इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में केरल के छात्रों के साथ दुर्व्यवहार का कथित मामला के वास्तविक घटनाक्रम इस प्रकार हैं विश्वविद्यालय ने किसी भी प्रकार के क्षेत्रवाद की घटना को भ्रामक और मिथ्या बताया है आप भी जानिए क्या है केरल के छात्रों के साथ कथित मारपीट का सच

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में केरल के छात्रों के साथ दुर्व्यवहार का कथित मामला के वास्तविक घटनाक्रम इस प्रकार हैं विश्वविद्यालय ने किसी भी प्रकार के क्षेत्रवाद की घटना को भ्रामक और मिथ्या बताया है आप भी जानिए क्या है केरल के छात्रों के साथ कथित मारपीट का सच
1. दिनांक 10 मार्च 6:00 PM विश्वविद्यालय के रिस्ट्रिक्टेड water tank जो कि मेन गेट से 100 मीटर की दूरी पर है, ऊपर जाकर वीडियोग्राफी और फोटो शूट करते हैं.(सुरक्षा कर्मी के अनुसार वो नशीले।पदार्थ का सेवन कर रहे थे)
2. लगभग 6:20 PM विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी गार्ड वहां पहुंचे और वीडियो बनाने छात्र जो पानी की टंकी के ऊपर चढ़े हुए थे उनको नीचे बुलाए।
3. लगभग 6:30 सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा उन छात्रों का आई.डी कार्ड मांगा गया, और पूछताछ की गई। छात्रों का कहना था कि उनके पास आई.डी कार्ड नहीं है हॉस्टल में है, आप हॉस्टल में चल कर देख लीजिए।
4: फिर वहां से वह लोग भाग कर विश्वविद्यालय के मेन गेट की तरफ चले गए जो कि टैंक से 100 मीटर आगे है, वहां सिक्योरिटी गार्ड कॉल कर कर पहले ही घटना की जानकारी दे देते है।
5: बाहर ना जाने के चक्कर में सिक्योरिटी गार्ड से बातचीत कर वाद विवाद होने लगा, छात्रों ने अपने कुछ और अन्य केरला के साथियों के वहां बुला लिया ।
6: लगभग 7:00pm जब छात्रों ने अपने और छात्रों को बुलाया तब विश्वविद्यालय के मेन गेट में सिक्योरिटी गार्ड ने भी सुरक्षा की दृष्टि से अन्य और गार्ड्स को बुलाया 7-8 गार्ड और आ गए।
7. केरल के छात्र मेन गेट से बाहर की ओर जाने लगे जब उनको बाहर नहीं जाने दिया गया।
8. तब मेन गेट से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर एडमिनिस्ट्रेशन के सामने तिलकामांझी सर्कल पर सिक्योरिटी गार्ड्स आ गए और इन छात्रों को रोककर इनका आई.डी कार्ड मांगा वहां पर इनके पास आई.डी कार्ड नहीं था, सुरक्षा कर्मियों से वाद विवाद हुआ, और उनसे हाथापाई की गई, गायब यह झपट में बदल गया, जिसमें इन छात्रों को और और सिक्योरिटी गार्ड को भी चोट आई।
9: वहां से केरला के छात्र विश्वविद्यालय में उपस्थित डिस्पेंसरी गए 7:30 डिस्पेंसरी पहुंचे, जहां से इनको डिस्टिक हॉस्पिटल रेफर किया गया।
10. डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहुंचने के बाद, mlt report बनाकर पूरे देश में यह दिखाया जाता है कि विश्वविद्यालय द्वारा क्षेत्र विशेष एवं समुदाय पर इनको टारगेट कर हमला किया गया।।
इनका कहना है :-
यह एक भ्रामक जानकारी है कि छात्रों को क्षेत्र विशेष के आधार पर देखा जाता है जबकि ऐसा नहीं है माननीय कुलपति जी पूरे विश्वविद्यालय के अभिभावक हैं इस वि.वि. में देश के कोने कोने से छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जांच प्रक्रिया जारी है। माननीय कुलपति जी का स्पष्ट निर्देश है कि जो भी पक्ष दोषी पाया जाएगा उस पर निमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ विजय कुमार दीक्षित (जनसंपर्क अधिकारी)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक