सर्पप्रहरियो, वनकर्मियों ने बरबसपुर में सपेरा से कोबरा सांप को जप्त कर उपचार करने बाद जंगल में छोड़ा


अनूपपुर। शुक्रवार की सुबह जिला मुख्यालय से सेट बरबसपुर गांव में एक सपेरा द्वारा 5 फीट के लगभग लंबे कोबरा नांग सांप को गांव में घूम-घूम कर प्रदर्शन करते हुए पैसा संग्रहित करने पर ग्रामीणों की सूचना पर जिले के सर्पप्रहरियों एवं वन कर्मचारियो द्वारा सपेरा को पकड़ कर उसके पास रखें 5 फीट लंबे कोबरा सांप को जप्त कर घायल सांप का उपचार करने बाद स्वतंत्र विचरण हेतु जंगल में छोड़ते हुए सपेरा को भविष्य में किसी भी वन्यप्राणी एवं सापो को पकड़ कर नहीं दिखाए जाने की हिदायत देते हुए परिजनों को सौपा। 25 अगस्त शुक्रवार की सुबह जिला मुख्यालय अनूपपुर से 4 किलोमीटर दूर स्थित बरबसपुर गांव में शहडोल जिले के रामपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत बेलिया गांव का 16 वर्षीय नाबालिक सपेरा 5 फीट लंबा कोबरा नाग सांप जिसे वह 15 दिन पूर्व अपने पैतृक गांव मैहर जिला सतना से लाकर जीवकोपार्जन के उद्देश्य से गांव-गांव मे ग्रामीणों को दिखाकर धन संग्रहित कर रहा था इसी बीच बरबसपुर में भी दिखाते जाने पर ग्रामीणों द्वारा जिला मुख्यालय अनूपपुर के सर्पप्रहरी एवं वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल को सूचना देने पर श्री अग्रवाल स्वयं एवं परिक्षेत्र सहा, फुनगा रमेश प्रसाद पटेल, वनरक्षक राजबली साकेत, दिनेश कुमार रौतेल, सर्पप्रहरी छोटेलाल यादव, मनोज यादव के साथ तत्काल मौके पर पहुंचकर ग्राम बेलिया निवासी गणेश उर्फ दिलीप पिता स्व, नाथ सपेरा के पास बांस की टोकरी (पिटारा) में रखें 5 फीट से अधिक लंबे कोबरा नांग सांप को अपनी अभिरक्षा में ले कर मौका पंचनामा की कार्यवाही की। पूछताछ दौरान नाबालिक गणेश सपेरा ने बताया कि लगभग 15 दिन पूर्व वह अपने पैतृक गांव मैहर जिला सतना से यह सांप अपने यहां लाया रहा जिसके दांतों को लोहे के सूजा एवं अन्य से तोड़ने बाद धन संग्रहण करने के उद्देश्य गांव-गांव में घूम कर ग्रामीण जनों को सांप दिखाते हुए धन संग्रहण करता है,जप्त किए गए कोबरा नाग को सपेरा सहित वनचैकी पोड़ी में रखकर पशु चिकित्सा एवं सर्पप्रहरियों द्वारा उपचार करते हुए सांप को स्वच्छंद विचरण हेतु जंगल में सुरक्षित स्थल पर छोड़ते हुए सपेरा को भविष्य में वन्यप्राणियों एवं सांपों को पड़कर रखने एवं धन संग्रहण के उद्देश्य से प्रताड़ित, प्रदर्शित नही करने की हिदायत देते हुए नाबालिक सपेरा को उसके परिजनों को गवाहों की उपस्थिति में सौपा गया।
रिपोर्ट शषिधर अग्रवाल