अमरकंटक में नर्मदा जन्मोत्सव की तैयारी पंडा पुजारियों में असंतोष,जाने क्या है यहां के पुजारियों के असंतोष की वजह

अमरकंटक। नर्मदा जन्मोत्सव को लेकर अमरकंटक में जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। वहीं जिला प्रशासन के एक फैसले ने नर्मदा मंदिर के पंडा पुजारियों में असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है।
पुजारियों ने बताया कि मां नर्मदा का जन्मोत्सव हर वर्ष परंपरागत और भव्य तरीके से मनाया जाता है जिसमें स्थानीय पुजारी विशेष पूजा-अर्चना और महाआरती कराते चले आ रहे हैं। लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन ने रामघाट पर आयोजित होने वाली महाआरती के लिए वाराणसी से 11 पुरोहितों को बुलाया है।पुजारियों का कहना है कि प्रशासन का यह कदम उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वाराणसी के पुरोहित मां नर्मदा की पूजा पद्धति को भलीभांति जानते हैं उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र की अपनी पूजा परंपराएं और विधियां होती हैं। जैसे नर्मदा के पुजारी मां गंगा की पूजा-पद्धति पूरी तरह नहीं जानते वैसे ही वाराणसी के पुरोहित भी नर्मदा पूजा में पारंगत नहीं हो सकते। पुजारियों ने जिला प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और जवाब देने की मांग की है। उनका कहना है कि नर्मदा जन्मोत्सव में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव भी महाआरती में शामिल होने संभावनाहै। ऐसे में यह सौभाग्य स्थानीय पुजारियों को मिलना चाहिए न कि वाराणसी से बुलाए गए पुरोहितों को। पुजारियों ने जिला प्रशासन पर स्थानीय परंपराओं और उनके अधिकारों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और मांग की कि इस विषय पर तुरंत समाधान निकाला जाए।