मनुष्य को अपने जीवन काल में एक बार नर्मदा नदी की परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए आचार्य शिव दयाल@उमाशंकर पांडेय

मनुष्य को अपने जीवन काल में एक बार नर्मदा नदी की परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए आचार्य शिव दयाल@उमाशंकर पांडेय
अमरकंटक//पवित्र नगरी अमरकंटक में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में परिक्रमावासी अमरकंटक पहुंचकर तक परिवर्तन करते हैं वर्तमान समय में नर्मदा नदी के परिक्रमा का महत्व या प्रचार प्रसार रोज बढ़ रहा है वर्तमान में अमरकंटक में पतित पावन मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में 30 माह तक रहकर तपस्या करने वाले आचार्य शिवदयाल जी ने पतित पावनी मां नर्मदा का पूजन एवं कन्या भोज करके नर्मदा परिक्रमा पैदल यात्रा प्रारंभ किया आचार्य श्री दयाल जी ने बताया मां श्री नर्मदा कलयुग में पुण्य दायिनी नदी है जिसकी प्रत्येक मनुष्य को जीवन में एक बार नर्मदा नदी की परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए जिससे मनुष्य के जीवन का संपूर्ण पाप नष्ट हो जाता है और पुण्य की प्राप्ति होती है स्वामी जी परिक्रमा जाने के पूर्व नगर के प्रमुख संतों का आशीर्वाद ग्रहण किया जिसमें प्रमुख रूप से स्वामी नर्मदा नंद गिरी एवं स्वामी विवेक जी महाराज रहे एवं पंडित मुकेश पाठक भागवत केसरवानी मुकेश सपारिया सत्यव्रत सिंह महेश चंद्रवंशी जी सहित तमाम भक्त लोग नर्मदा पूजन एवं भंडारा कार्यक्रम में शामिल हुए।।