गायब हुये नगर परिषद बरगवां-अमलाई के विकास पुरूष, मेला मैदान में फैली गंदगी, बेजुबान बना रहे आहार

गायब हुये नगर परिषद बरगवां-अमलाई के विकास पुरूष, मेला मैदान में फैली गंदगी, बेजुबान बना रहे आहार
बरगवां/अनूपपुर। नवगठित नवीन नगर परिषद बरगवां अमलाई जहां पर विकास के बड़े-बड़े दिग्गज अपने अपने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ कर चुपचाप दबे सहमें नजर आ रहे हैं। चुनाव के दौरान जनता के बीच विकास को लेकर बड़ी-बड़ी डींग हांकने वाले अपने आपको विकास पुरुष कहलाने के लिए अब जनता के सामने आने से कतराते हैं क्योंकि इनकी विकास यात्रा इनके द्वारा मेला आयोजन मैं वाहन स्टैंड नीलामी एवं मेला बाजार बैठकी वसूली करने के बाद विकास एवं स्वच्छता को देखा जाए तो मेला मैदान में जहां पर धार्मिक स्थल ख्याति प्राप्त सिद्ध हनुमान जी मंदिर विद्यमान है पूरे परिसर में इस कदर पॉलिथीन और कचरो का अंबार है जिसे देखकर सहजता से स्वच्छ भारत मिशन और विकास की गंगा बहाने के नाम पर इनकी इस क्षेत्र की जनता के साथ उनके विकास को लेकर संवेदनहीनता प्रत्यक्ष रूप से दिख रही है।
जिम्मेदारी से सीएमओ ने मोड़ा मुह
नगर परिषद सीएमओ के द्वारा वाहन स्टैंड नीलामी के दौरान नीलामी में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागियों जिनके द्वारा अमानत राशि के तौर पर 25 हजार रुपए बतौर जमा कराए गए थे वह मेला समाप्ति के बाद भी उन्हें वापस नहीं किए गए साथ ही नगर परिषद के अकाउंटेंट पद पर बैठे साहब के द्वारा प्रतिभागियों को यह कहा जाता है कि अमानत राशि आपके खाते में डाल दिया जाएगा नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के द्वारा सीएमओ बरगवां अमलाई के मोबाइल की घंटी बजाई जाती है तो इनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया जाता है एवं तरह-तरह के नियम और कायदे सिखाए जाते हैं जिनसे इन प्रतिभागियों को दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं। एक साथ दो-तीन नगर परिषदों का प्रभार लेकर एक स्थान पर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं दिखाई पड़ रही है।
बंद कमरे में हिसाब की होती चर्चाएं
नगर परिषद बरगवां/अमलाई में समस्याओं के प्रति जागरूकता का अभाव जनमानस को शासन प्रशासन के द्वारा प्रदत की जाने वाली जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। बात चाहे आयुष्मान कार्ड की हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना की आखिरकार नवीन नगर परिषद के चुने गए कुछ पार्षद गण मेला बाजार बैठकी वसूली को लेकर अपनी क्या प्रक्रिया व्यक्त करते हैं यह देखना शेष है क्या वसूली गई राशि का हिसाब जनता के सामने खुले तौर पर होगा या फिर बंद कमरे में।
अपना विकास तलाषते पार्षद
चुनाव के तुरंत बाद कुछ पार्षदों की सक्रियता इस कदर देखने को मिली की लगा क्षेत्र की जनता के बीच व्याप्त समस्याओं का निराकरण पीएसी की बैठक मैं जोरदार ढंग से रखकर पूर्ण कराया जाएगा किंतु यहां तो कुछ और ही होता दिख रहा है इन्हें नगर परिषद की जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं अपितु अपने विकास की राह में चल पड़े हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण मेला मैदान में मेला उपरांत स्वच्छता को लेकर देखा जा सकता है जहां पर पशुओं के द्वारा पॉलिथीन खाया जा रहा है जो उनके लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता है इस प्रकार साफ सफाई ना करा कर अपनी संवेदनहीनता का परिचय दिया जा रहा है।
विधायक प्रतिनिधि की बजती है घंटी
जिस दिन से नवीन नगर परिषद के गठन उपरांत चुनाव पूर्ण होने के बाद अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं पार्षदों की नियुक्ति होने के साथ सिर्फ और सिर्फ विधायक प्रतिनिधि ही पूरे नगर परिषद का प्रतिनिधित्व करते हैं इनके सामने नगर परिषद कि सीएमओ अध्यक्ष उपाध्यक्ष पार्षद बौने साबित हो रहे हैं क्योंकि सिर्फ इनकी ही घंटी बजती है। चाहे वह क्षेत्र की समस्याओं को लेकर किसी प्रकार के निर्माण विकास या अन्य कार्य हो इन्हीं के मार्गदर्शन पर संचालित होता और यही नहीं अभी कुछ समय पूर्व मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लगने वाले मेले में भी इनके द्वारा किए गए कार्यों में अहम भूमिका का निर्वहन करते देखा गया है।