छग कांग्रेस की राजनीति में एक नये सूरज का उदय शीघ्र

छग कांग्रेस की राजनीति में एक नये सूरज का उदय शीघ्र
मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ में विरासत की सियासत में अब नया सूरज उग रहा है। प्रदेश में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा चरणदास महंत और कोरबा लोकसभा से सांसद उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ज्योत्सना महंत के बाद अब उनका एकमात्र बेटा सूरज महंत भी कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय दिखाई दे रहा हैं। लेकिन सूरज महंत की माँ कोरबा लोकसभा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत से जब बैकुंठपुर में झुमका जल महोत्सव के समापन समारोह के बाद जब पत्रकारों ने सूरज महंत को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि अभी फिलहाल उनके पति चरणदास महंत चुनाव लड़ेंगे। जब मैं और मेरे पति विधानसभा अध्यक्ष रिटायरमेंट लेंगे तब विरासत की सियासत में नए सूरज का उदय जरूर होगा। हमारा बेटा आगे आएगा। इससे पहले कोरिया जिले के दौरे में सूरज महंत की सक्रियता देखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने बयान भी दिया था कि सूरज अभी साथ में घूम रहा हैं। सूरज अभी सीख रहा है, आगे जो जिम्मेदारी होगी उसे सूरज पूरा करेंगे। महंत परिवार अभी विधानसभा और लोकसभा दोनों में प्रतिनिधित्व कर रहा है।अमेरिका से शिक्षित सूरज महंत अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव से सक्रिय हैं सूरज महंत
यूं तो सूरज महंत पिछले लोकसभा चुनाव के समय से राजनीति में सक्रिय हैं। 2019 में माँ ज्योत्सना महंत के लोकसभा चुनाव के दौरान सूरज पूरे कोरबा लोकसभा में सक्रिय दिखे थे। पिता के विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद में होने के कारण सूरज ही मां ज्योत्सना के साथ राजनैतिक कार्यक्रमों व प्रचार रैलियों में देखे गए। इसके बाद से सूरज अब पिता चरणदास महंत के विधानसभा क्षेत्र सक्ती और माँ के कोरबा लोकसभा क्षेत्र में हर दौरे में देखे जा सकते हैं। जहां वो लोगों से मिलते हैं और कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमो में हिस्सा लेते हैं द्य
दूसरी पीढ़ी नेतृत्व के लिए आने लगी है सामने
भूतपूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपने बेटे अमित जोगी को मुख्यमंत्री रहते हुये ही राजनीती में ले आये थे, उनके पथ का अनुसरण करते हुये भाजपा के वरिष्ठतम नेता और भूतपूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अपने बेटे अभिषेक सिंह को भाजपा की राजनीती में ले आये मगर पनामा पेपर में तथाकथित तौर पर अभिषेक का नाम आ जाने पर भाजपा की राजनीति में अभिषेक नेपथ्य में चले गये हैं। वही हाल अमित जोगी का हुआ अलग जोगी कांग्रेस बनाकर छत्तीसगढ़ में तीसरी शक्ति बनने के चक्कर में जोगी परिवार एक विधानसभा में सिमट कर रह गया है। उधर सरगुजा राजपरिवार भी अपनी तीसरी पीढ़ी को राजनीती में उतार चूका है। कांग्रेस के कद्दावर नेता सरगुजा महाराजा टी एस सिंहदेव के बाद उनके उत्तराधिकारी और भतीजे आदितेश्वर शरण सिंहदेव सरगुजा की राजनीति में पादर्पण हो गया है अभी वो सरगुजा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं और टीएस सिंहदेव के विधानसभा अंबिकापुर का सारा दायित्व सम्हालते हैं।मजे की बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ में विरासत की राजनीती में दोनों दल एक दूसरे का विरोध नहीं करते है। कारण साफ है की हर नेता अपने उत्तराधिकारी के भविष्य सुरक्षित देखना चाहता है।मगर छत्तीसगढ़ में परिवारवाद से राजनीति में आये नेताओं की उपलब्धि दोनों पार्टियों की सरकार में कुछ खास नहीं रही हैं।इन सब बातों को देखते हुये सूरज महंत की राह चुनौती भरी है। मगर चरणदास महंत छत्तीसगढ़ के सबसे अनुभवी राजनेता है सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं मध्यप्रदेश में भी उनके समर्थकों की संख्या बहुत बड़ी है उनके बारे में ये बात प्रसिद्ध है कि वो अपने राजनैतिक विपक्षी कि अगली चाल के आगे की भी चाल सोचकर रखते है। शांत और सौम्यता से राजनीती करना चरणदास महंत की सबसे बड़ी खासियत है और जाहिरा तौर पर उनके समर्थकों को उनके पुत्र से काफी उम्मीदें होंगी इसलिए उनके पुत्र सूरज महंत को अभी सार्वजनिक जीवन में आने से पहले और भी अनुभवी होना पड़ेगा।