राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से 22 फरवरी तक चलाया जाएगा 
उमरिया। राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से 22 फरवरी तक चलाया जाएगा। इस दौरान डीईसी, एलवेण्डा जोल की गोलियां खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जिला चिकित्सालय उमरिया में मीडिया एडवोकेसी का आयोजन डा व्हीएस चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला मलेरिया सलाहकार रवि साहू, डब्ल्यूएचओ जोनल कार्डिनेटर डा मंजीत सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार गण उपस्थित रहे। मीडिया एडवोकेसी के दौरान बताया कि अभियान के दौरान उमरिया जिले में 747823 व्यक्तियों को दवा सेवन करानें का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 2991 कर्मचारी तैनात किए गए है। जिले में 100 एमजी डीईसी की 1953578 गोलिया एवं एलवेण्डाजोल की 786000 गोलियां स्टाॅक में है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 10 से 11 फरवरी को बूथ दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया जाएगा, जिसके तहत स्कूल, महाविद्यालय, छात्रावासों में डीईसी एवं एलवेण्डाजोल की गोली खिलाई जाएगी। 13 से 17 फरवरी तक घर- घर जाकर दवाई खिलाई जाएगी। 20 से 22 फरवरी तक छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा।  अभियान के संचालन में षिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों , कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही  कचरा संग्रहित करने वाले कचरा वाहनों से राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का प्रचार प्रसार किया जाएगा। फाइलेरिया कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा/एएनएम/एमपीडब्ल्यू./आंगनबाडी/सहायिका/स्वयं सेवक द्वारा घर-घर जाकर अपने समक्ष दवा का सेवन कराया जायेगा, जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ .व्हीएस चंदेल के द्वारा बताया गया कि लिम्फेटिक फायलेरियसिस मादा क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलने वाली बीमारी है। सामान्य भाषा में इसे हाथी पांव या फाइलेरिया कहते है। इसका कोई कारगर उपचार नहीं है, इस बीमारी से बचने के लिये केवल डी.ई.सी. एवं एल्वेडोजोल गोली की एक खुराक सेवन प्रतिवर्ष के मान से कम से कम 5 वर्ष तक सेवन करना आवश्यक होता है। 
डा व्हीएस चंदेल ने बताया कि 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 100 एमजी की एक गोली  डीईसी, 400 एमजी की एक गोली एलवेण्डा जोल,  6 से 14 वर्ष के बच्चों को 200 एमजी की दो गोली डीईसी एवं 400 एमजी की एक गोली एलवेण्डाजोल तथा 15 वर्ष उपर के बच्चों को तीन गोली 300 एमजी की डीईसी गोली तथा 400 एमजी की एक गोली एलवेण्डाजोल की खिलाई जाएगी। दवा का सेवन समक्ष में कराया जाएगा । एलवेण्डाजोल की गोली तीनों गु्रपों के लिए चबाकर, चूसकर खानी होगी, एवं जिन व्यक्तियों को गोलियां खिलाई जाएगी, उनके हांथों की उंगलियों में मार्किग की जाएगी। हाथी पांव से बचने के लिए डीईसी , एलवेण्डाजोल की एक खुराक खिलाई जाएगी। दवा का सेवन खाली पेट नही करना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियो को दवा नही खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि दवाई खानें के बाद विपरीत प्रभाव पड़ सकते है जो स्वतः ही ठीक हो जायेगे। जिन व्यक्तियो के शरीर मे फाईलेरिया कृमि होगे उनमें दवाई खाने के बाद विपरीत प्रभाव दिखाई पड़ सकते है। ऐसी स्थिति में निकट के स्वास्थ्य केंद्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर निषुल्क इलाज करा सकते है।