सीईओ जिला पंचायत ने दी प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर नदी से रेत के अवैध उत्खनन की अनुमति ?
पोंडी पंचायत के पत्र पर अनुमति दे अनुबंध शर्तो को सीईओ जिला पंचायत की खुली चुनौती ?
(राज नारायण द्विवेदी)
इन्ट्रो-प्रदेष सरकार की आय का एक मात्र श्रोत विभिन्न्ा मदो से प्राप्त होने वाला राजस्व होता है, जिसमें से खनिज मद से सरकार के कोष में बहुतायत राजस्व इकट्ठा किया जाता है। इसलिये सरकार विभिन्न्ा खनिजो को अनुबंध के आधार पर निजी व्यक्तियों व समूहों को उत्खनन व परिवहन के लिये स्वीकृत प्रदान करती है और विभिन्न्ा शासकीय कार्यो में उपयोग होने वाले खनिज की आपूर्ति उन्हीं के माध्यम से करती है। अनूपपुर बिरला जिला होगा जहां एक पंचायत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में खनिज रेत की आपूर्ति कराये जाने हेतु सीईओ जिला पंचायत को पत्र लिखा गया और पत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये अनुमति मुहर लगाकर सीईओ जिला पंचायत ने अवैध रेत उत्खनन की शायद खुली छूट दे दी। जानकार सूत्रो की माने तो पोंडी पंचायत के पत्र पर अनुमति देकर सीईओ जिला पंचायत ने माईनिंग कार्पोरेषन की अनुबंध शर्तो को खुली चुनौती दी है।
अनूपपुर। वैसे भी जिले में खनिज रेत की चोरी सक्रिय चोर माफियाओं द्वारा गिरोह बनाकर विभिन्न्ा नदियों से लगातार की जा रही है, जिसे रोक पाने में खनिज विभाग सहित प्रषासनिक अमला नाकाम दिखाई पड रहा है। उसके बावजूद सीईओ जिला पंचायत के द्वारा ग्राम पंचायत पोंडी के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा प्रधानमंत्री आवास मंे प्रगति न हो पाने पर रेत की आपूर्ति हेतु लिखे गये पत्र में अनुमति दी जाती है लिख दिया गया। जिसके बाद होना क्या था टैªक्टर वाहन स्वामियों के द्वारा नदी में बेखौफ टैªक्टरो को उतारकर रेत का उत्खनन व परिवहन शुरू कर दिया गया, क्योंकि अब तो उन्हें बाकायदे वैध की आड में अवैध उत्खनन व परिवहन की सीईओ जिला पंचायत के द्वारा मुहर लगाकर अनुमति दे दी गई। बहरहाल यह पत्र सामने आने के बाद प्रषासनिक महकमंे में इसको लेकर हलचल तेज हो गयी। 
यह लिखा पोंडी पंचायत ने पत्र
जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत पोंडी के सरपंच सचिव व रोजगार सहायक के द्वारा लिखे गये हस्ताक्षरित पत्र में उल्लेख किया गया कि ग्राम पोंडी व ग्राम मझटोलिया में प्रधानमंत्री आवास की प्रगति रेत की असुविधा होने के कारण पूर्ण नही हो पा रही है। यहां पर 110 प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराना शेष है। उन्होंने यह भी दर्षाया कि 11 जनवरी 2023 को पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पेसा एक्ट अधिनियम के तहत पंच, सरपंच व ग्रामवासियों के द्वारा तीन टैªक्टर जिसमें कि रूकमणि केवट के टैªक्टर क्रमांक एमपी 65 एए 2599 व मीरा बाई केवट के टैªक्टर क्रमांक एमपी 6़5 एए 3883 और हीरा नाम सिंह के टैªक्टर क्रमांक एमपी 18 एबी 4245 से रेत का उत्खनन कर परिवहन की अनुमति प्रदान की जाये। जिससे पंचायत के अपूर्ण आवासो को समय सीमा मंे पूर्ण कराया जा सके।
अवैध उत्खनन का खेल, मात्रा का नही उल्लेख
एक प्रधानमंत्री आवास निर्माण में कितनी मात्रा में रेत का उपयोग किया जाना है यह किसी के द्वारा नही लिखा गया, क्योंकि अनुमानित मात्रा एक इंजीनियर ही बता सकता है और सीईओ जिला पंचायत ने सरपंच सचिव के पत्र को इतनी गंभीरता से लिया कि उन्होंने जिस दिनांक 19 जनवरी 2023 को उन्हें पत्र दिया उसी दिनांक को उनके द्वारा अनुमति प्रदान कर दी। सीईओ जिला पंचायत की अनुमति मिलने के बाद ग्राम पंचायत पोंडी के उक्त टैªक्टर मालिको के द्वारा नदी से रेत का उत्खनन कर परिवहन शुरू कर दिया गया। उनके द्वारा रेत कहां किस हितग्राही तक पहंुचायी जायेगी इसके लिये किसी भी प्रकार की कोई माॅनीटरिंग की आवष्यकता नही। कुल मिलाकर सीईओ जिला पंचायत के वैध हस्ताक्षर पर यहां खुले-आम अवैध उत्खनन व परिवहन होगा।
कैसे होगी शासन के राजस्व की पूर्ति
यहां पर यह विषेष उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में कहीं पर भी निःषुल्क रेट के आपूर्ति के कोई प्रावधान नही है। फिर नदी से रेत का उत्खनन कर प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियो को देने के साथ ही अनियंत्रित स्थान में तय वाहन मालिको के द्वारा रेत की आपूर्ति की जायेगी इसकी निगरानी के लिये कोई दल नही है। ऐसे में यहां पर शासन के राजस्व को होने वाली हानि की पूर्ति सीईओ जिला पंचायत कैसे व किसके माध्यम से करायंेगे इसका उल्लेख उन्होंने कहीं नही किया। जबकि नियमतः हरेक बिन्दुओ पर विचार करने के बाद किसी भी पंचायत के प्राप्त पत्र पर ऐसी अनुमति दी जानी चाहिये। 
अनुबंध शर्तो का खुला उल्लंघन
माईनिंग कार्पोरेषन के द्वारा जिले में विभिन्न्ा नदियों में स्थित रेत खदानों से केजी डेवलपर्स को सालाना लगभग 14 करोड़ रूपये में रेत के उत्खनन व परिवहन की अनुमति बाकायदे बिन्दुबार अनुबंध के आधार पर दी गयी। लेकिन सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर के द्वारा ग्राम पंचायत पोंडी के द्वारा लिखे गये पत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना को पूर्ण कराने के लिये नदी से रेत के उत्खनन व परिवहन की अनुमति देकर अनुबंध शर्तो का खुला उल्लंघन किया गया है। क्या सीईओ जिला पंचायत को माईनिंग कार्पोरेषन से बढ़कर शासन के द्वारा आदेष है कि वह जिले की पंचायतों से पत्र मिलते ही मूल पत्र में नदियों से रेत के उत्खनन व परिवहन की अनुमति की स्वीकृति दे सकते हैं यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।