकली रैली
नगर परिषद जैतहरी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिये बाईक रैली निकाली गई, बाईक रैली का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अनिल गुप्ता और पूर्व जिलाध्यक्ष रामदास पुरी के द्वारा किया गया। और दोनों ही यह जानते है कि चुनाव आचार्य संहिता क्या है और इस दौरान उन्हंे किस तरह से कानून का पालन करते हुये निष्पक्ष चुनाव में सहयोग करना चाहिये। लेकिन सत्तामद में शायद यह चूर रहे तभी तो बगैर हेलमेट के बाइक रैली का नेतृत्व करते हुये कार्यकर्ताओ ने कानून तोडने का जोष भरा। बहरहाल यह मामला जिला निर्वाचन अधिकारी के देखने का है और यातायात विभाग को कार्यवाही करने का है।
संपत्ति विरूपण अधिनियम की नही परवाह
यहां चुनाव मैदान में खडे हरेक प्रत्याषी को भले ही निर्वाचन अधिकारी की ओर से निर्वाचन पुस्तिका उपलब्ध करवायी गयी हो कि किस तरह से चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान आपको नियम कायदो का पालन करना है। लेकिन प्रत्याषियो के द्वारा संपत्ति विरूपण अधिनियम को खुले-आम चुनौती दी गयी। आम व्यक्ति इसलिये आपत्ति दर्ज नही करा पाता कि पचडे में कौन पडे, लेकिन कायदे कानून का पालन कराने वाले भी सत्ता के भय से कार्यवाही की कलम चलाने में यहां परहेज करते दिखाई पडे।
देर शाम तक रहा शोर-षराबा
चुनाव प्रचार प्रसार की समय-सीमा यहां तय की गई थी जिसमें स्पष्ट था कि मंगलवार की शाम 5 बजे के बाद शोर शराबा बंद हो जायेगा लेकिन देर शाम तक प्रत्याषियो के पक्ष में मतदान करने को लेकर जहां लाउड स्पीकर लगे वाहन घूमते रहे वही दिग्गज सभाओ को संबोधित करते रहे। कुल मिलाकर नगर परिषद जैतहरी का चुनाव निष्पक्ष नही दिखाई दे रहा। मतदान के शेष बचे अगले चैबिस घंटे में जब प्रत्याषी व उनके सर्मथको के करो व मरो की स्थिति रहती है इस दौरान प्रषासन कितना सख्त होता है क्योकि इसी बीच भय व लोभ लालच का खेल चलता है। निष्पक्ष चुनाव व भय मुक्त मतदान कराने को लेकर भले ही जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपील की जाती रही हो लेकिन उसका पालन कराने वाले जिम्मेदार कही भी जिम्मेदारी निभाते नही दिखाई पडे। ऐसे में अगले 24 घंटे क्या कुछ सख्ती होगी देखने योग्य होगा।