मुख्यमंत्री की सांसद हिमाद्री सिंह को नसीहत, गांव क्षेत्र में पहंुचकर जनता को दिलाइये लाभ
मुख्यमंत्री ने सांसद की जनता से दूरी पर दिखाई अपनी नाराजगी
(राम भैय्या)
इन्ट्रो-देष के सर्वोच्च सदन की शहडोल लोकसभा से सदस्य श्रीमति हिमाद्री सिंह की जनता से दूरियों की चर्चा भाजपा संगठन से लेकर मुख्यमंत्री तक पहंुच चुकी है। शायद तभी रविवार को अमरकंटक के राम घाट में जनता को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने स्पष्ट शब्दो में कहा सांसद जी आप भी गांव क्षेत्र में जाकर देखिये। मुख्यमंत्री की इस शब्द के कई मायने राजनैतिक गलियारे मंे निकाले जाने लगे हैं। सांसद श्रीमति हिमाद्री सिंह कि उपस्थिति क्षेत्र में गाहे-बगाहे दिखाई पडी है। संसदीय क्षेत्र की जनता की एक मांग भी वह केन्द्र सरकार से पूर्ण नही करा सकीं, जबकि क्षेत्रवासियांे को उम्मीद थी कि एक युवा सांसद होने के नाते वह कई ऐसे कार्य करेंगी जो शहडोल संसदीय क्षेत्र के इतिहास के पन्न्ाो में दर्ज होगा। लेकिन वह तो किसी और ख्वाब में खोई हुई दिखाई दे रही हैं। बहरहाल विधानसभा के बाद लोकसभा के चुनाव होने है तब जनता के सवालो का जवाब तो उन्हें और भाजपा संगठन को देना पड़ेगा।
अनूपपुर। शहडोल संसदीय क्षेत्रवासियों की युवा सांसद श्रीमति हिमाद्री सिंह से एक ही मांग प्रमुखता से रही है कि वह नागपुर के लिये यहां से सीधी टेªन उपलब्ध कराने हेतु केन्द्र सरकार को वस्तुस्थिति अवगत कराते हुये उसे पूर्ण करायेंगी। लेकिन जब भी जनता की मांग समाचार पत्रो व सोषल मीडिया के माध्यम से सामने आयी तो सांसद व उनके समर्थको ने रेल मंत्री को पत्र देने की तस्वीरें वायरल कर प्रयास जारी है स्पष्ट किया। लेकिन पांच साल बीतने को है और मांग पत्र तक सीमित है। इसके साथ ही संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आने वाली प्रत्येक विधानसभाओं में सांसद श्रीमति हिमाद्री सिंह की उपस्थिति व जनता से मिलना न के बराबर ही रहा है। ऐसे में लोगो को रोजगार व शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने की बात उनसे करना बेमानी सा लगता है। बहरहाल यही बातें संगठन के पदाधिकारियो के बीच से होते हुये मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान तक पहुंची और जब उन्होंने मंच से कहा कि सांसद जी आप भी गांव-क्षेत्र में जाकर देखिये तब तो साफ हो गया कि एक युवा सांसद अपने क्षेत्र की जनता को शासन की योजनाओ का लाभ दिलाने मंे कितनी सक्रिय है।
संगठन के पदाधिकारी खड़े कर चुके है सवाल
भारतीय जनता पार्टी के कई पदाधिकारी शहडोल सांसद की सक्रियता को लेकर सवाल खडे कर चुके हैं। हाल ही में झुग्गी झोपडी प्रकोष्ठ के जिला मीडिया प्रभारी अरविंद सहानी के द्वारा बाकायदे विज्ञिप्त जारी करते हुये नाराजगी जाहिर कि गई थी। उन्होंने जारी विज्ञिप्त में अमलाई रेलवे स्टेषन में महत्वपूर्ण ट्रेनांे के स्टापेज की मांग को लेकर कई मरतबा पत्र देने के साथ ही मौखिक चर्चा करना भी बताया था। साथ ही उन्होंने उल्लेख किया था कि अमलाई रेलवे स्टेषन से उत्तर भारत की यात्रा के लिये सैकडो लोग प्रतिदिन पहंुचते है, लेकिन जब उन्हें मालूम होता है कि वह टेªेने यहां नही रूक रही हैं तब वह यात्री भारतीय जनता पार्टी के उन्हीं पदाधिकारियो को कोसते हैं जो सांसद के पक्ष में मत मांगने पहुंचे थे। अमलाई रेलवे स्टेषन औद्योगिक क्षेत्र से सटा है और करोड़ो रूपये की आय यहां से रेल मंडल को होती है उसके बावजूद भी सांसद के दिखावे के प्रयास की वजह से यात्रियों को टेªनो की सुविधा नही मिल सकी।
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से नही ली सीख
देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान हर दिन 18-18 घंटे जनता की सेवा में लगा रहे हैं। अनेका-नेक योजनाएं लागू कर देष-प्रदेष के सांसदो विधायको से अपेक्षा करते है कि जनता को उसका लाभ यह दिलाये, लेकिन उन्हंे क्या पता कि उनके सांसद व विधायक चाहर दिवारी से बाहर निकलकर बस कार्यक्रमांे में सरीख होना ही अपना दायित्व समझ रहे हैं। श्रीमति हिमाद्री सिंह युवा सांसद है और जनता ने शायद उसी भरोसे के साथ उन्हंे चुना की वह क्षेत्र की जनता के लिये 18 घंटे नही तो 8 घंटे जरूर देकर उनकी समस्याओ को सुनने के साथ ही समाधान करते हुये शासन की योजनाओं से उन्हें जोड सकेंगी। लेकिन जनता शायद गलत ही सोच रही थी। सांसद की उदासीनता को लेकर अब सवाल उठने लगे है ऐसे में आगे वह क्या कुछ जनता के हित में मुख्यमंत्री के कहने के बाद करेंगी यह तो वही बता सकती हैं। लेकिन समय रहते जनता के साथ वह नही जुडी तो 2024 में परिणाम कुछ भी हो सकते है। 
भ्रष्टाचार की चारागाह विधानसभा पुष्पराजगढ़
संसदीय क्षेत्र शहडोल की पुष्पराजगढ विधानसभा सांसद श्रीमति हिमाद्री सिंह का मूल निवास स्थल है और वह यहां पर पूरे समय रहती है। स्वाभाविक है जनता उनके निवास पर पहंुचकर अपनी पीडा बताती है, लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पडता है। इतना ही नही विधानसभा पुष्पराजगढ में फैले भ्रष्टाचार की गाथा आये दिन समाचार पत्रो में सामने आती है। प्रमाणिकता के साथ खबरें प्रकाषित की जाती है उसके बाद भी सांसद के द्वारा किसी तरह से भ्रष्टाचारियांे पर नकेल कसने की कोषिष नही की जाती। क्या वजह है यह तो वह खुद जानती होंगी लेकिन देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साफ कहना है ‘‘न खाऊंगा न खाने दंूगा‘‘ लेकिन यहां सांसद खुली आंखो से होते भ्रष्टाचार को देख कर क्यों मौन धारण किये हुये है पता नही।