हरिशंकर को मिला डॉक्टर की उपाधि परिजनो ने दी शुभकामनाए

अमरकंण्टक। विभिन्न सामाजिक संगठनों में कार्य कर रहे समाजसेवी एवं शोधार्थी हरिशंकर कुमार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग से डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान किया गया है। हरिशंकर द्वारा श्छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के भूमि उपयोग और पर्यावरण परिवर्तनश् पर विगत 6 वर्षों से शोध किया जा रहा था जिसके पूर्ण होने पर उन्हें यह उपाधि प्रदान की गई है । शोध प्रबंध को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के भूगोलवेत्ता प्रो. बी. सी. वैद्या और केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रो.मुरारी लाल मीणा ने मूल्यांकन किया। शोधार्थी ने शोध प्रबंध के मौखिकी में पर्यवेक्षक के रूप में प्रो. मुरारी लाल मीणा के सभी प्रश्नों का तथ्यात्मक उत्तर देकर सरलता से प्रस्तुतीकरण किया। प्रो. मीणा द्वारा शोध से संबंधित बहुमुल्य सुझाव देते हुए भविष्य में अच्छे शोधकार्य करने की शुभकामना दिया गया। मूलतरू बिहार के पटना और गया निवासी हरिशंकर की प्राथमिक शिक्षा बिहार में हुई, उच्च शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हुआ तथा पीएचडी जनजातिय विश्वविद्यालय अमरकंटक से पूर्ण हुआ, अध्ययन अध्यापन के साथ-साथ इनके द्वारा सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भूमिका निभाई गई है, वर्तमान में अमरकंटक क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था प्रणाम नर्मदा युवा संघ से जुड़कर जनजाति शिक्षा, पर्यावरण तथा अन्य जागरूकता कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया गया है, चित्रकूट स्थित मंगल भूमि फाउंडेशन के माध्यम से मंदाकिनी नदी अध्ययन पर कार्यशाला का आयोजन कर देश की युवाओं को जागृत कर रहे हैं, इनके अतिरिक्त कोया पूनम गोंडवाना महासभा के राष्ट्रीय उप सचिव के रूप में जनजाति समुदाय के बीच में इनके द्वारा कार्य किया जा रहा है।